(a) “शिक्षा का अंतिम-उत्पाद एक ऐसा स्वतंत्र रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्रकृति की प्रतिकूलताओं से लड़ सके।” डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (b) “क्षमा कोई कभी-कभार किया जाने वाला कार्य नहीं है। यह एक स्थायी अभिवृत्ति है।” मार्टिन लूथर ...
सहानुभूति को समझने के लिए मुख्य घटक हैं प्रभावशाली समझ, भावनात्मक लगाव, और संज्ञानात्मक दृष्टिकोण। उदाहरण के माध्यम से इसे स्पष्ट किया जा सकता है: प्रभावशाली समझ: यह घटक किसी के भावनात्मक अनुभव को समझने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका मित्र निराश है, तो आप उसकी स्थिति को समझते हैं कि वह क्योंRead more
सहानुभूति को समझने के लिए मुख्य घटक हैं प्रभावशाली समझ, भावनात्मक लगाव, और संज्ञानात्मक दृष्टिकोण। उदाहरण के माध्यम से इसे स्पष्ट किया जा सकता है:
- प्रभावशाली समझ: यह घटक किसी के भावनात्मक अनुभव को समझने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका मित्र निराश है, तो आप उसकी स्थिति को समझते हैं कि वह क्यों दुखी है और उसकी भावनाओं का सम्मान करते हैं।
- भावनात्मक लगाव: इसमें आप दूसरे की भावनाओं को महसूस करते हैं और उससे जुड़ते हैं। जैसे, जब आपके मित्र का बुरा दिन होता है, तो आप उसकी स्थिति से प्रभावित होकर खुद भी थोड़े उदास महसूस करते हैं।
- संज्ञानात्मक दृष्टिकोण: यह घटक दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई आपके विचार से अलग राय रखता है, तो आप उसकी राय को समझने की कोशिश करते हैं और उसके दृष्टिकोण को मान्यता देते हैं।
इन तीन घटकों के संयोजन से सहानुभूति उत्पन्न होती है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों को सुदृढ़ करती है।
See less
(a) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उद्धरण यह दर्शाता है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्वतंत्र और रचनात्मक व्यक्ति तैयार करना भी है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर सके। शिक्षा को सिखाने के बजाय समस्याओं का समाधान निकालने, स्व-निर्णय लेने, और प्राकृतिक और सामRead more
(a) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उद्धरण यह दर्शाता है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि एक ऐसा स्वतंत्र और रचनात्मक व्यक्ति तैयार करना भी है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर सके। शिक्षा को सिखाने के बजाय समस्याओं का समाधान निकालने, स्व-निर्णय लेने, और प्राकृतिक और सामाजिक कठिनाइयों से लड़ने की क्षमता को बढ़ावा देना चाहिए।
(b) मार्टिन लूथर किंग, जूनियर का उद्धरण यह इंगित करता है कि क्षमा एक क्षणिक कार्य नहीं, बल्कि एक स्थायी मानसिकता है। क्षमा को आदत और मानसिकता के रूप में अपनाया जाना चाहिए, जिससे व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों में स्थायी शांति और समझ बनी रहे।
(c) रोनाल्ड रीगन का उद्धरण नेतृत्व के महत्व को रेखांकित करता है। एक प्रभावी नेता वह नहीं होता जो केवल व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल करता है, बल्कि वह होता है जो दूसरों को प्रेरित करता है और उन्हें उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। एक महान नेता अपनी टीम की क्षमता को पहचानता है और उन्हें महान कार्य करने के लिए सक्षम बनाता है।
See less