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अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) से संबंधित नाप का क्या मतलब है? हाल के समय में AMOC के कमजोर होने के कारणों और इसके प्रभावों पर चर्चा करें। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) अटलांटिक महासागर में गर्म सतही जल के उत्तर की ओर प्रवाह और ठंडे गहरे जल के दक्षिण की ओर वापसी की प्रणाली है, जो वैश्विक जलवायु संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। AMOC के कमजोर होने के कारण: जलवायु परिवर्तन: ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता से महासRead more
अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) अटलांटिक महासागर में गर्म सतही जल के उत्तर की ओर प्रवाह और ठंडे गहरे जल के दक्षिण की ओर वापसी की प्रणाली है, जो वैश्विक जलवायु संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
AMOC के कमजोर होने के कारण:
AMOC के कमजोर होने के प्रभाव:
क्षोभमंडल और समताप मंडल में ओजोन के निर्माण की प्रक्रियाओं और उनकी भूमिकाओं में अंतर को स्पष्ट कीजिए। इसके अतिरिक्त, क्षोभमंडलीय ओजोन के प्रभावों को कम करने के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा कीजिए। (200 शब्दों में उत्तर दें)
क्षोभमंडल और समताप मंडल में ओजोन का निर्माण क्षोभमंडल में ओजोन: यह ओजोन मानवीय गतिविधियों, जैसे वाहनों और उद्योगों से उत्पन्न वायुमंडलीय प्रदूषकों के कारण बनता है। यह प्रदूषक रासायनिक प्रतिक्रियाओं में संलग्न होकर ओजोन का निर्माण करते हैं। क्षोभमंडल में ओजोन को "गंदा ओजोन" कहा जाता है, जो प्रदूषण काRead more
क्षोभमंडल और समताप मंडल में ओजोन का निर्माण
क्षोभमंडलीय ओजोन के प्रभावों को कम करने के उपाय
भारत में चीनी उद्योग की स्थिति का विवरण करें और साथ ही उत्तर भारत से दक्षिण भारत में इसके स्थानांतरण के कारणों पर चर्चा करें। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
परिचय भारत चीनी उत्पादन में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह उद्योग कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उत्तर भारत से दक्षिण भारत में स्थानांतरण के कारण उच्च चीनी रिकवरी दर दक्षिण भारत (महाराष्ट्र, कर्नाटक) में चीनी रिकवरी दर 11-12% है, जबकि उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश) में यहRead more
परिचय
भारत चीनी उत्पादन में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह उद्योग कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उत्तर भारत से दक्षिण भारत में स्थानांतरण के कारण
निष्कर्ष
इन कारणों से चीनी उद्योग दक्षिण भारत की ओर स्थानांतरित हो रहा है, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
See lessभारत में चीनी उद्योग की स्थिति का विवरण करें और साथ ही उत्तर भारत से दक्षिण भारत में इसके स्थानांतरण के कारणों पर चर्चा करें। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
परिचय भारत चीनी उत्पादन में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह उद्योग कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उत्तर भारत से दक्षिण भारत में स्थानांतरण के कारण उच्च चीनी रिकवरी दर दक्षिण भारत (महाराष्ट्र, कर्नाटक) में चीनी रिकवरी दर 11-12% है, जबकि उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश) में यहRead more
परिचय
भारत चीनी उत्पादन में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह उद्योग कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उत्तर भारत से दक्षिण भारत में स्थानांतरण के कारण
निष्कर्ष
इन कारणों से चीनी उद्योग दक्षिण भारत की ओर स्थानांतरित हो रहा है, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है।
