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भारत के साइबर सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की भूमिका पर चर्चा करें। निजी क्षेत्र को शामिल करने से जुड़ी चुनौतियाँ क्या हैं, और उनका समाधान कैसे किया जा सकता है? (200 शब्द)
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) की भूमिका साइबर सुरक्षित भारत पहल: जनवरी 2018 में शुरू की गई इस पहल में सरकारी विभागों के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (CISOs) और आईटी कर्मचारियों के लिए साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह अपनी तरह की पहली सार्वजनिक-निजी साझेदारी है, जो आईटी उद्योग की विशेषज्Read more
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) की भूमिका
निजी क्षेत्र को शामिल करने की चुनौतियाँ
समाधान
इन उपायों के माध्यम से, भारत सार्वजनिक-निजी भागीदारी के द्वारा अपने साइबर सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ कर सकता है।
See lessभारत की अर्थव्यवस्था और श्रम बल को नया आकार देने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा करें। पारंपरिक क्षेत्रों के लिए यह कौन सी प्रमुख चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है, और आजीविका के साधनोंं पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए कौन से उपाय लागू किए जा सकते हैं? (200 शब्द)
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का प्रभाव कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) भारतीय अर्थव्यवस्था और श्रम बल को नया आकार देने की क्षमता रखती है। एआई के माध्यम से उत्पादन क्षमता में वृद्धि, बेहतर डेटा विश्लेषण और कस्टमाइजेशन संभव हो रहा है। उदाहरण के लिए, एआई का उपयोग वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य क्षेत्रों मRead more
भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का प्रभाव
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) भारतीय अर्थव्यवस्था और श्रम बल को नया आकार देने की क्षमता रखती है। एआई के माध्यम से उत्पादन क्षमता में वृद्धि, बेहतर डेटा विश्लेषण और कस्टमाइजेशन संभव हो रहा है। उदाहरण के लिए, एआई का उपयोग वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य क्षेत्रों में किया जा रहा है, जिससे बेहतर सेवाएं और लागत में कमी आ रही है।
पारंपरिक क्षेत्रों में चुनौतियाँ
उपाय
एआई का सही दिशा में उपयोग भारत के विकास में अहम योगदान कर सकता है, बशर्ते कि इसका प्रभावी प्रबंधन किया जाए।
See less“उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति में भारत की कॉलेजियम प्रणाली की कार्यप्रणाली पर चर्चा करें। न्यायिक स्वतंत्रता और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाने में इसके सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?” (200 शब्द)
कॉलेजियम प्रणाली की कार्यप्रणाली भारत की कॉलेजियम प्रणाली न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है। इसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। ये उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की सिफारिश करते हैं। इसका उद्देश्य नRead more
कॉलेजियम प्रणाली की कार्यप्रणाली
भारत की कॉलेजियम प्रणाली न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है। इसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। ये उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की सिफारिश करते हैं। इसका उद्देश्य न्यायपालिका को कार्यपालिका से स्वतंत्र रखना है।
प्रमुख चुनौतियाँ
निष्कर्ष
