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भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार, किस राज्य में स्त्री एवं पुरुष साक्षरता में सर्वाधिक अन्तर है ?
भारत में स्त्री एवं पुरुष साक्षरता में सर्वाधिक अन्तर भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार राज्य में स्त्री और पुरुष साक्षरता में सबसे अधिक अन्तर है।
भारत में स्त्री एवं पुरुष साक्षरता में सर्वाधिक अन्तर
भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार राज्य में स्त्री और पुरुष साक्षरता में सबसे अधिक अन्तर है।
See lessमध्य प्रदेश के किस कृषि जलवायु प्रदेश में सिंचित भूमि का प्रतिशत अधिक है ?
मध्य प्रदेश में सिंचित भूमि का प्रतिशत मध्य प्रदेश के उत्तरी समशीतोष्ण कृषि जलवायु प्रदेश में सिंचित भूमि का प्रतिशत अधिक है।
मध्य प्रदेश में सिंचित भूमि का प्रतिशत
मध्य प्रदेश के उत्तरी समशीतोष्ण कृषि जलवायु प्रदेश में सिंचित भूमि का प्रतिशत अधिक है।
See lessपेय जल में अशुद्धियों के कारक लिखिए।
पेय जल में अशुद्धियों के कारक पेय जल में अशुद्धियाँ कई कारणों से होती हैं, जो जल की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं। 1. प्राकृतिक कारण मिट्टी और खनिज: नदी, झील या कुओं में मिट्टी, खनिज और अन्य अवशेष मिल सकते हैं, जैसे लोहा और मैंगनीज। सूक्ष्मजीव: जल स्रोतों में बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीव (जैRead more
पेय जल में अशुद्धियों के कारक
पेय जल में अशुद्धियाँ कई कारणों से होती हैं, जो जल की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।
1. प्राकृतिक कारण
2. मानवजनित कारण
इन कारकों से पेय जल में विभिन्न प्रकार की अशुद्धियाँ मिल जाती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
See lessभारत में मृदा संरक्षण की कौन-कौन सी विधियाँ प्रयोग की जाती हैं?
भारत में मृदा संरक्षण की विधियाँ भारत में मृदा की उर्वरता को बनाए रखने और उसे संरक्षित करने के लिए विभिन्न विधियाँ अपनाई जाती हैं। ये विधियाँ मिट्टी के कटाव को रोकने, जलधारण क्षमता बढ़ाने और कृषि उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। 1. वाटरशेड प्रबंधन वाटरशेड प्रबंधन में जल संचित करने के लिए बाडRead more
भारत में मृदा संरक्षण की विधियाँ
भारत में मृदा की उर्वरता को बनाए रखने और उसे संरक्षित करने के लिए विभिन्न विधियाँ अपनाई जाती हैं। ये विधियाँ मिट्टी के कटाव को रोकने, जलधारण क्षमता बढ़ाने और कृषि उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
1. वाटरशेड प्रबंधन
2. नम मिट्टी की सिंचाई
3. वृक्षारोपण
4. स्ट्रिप क्रॉपिंग
इन विधियों से भारत में मृदा संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा मिल रहा है और भूमि की उर्वरता बनी रहती है।
See lessभारत में भूमि सुधार हेतु लिए गए कदम क्या हैं?
भारत में भूमि सुधार हेतु लिए गए कदम भारत में भूमि सुधार के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, ताकि कृषि क्षेत्र में सुधार हो और गरीब किसानों को लाभ मिले। 1. जमींदारी उन्मूलन जमींदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए जमींदारी उन्मूलन अधिनियम (1950) लागू किया गया। इसका उद्देश्य किसानों को ज़मीन का मालिकाना अधिRead more
भारत में भूमि सुधार हेतु लिए गए कदम
भारत में भूमि सुधार के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, ताकि कृषि क्षेत्र में सुधार हो और गरीब किसानों को लाभ मिले।
1. जमींदारी उन्मूलन
2. भूमि पुनर्वितरण
3. ब्याज दरों का नियमन
इन कदमों से किसानों को भूमि का अधिकार और कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में मदद मिली है।
See lessमध्य प्रदेश में दलहन उत्पादक क्षेत्रों का विवरण दीजिए ।
मध्य प्रदेश में दलहन उत्पादक क्षेत्रों का विवरण मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक राज्य है। यहाँ विभिन्न प्रकार के दलहनों का उत्पादन किया जाता है, जो किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। प्रमुख दलहन उत्पादक क्षेत्र नीमच और मंदसौर: इन क्षेत्रों में प्रमुख रूप से चना, उड़द और मटर की खेतीRead more
मध्य प्रदेश में दलहन उत्पादक क्षेत्रों का विवरण
मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक राज्य है। यहाँ विभिन्न प्रकार के दलहनों का उत्पादन किया जाता है, जो किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
प्रमुख दलहन उत्पादक क्षेत्र
उत्पादन में योगदान