See lessभारतीय संविधान की मूल संरचना (बेसिक स्ट्रक्चर) का सिद्धांत न्यायिक नवाचार के रूप में किस प्रकार उभरकर सामने आया है? विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारतीय संविधान की मूल संरचना: न्यायिक नवाचार भारतीय संविधान की मूल संरचना का सिद्धांत, न्यायपालिका द्वारा संविधान की स्थिरता और लोकतंत्र की रक्षा हेतु विकसित एक अनूठा नवाचार है। मुख्य घटनाएँ गोलकनाथ मामला (1967): संसद को मौलिक अधिकारों में संशोधन से रोका गया। केशवानंद भारती मामला (1973): सुप्रीम कोरRead more
भारतीय संविधान की मूल संरचना: न्यायिक नवाचार
भारतीय संविधान की मूल संरचना का सिद्धांत, न्यायपालिका द्वारा संविधान की स्थिरता और लोकतंत्र की रक्षा हेतु विकसित एक अनूठा नवाचार है।
मुख्य घटनाएँ
तत्व और उदाहरण
निष्कर्ष
यह सिद्धांत संविधान के स्थायित्व और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायिक नवाचार का सर्वोत्तम उदाहरण है।
See lessउष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए अनुकूल परिस्थितियों की सूची प्रस्तुत कीजिए और साथ ही उष्णकटिबंधीय तथा शीतोष्ण चक्रवातों के बीच अंतर को स्पष्ट कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति की अनुकूल परिस्थितियाँ समुद्र का तापमान: 26.5°C से अधिक। नमी: निचली और मध्य वायुमंडलीय परतों में उच्च नमी। कोरिओलिस प्रभाव: 5° से 20° अक्षांश के बीच मजबूत। वायुमंडलीय अस्थिरता: गर्म, नम हवा का ऊपर उठना। कम पवन कतरनी: वायुमंडल में तेज हवाओं का कम बदलाव। उष्णकटिबंधीयRead more
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति की अनुकूल परिस्थितियाँ
उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण चक्रवातों में अंतर
उदाहरण
निष्कर्ष
दोनों प्रकार के चक्रवात अलग स्रोतों और संरचनाओं पर निर्भर होते हैं।
See less“महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत क्या होता है? इस सिद्धांत का समर्थन करने वाले साक्ष्यों की चर्चा कीजिए।” (200 शब्द)
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत: महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory) का प्रस्ताव अल्फ्रेड वेगेनर ने 1912 में किया था। इस सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी के महाद्वीप पहले एकजुट होकर एक विशाल महाद्वीप, 'पैंजिया', के रूप में थे। समय के साथ यह पैंजिया टूटकर अलग-अलग महाद्वीपों में बंट गया, और येRead more
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत:
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत (Continental Drift Theory) का प्रस्ताव अल्फ्रेड वेगेनर ने 1912 में किया था। इस सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी के महाद्वीप पहले एकजुट होकर एक विशाल महाद्वीप, ‘पैंजिया’, के रूप में थे। समय के साथ यह पैंजिया टूटकर अलग-अलग महाद्वीपों में बंट गया, और ये महाद्वीप आज भी धीरे-धीरे स्थानांतरित हो रहे हैं।
साक्ष्य:
इन साक्ष्यों ने महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत को मजबूत किया और पृथ्वी की संरचना के बारे में नए विचार प्रस्तुत किए।
See lessअत्यधिक और अविवेकपूर्ण रेत खनन की पारिस्थितिकीय लागत इसके आर्थिक लाभों से कहीं अधिक होती है। इस संदर्भ में, संधारणीय रेत खनन के महत्व पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
अत्यधिक रेत खनन से अल्पकालिक आर्थिक लाभ मिलता है, लेकिन इसकी पर्यावरणीय और सामाजिक लागत अत्यधिक होती है। पर्यावरणीय प्रभाव: जल संकट: खनन से भूजल स्तर गिरता है। राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में यह स्थिति विकराल होती जा रही है। जैव विविधता का नुकसान: उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की नदियों में खनन नेRead more
अत्यधिक रेत खनन से अल्पकालिक आर्थिक लाभ मिलता है, लेकिन इसकी पर्यावरणीय और सामाजिक लागत अत्यधिक होती है।
पर्यावरणीय प्रभाव:
समाधान और उदाहरण:
अतः रेत खनन में सतत उपाय अपनाने से ही पर्यावरण और आर्थिक संतुलन सुनिश्चित किया जा सकता है।
