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किन आधारों पर किसी लोक प्रतिनिधि को, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अधीन निरर्हित किया जा सकता है ? उन उपचारों का भी उल्लेख कीजिए जो ऐसे निरर्हित व्यक्ति को अपनी निरर्हता के विरुद्ध उपलब्ध हैं। (250 words) [UPSC 2019]
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किसी लोक प्रतिनिधि को निरर्हित करने के आधार निम्नलिखित हैं: 1. अपराध और सजा: यदि कोई लोक प्रतिनिधि किसी गंभीर अपराध जैसे कि भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, या हिंसात्मक अपराध में दोषी पाया जाता है और उसे दो वर्ष या उससे अधिक की सजा मिलती है, तो उसे निरर्हित किया जा सकता हRead more
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किसी लोक प्रतिनिधि को निरर्हित करने के आधार निम्नलिखित हैं:
1. अपराध और सजा:
यदि कोई लोक प्रतिनिधि किसी गंभीर अपराध जैसे कि भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, या हिंसात्मक अपराध में दोषी पाया जाता है और उसे दो वर्ष या उससे अधिक की सजा मिलती है, तो उसे निरर्हित किया जा सकता है।
2. आय और संपत्ति की जानकारी में असत्यापन:
यदि लोक प्रतिनिधि अपनी आय और संपत्ति की जानकारी प्रस्तुत करने में असफल रहता है या गलत जानकारी देता है, तो उसे निरर्हित किया जा सकता है।
3. निर्वाचन आयोग के नियमों का उल्लंघन:
यदि कोई प्रतिनिधि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नियमों और आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो उसे निरर्हित किया जा सकता है।
4. सदस्यता की अवमानना:
संसद या विधानमंडल की कार्यवाही में शामिल न होने या अनुपस्थित रहने के मामले में भी निरर्हता लगाई जा सकती है, यदि अनुपस्थिति की अवधि आवश्यक मानदंडों से अधिक हो।
उपचार:
1. अपील:
निरर्हता की स्थिति में व्यक्ति के पास उच्च न्यायालय में अपील करने का विकल्प होता है। व्यक्ति निरर्हता के आदेश को चुनौती देने के लिए कानूनी अपील कर सकता है।
2. पुनर्विचार याचिका:
विधानसभा या संसद के विशेष मामलों में, निरर्हता के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जा सकती है।
3. दूसरी बार चुनाव:
निर्णायक निरर्हता के बाद, व्यक्ति अगले चुनाव में पुनः चुनाव के लिए खड़ा हो सकता है, यदि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप सिद्ध नहीं हुए या उसने सजा का पालन कर लिया है।
इन उपचारों के माध्यम से निरर्हित व्यक्ति को अपनी निरर्हता के खिलाफ कानूनी उपाय उपलब्ध होते हैं।
See less'आवश्यकता से कम नगदी, अत्यधिक राजनीति ने यूनेस्को को जीवन-रक्षण की स्थिति में पहुँचा दिया है ।' अमेरिका द्वारा सदस्यता परित्याग करने और सांस्कृतिक संस्था पर 'इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह' होने का दोषारोपण करने के प्रकाश में इस कथन की विवेचना कीजिए । (150 words) [UPSC 2019]
यूनेस्को को 'जीवन-रक्षण की स्थिति' में पहुँचा देने के कारण कई प्रमुख मुद्दे हैं: 1. नगदी की कमी: यूनेस्को को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उसकी कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अमेरिका जैसे प्रमुख सदस्य देशों द्वारा वित्तीय योगदान में कमी, जैसे कि 2018 में अमेरिका द्वारा सदसRead more
यूनेस्को को ‘जीवन-रक्षण की स्थिति’ में पहुँचा देने के कारण कई प्रमुख मुद्दे हैं:
1. नगदी की कमी:
यूनेस्को को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उसकी कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अमेरिका जैसे प्रमुख सदस्य देशों द्वारा वित्तीय योगदान में कमी, जैसे कि 2018 में अमेरिका द्वारा सदस्यता परित्याग, ने संगठन की वित्तीय स्थिरता को संकट में डाल दिया है।
2. राजनीतिक विवाद:
यूनेस्को पर ‘इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह’ का आरोप, विशेषकर उस समय जब कई प्रस्ताव और निर्णय इजराइल के खिलाफ लिए गए, ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में विवाद पैदा किया है। अमेरिका और अन्य देशों के द्वारा इस पूर्वाग्रह के खिलाफ विरोध ने संगठन की राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर दिया है।
3. सांस्कृतिक और शैक्षणिक मिशन पर प्रभाव:
इन समस्याओं के कारण, यूनेस्को अपने सांस्कृतिक और शैक्षणिक मिशनों को प्रभावी ढंग से लागू करने में असमर्थ हो रहा है, जिससे वैश्विक सांस्कृतिक संरक्षण और शिक्षा के प्रयास प्रभावित हो रहे हैं।
इन मुद्दों के समाधान के लिए, यूनेस्को को वित्तीय स्थिरता और राजनीतिक पूर्वाग्रहों को संबोधित करने की आवश्यकता है ताकि वह अपने लक्ष्यों को पूरा कर सके और वैश्विक सांस्कृतिक साझेदारी में योगदान दे सके।
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