कॉलेजियम प्रणाली न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखने में सफल रही है, लेकिन पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सुधार आवश्यक हैं।
See lessभारत में प्राकृतिक गैस हाइड्रेट्स की उपस्थिति का विवरण देते हुए, उनके महत्व और अन्वेषण से संबंधित मुख्य चुनौतियों पर चर्चा करें। (200 शब्द)
भारत में प्राकृतिक गैस हाइड्रेट्स की उपस्थिति भारत के समुद्र तटीय क्षेत्र, जैसे कृष्णा-गोदावरी, कावेरी, और अंडमान सागर में प्राकृतिक गैस हाइड्रेट्स के बड़े भंडार पाए जाते हैं। यह मीथेन गैस के रूप में एक ऊर्जा संसाधन हैं जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से कम प्रदूषण उत्पन्न करते हैं। महत्व: ऊर्जा सुरक्षा: गैRead more
भारत में प्राकृतिक गैस हाइड्रेट्स की उपस्थिति
भारत के समुद्र तटीय क्षेत्र, जैसे कृष्णा-गोदावरी, कावेरी, और अंडमान सागर में प्राकृतिक गैस हाइड्रेट्स के बड़े भंडार पाए जाते हैं। यह मीथेन गैस के रूप में एक ऊर्जा संसाधन हैं जो पर्यावरणीय दृष्टिकोण से कम प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।
महत्व:
मुख्य चुनौतियाँ:
भारत में इस संसाधन के अन्वेषण को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
See lessबढ़ते संरक्षणवाद के बीच, भारत की आर्थिक वृद्धि और आत्मनिर्भर भारत की रणनीति के लिए निहितार्थों का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। वैश्वीकरण के साथ संरक्षणवाद को संतुलित करने के लिए भारत द्वारा अपनाए जा सकने वाले संभावित उपायों पर चर्चा करें।
भूमिका बढ़ते संरक्षणवाद ने वैश्विक व्यापार और निवेश पर दबाव डाला है, जो भारत की आर्थिक वृद्धि और आत्मनिर्भर भारत की रणनीति को प्रभावित करता है। निहितार्थ निर्यात में कमी: भारत के निर्यात का 18% योगदान जीडीपी में है। संरक्षणवाद से यह सीमित हो सकता है। विदेशी निवेश पर प्रभाव: संरक्षणवादी नीतियों से विRead more
भूमिका
बढ़ते संरक्षणवाद ने वैश्विक व्यापार और निवेश पर दबाव डाला है, जो भारत की आर्थिक वृद्धि और आत्मनिर्भर भारत की रणनीति को प्रभावित करता है।
निहितार्थ
संभावित उपाय
निष्कर्ष
भारत को संरक्षणवाद और वैश्वीकरण के बीच संतुलन बनाकर आत्मनिर्भरता और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करनी चाहिए।
See less1765 से 1833 के बीच ब्रिटिश शासन और ईस्ट इंडिया कंपनी के संबंधों में हुए विकास का विश्लेषण कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
1765 से 1833 के बीच, ब्रिटिश शासन और ईस्ट इंडिया कंपनी के संबंधों में महत्वपूर्ण विकास हुए, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद की नींव रखी। प्रारंभिक विस्तार (1765): 1765 में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी (राजस्व संग्रहण) का अधिकार प्राप्त किया, जिससे कंपनी का प्रशासनिक नRead more
1765 से 1833 के बीच, ब्रिटिश शासन और ईस्ट इंडिया कंपनी के संबंधों में महत्वपूर्ण विकास हुए, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद की नींव रखी।
प्रारंभिक विस्तार (1765):
ब्रिटिश सरकार का हस्तक्षेप:
व्यापारिक एकाधिकार का अंत:
इन परिवर्तनों ने ब्रिटिश सरकार और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच संबंधों को पुनर्परिभाषित किया, जिससे भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।
See lessआरबीआई के पास मौद्रिक नीति के कौन-कौन से साधन उपलब्ध हैं? इन पर प्रकाश डालते हुए चर्चा करें कि यह वाणिज्यिक बैंकों के साथ-साथ सरकार के लिए भी किस प्रकार बैंकर की भूमिका निभाता है। (200 words)