See lessसॉफ्टवेयर से आप क्या समझते हैं? देश के आर्थिक विकास में कैसे सॉफ्टवेयर उद्योग रीढ़ की हड्डी के समान है. समझाएँ। कंप्यूटर की भाषाओं के विकास पर अपना मत स्पष्ट करें तथा समझाएँ कि हमारे देश का इस क्षेत्र में क्या योगदान है? [63वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2017]
सॉफ्टवेयर उद्योग और इसके योगदान सॉफ्टवेयर एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है, जो हार्डवेयर को निर्देश देकर उसे कार्य करने के लिए उपयोग करता है। यह दो प्रमुख प्रकारों में बंटा होता है: एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर। उदाहरण के लिए, Microsoft Windows (सिस्टम सॉफ्टवेयर) और MS Word (एप्लिकेशन सॉफ्टवRead more
सॉफ्टवेयर उद्योग और इसके योगदान
सॉफ्टवेयर एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है, जो हार्डवेयर को निर्देश देकर उसे कार्य करने के लिए उपयोग करता है। यह दो प्रमुख प्रकारों में बंटा होता है: एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर। उदाहरण के लिए, Microsoft Windows (सिस्टम सॉफ्टवेयर) और MS Word (एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर) प्रमुख हैं।
सॉफ्टवेयर उद्योग का आर्थिक विकास में योगदान
सॉफ्टवेयर उद्योग भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ की हड्डी के समान है। यह उद्योग न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी पहचान बना चुका है। भारत की आईटी सेवा निर्यात 2023-24 में 200 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
कंप्यूटर भाषाओं का विकास
कंप्यूटर भाषाएँ, जैसे C, Java, और Python, सॉफ्टवेयर विकास के लिए आवश्यक हैं। भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग ने इन भाषाओं के उपयोग और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय इंजीनियरों ने इन भाषाओं का उपयोग करके विश्व स्तर पर समाधान दिए हैं।
सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष
सकारात्मक पहलू:
नकारात्मक पहलू:
निष्कर्ष
सॉफ्टवेयर उद्योग भारत के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके योगदान से न केवल देश की अर्थव्यवस्था को गति मिली है, बल्कि इसने वैश्विक मानचित्र पर भारत को एक प्रमुख स्थान दिलवाया है।
See lessनाभिकीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति, हमारे देश के विकास में किस प्रकार से सहायक है. विस्तार से समझाएँ। नाभिकीय ऊर्जा किस प्रकार से देश की कुल ऊर्जा के उत्पादन के क्षेत्र में सहायक, चर्चा करें। नाभिकीय ऊर्जा के सकारात्मक एवं ऋणात्मक पक्ष को स्पष्ट करें। [63वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2017]
परिचय नाभिकीय ऊर्जा, ऊर्जा उत्पादन के एक प्रभावी और सुरक्षित साधन के रूप में उभर कर सामने आई है। यह हमारे देश के ऊर्जा संकट को कम करने, विकास दर को बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभावों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। देश के विकास में सहायक नाभिकीय ऊर्जा की प्रगति हमारे देश के लिए कई लाभकRead more
परिचय
नाभिकीय ऊर्जा, ऊर्जा उत्पादन के एक प्रभावी और सुरक्षित साधन के रूप में उभर कर सामने आई है। यह हमारे देश के ऊर्जा संकट को कम करने, विकास दर को बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभावों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
देश के विकास में सहायक
नाभिकीय ऊर्जा की प्रगति हमारे देश के लिए कई लाभकारी पहलुओं को प्रस्तुत करती है:
नाभिकीय ऊर्जा का योगदान
नाभिकीय ऊर्जा के सकारात्मक पक्ष
ऋणात्मक पक्ष
निष्कर्ष
See lessनाभिकीय ऊर्जा, भारत के ऊर्जा मिश्रण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, लेकिन इसके साथ सुरक्षा, पर्यावरणीय प्रभाव और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके बावजूद, अगर सही तरीके से इसका प्रबंधन किया जाए, तो यह देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।