मध्य प्रदेश देश में चने और तूर का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, और यहाँ के किसान दलहन की खेती से आर्थिक लाभ उठाते हैं।
See lessभारत में पैट्रोलियम उत्पादन एवं वितरण का विवरण लिखिए ।
भारत में पेट्रोलियम उत्पादन एवं वितरण भारत पेट्रोलियम उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है और इसका अधिकांश पेट्रोलियम आयात किया जाता है। देश में तेल एवं गैस की खोज, उत्पादन और वितरण का काम प्रमुख तेल कंपनियाँ जैसे ONGC, Indian Oil, और Reliance करती हैं। पेट्रोलियम उत्पादन उत्पादन क्षेत्र: भारत के प्रमुख तRead more
भारत में पेट्रोलियम उत्पादन एवं वितरण
भारत पेट्रोलियम उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है और इसका अधिकांश पेट्रोलियम आयात किया जाता है। देश में तेल एवं गैस की खोज, उत्पादन और वितरण का काम प्रमुख तेल कंपनियाँ जैसे ONGC, Indian Oil, और Reliance करती हैं।
पेट्रोलियम उत्पादन
पेट्रोलियम वितरण
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्या है? मध्य प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का संक्षिप्त विवरण दीजिए ।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्या है? खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कच्चे खाद्य पदार्थों को सुरक्षित, लंबे समय तक टिकाऊ और उपयोग में लायक उत्पादों में बदलने की प्रक्रिया है। इसमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों जैसे फल, सब्जियाँ, अनाज, मांस आदि को प्रोसेस, पैक और संरक्षित किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, फलRead more
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्या है?
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कच्चे खाद्य पदार्थों को सुरक्षित, लंबे समय तक टिकाऊ और उपयोग में लायक उत्पादों में बदलने की प्रक्रिया है। इसमें विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों जैसे फल, सब्जियाँ, अनाज, मांस आदि को प्रोसेस, पैक और संरक्षित किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, फल से जूस, गेहूँ से आटा, और दूध से दही बनाना खाद्य प्रसंस्करण के उदाहरण हैं।
मध्य प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का संक्षिप्त विवरण
मध्य प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है। राज्य में कृषि उपज की भरमार है, और इस उद्योग ने किसानों के लिए नए अवसर पैदा किए हैं।
राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए कई योजनाओं और प्रोत्साहनों की घोषणा की है।
See lessमोहनदास करमचंद गाँधी के ट्रस्टीशीप/न्यासधारिता सिद्धांत को समझाइये ।
मोहनदास करमचंद गाँधी का ट्रस्टीशीप सिद्धांत सिद्धांत का परिचय गाँधी जी का ट्रस्टीशीप सिद्धांत मुख्यतः यह बताता है कि धन और संपत्ति का स्वामी होना नहीं, बल्कि उनका सही उपयोग करना ज़रूरी है। मुख्य बिंदु समाज के प्रति जिम्मेदारी: संपत्ति का उपयोग समाज के कल्याण के लिए करना चाहिए, न कि केवल व्यक्तिगत लाRead more
मोहनदास करमचंद गाँधी का ट्रस्टीशीप सिद्धांत
सिद्धांत का परिचय
गाँधी जी का ट्रस्टीशीप सिद्धांत मुख्यतः यह बताता है कि धन और संपत्ति का स्वामी होना नहीं, बल्कि उनका सही उपयोग करना ज़रूरी है।
मुख्य बिंदु
निष्कर्ष
गाँधी जी का ट्रस्टीशीप सिद्धांत हमें यह सिखाता है कि संपत्ति का सही उपयोग कर हम समाज को बेहतर बना सकते हैं। यह सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है।
See lessराममनोहर लोहिया द्वारा व्यक्त 'चार स्तंभ राज्य' की अवधारणा की व्याख्या कीजिए ।
राममनोहर लोहिया की 'चार स्तंभ राज्य' की अवधारणा राममनोहर लोहिया ने 'चार स्तंभ राज्य' की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें निम्नलिखित चार स्तंभ शामिल हैं: राजनीति: सही दिशा में नेतृत्व और प्रतिनिधित्व। अर्थव्यवस्था: आर्थिक समानता और न्याय। संस्कृति: सांस्कृतिक विविधता और एकता का सम्मान। समाज: सामाजिक न्यायRead more
राममनोहर लोहिया की ‘चार स्तंभ राज्य’ की अवधारणा
राममनोहर लोहिया ने ‘चार स्तंभ राज्य’ की अवधारणा प्रस्तुत की, जिसमें निम्नलिखित चार स्तंभ शामिल हैं:
उदाहरण
लोहिया का यह विचार लोकतंत्र को मजबूत करने और समाज के हर वर्ग को शामिल करने पर जोर देता है। उनके अनुसार, इन चार स्तंभों के बिना एक स्थिर और समृद्ध राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती।
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