मौद्रिक नीति के साधन भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अपनी मौद्रिक नीति के माध्यम से अर्थव्यवस्था की मुद्रा आपूर्ति और ब्याज दरों को नियंत्रित करता है। इसके प्रमुख साधन निम्नलिखित हैं: रेपो दर (Repo Rate): यह वह दर है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, 2024 में RBI नRead more
मौद्रिक नीति के साधन
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अपनी मौद्रिक नीति के माध्यम से अर्थव्यवस्था की मुद्रा आपूर्ति और ब्याज दरों को नियंत्रित करता है। इसके प्रमुख साधन निम्नलिखित हैं:
वाणिज्यिक बैंकों के बैंकर के रूप में RBI की भूमिका
सरकार के बैंकर के रूप में RBI की भूमिका
इन साधनों और भूमिकाओं के माध्यम से, RBI देश की आर्थिक और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
See lessयह पाया गया है कि 1948 में रिकॉर्ड रखे जाने के बाद से ग्रीनलैंड आइस शीट (GriS) अपने “सतही द्रव्यमान” में सबसे बड़ी गिरावट के दौर से गुजर रही है। इस गिरावट के कारणों और इसके संभावित परिणामों का विश्लेषण कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
ग्रीनलैंड आइस शीट के सतही द्रव्यमान में गिरावट के कारण वायुमंडलीय परिस्थितियाँ: 2019 की गर्मियों में ग्रीनलैंड में अभूतपूर्व वायुमंडलीय परिस्थितियों ने सतही द्रव्यमान संतुलन (SMB) में रिकॉर्ड या निकट-रिकॉर्ड गिरावट को बढ़ावा दिया। बढ़ता तापमान: आर्कटिक क्षेत्र में बढ़ते तापमान के कारण बर्फ पिघलने कीRead more
ग्रीनलैंड आइस शीट के सतही द्रव्यमान में गिरावट के कारण
इस गिरावट के संभावित परिणाम
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने और उसके प्रभावों के प्रति अनुकूलन की आवश्यकता है।
See lessहिमालय की वर्तमान जल निकासी प्रणाली में क्रमिक नदी अपहरण की भूमिका पर चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
हिमालय की जल निकासी प्रणाली में क्रमिक नदी अपहरण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो नदियों के मार्ग, जलग्रहण क्षेत्र और जल प्रवाह को प्रभावित करती है। नदी अपहरण की प्रक्रिया: नदी अपहरण वह प्रक्रिया है, जिसमें एक नदी अपने ऊर्ध्वाधर अपरदन (हेडवर्ड इरोजन) के माध्यम से दूसरी नदी के जल प्रवाह को अपने में सम्Read more
हिमालय की जल निकासी प्रणाली में क्रमिक नदी अपहरण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो नदियों के मार्ग, जलग्रहण क्षेत्र और जल प्रवाह को प्रभावित करती है।
नदी अपहरण की प्रक्रिया:
हिमालय में नदी अपहरण के प्रभाव:
वर्तमान घटनाएँ और आँकड़े:
निष्कर्ष:
महासागरीय लवणता को प्रभावित करने वाले कारकों को स्पष्ट करते हुए, इसके विश्वभर में स्थानिक वितरण पर चर्चा करें।”
महासागरीय जल की लवणता प्रति 1,000 ग्राम समुद्री जल में घुले लवणों की मात्रा को दर्शाती है, जिसे प्रति हजार (‰) में मापा जाता है। औसतन, महासागरीय जल की लवणता 35‰ होती है, अर्थात 1,000 ग्राम जल में 35 ग्राम लवण। लवणता को प्रभावित करने वाले कारक: वाष्पीकरण (Evaporation): वाष्पीकरण की उच्च दर लवणता बढ़ाRead more
महासागरीय जल की लवणता प्रति 1,000 ग्राम समुद्री जल में घुले लवणों की मात्रा को दर्शाती है, जिसे प्रति हजार (‰) में मापा जाता है। औसतन, महासागरीय जल की लवणता 35‰ होती है, अर्थात 1,000 ग्राम जल में 35 ग्राम लवण।
लवणता को प्रभावित करने वाले कारक:
लवणता का स्थानिक वितरण:
इस प्रकार, महासागरीय लवणता विभिन्न भौगोलिक, जलवायु और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से निर्धारित होती है, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु पैटर्न को प्रभावित करती है।
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