Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
क्या भारत का पाषाणकालीन मानव अग्नि का प्रयोग जानता था ? व्याख्या कीजिए। [उत्तर सीमा: 20 शब्द] [UKPSC 2023]
हाँ, पाषाणकालीन मानव ने आग का प्रयोग खाना पकाने, गर्म रहने और शिकार के लिए किया। यह उनके विकास में महत्वपूर्ण था।
हाँ, पाषाणकालीन मानव ने आग का प्रयोग खाना पकाने, गर्म रहने और शिकार के लिए किया। यह उनके विकास में महत्वपूर्ण था।
See lessनिम्नलिखित में से किसी एक विषय का चयन करते हए, हिन्दी अथवा अंग्रेजी भाषा में निबंध लिखिए
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य मिशन भारत सरकार ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का समाधान करने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य मिशनों की शुरुआत की है। ये मिशन न केवल स्वास्थ्य देखभाल को सुलभ बनाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा और जागरूकता को भी बढ़ावRead more
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य मिशन
भारत सरकार ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का समाधान करने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य मिशनों की शुरुआत की है। ये मिशन न केवल स्वास्थ्य देखभाल को सुलभ बनाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा और जागरूकता को भी बढ़ावा देते हैं। इस निबंध में हम प्रमुख स्वास्थ्य मिशनों का अवलोकन करेंगे और उनके उद्देश्यों एवं प्रभाव पर चर्चा करेंगे।
1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य देश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाना है। यह मिशन मुख्यतः दो भागों में विभाजित है: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM)। NRHM का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना है, जबकि NUHM शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल को सुधारने के लिए कार्यरत है। यह मिशन मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने, रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर जोर देता है।
2. आयुष्मान भारत
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, प्रत्येक परिवार को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलता है, जिसका उपयोग अस्पताल में भर्ती होने के दौरान किया जा सकता है। इस योजना ने लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच प्रदान की है और अस्पतालों में इलाज की लागत को कम किया है।
3. स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन, जिसे 2014 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य स्वच्छता और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। इसका लक्ष्य देशभर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना और खुले में शौच को समाप्त करना है। इस मिशन के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण, कचरा प्रबंधन, और सार्वजनिक स्थलों की सफाई पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है, जैसे कि संक्रामक बीमारियों की रोकथाम।
4. राष्ट्रीय पोषण मिशन
राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य कुपोषण को समाप्त करना है। यह मिशन माताओं और बच्चों के पोषण के स्तर को सुधारने के लिए योजनाएँ बनाता है। इसके अंतर्गत, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पोषण कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
5. HIV/AIDS नियंत्रण कार्यक्रम
भारत में HIV/AIDS के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए यह मिशन स्थापित किया गया है। यह कार्यक्रम जागरूकता फैलाने, परीक्षण और उपचार की सुविधाएँ प्रदान करने के लिए कार्यरत है। इसके अंतर्गत, एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए सामाजिक और चिकित्सा सहायता का प्रावधान किया गया है।
निष्कर्ष
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य मिशन न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने का कार्य कर रहे हैं, बल्कि वे सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये मिशन स्वास्थ्य सुरक्षा, पोषण, स्वच्छता, और बीमारी की रोकथाम जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हालांकि, इन मिशनों की प्रभावशीलता का आकलन करने और उन्हें सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं। हमें यह समझना चाहिए कि स्वास्थ्य केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के सभी वर्गों को मिलकर इसे सुनिश्चित करना है।
इन स्वास्थ्य मिशनों के माध्यम से भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नई दिशा दी है, और इनसे भारतीय समाज की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार की संभावना है।
See lessनिम्नलिखित में से किसी एक विषय का चयन करते हुए, हिन्दी अथवा अंग्रेजी भाषा में निबंध लिखिए |
जोशीमठ भूस्खलन: एक मानवजन्य त्रासदी जोशीमठ, उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध शहर, हाल के वर्षों में भूस्खलन की घटनाओं के लिए चर्चित रहा है। यह स्थिति केवल प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि यह एक मानवजन्य त्रासदी का परिणाम है। इस निबंध में, हम इस त्रासदी के पीछे के कारणों और इसके प्रभावों का विश्लेषण करेंगे। जोशRead more
जोशीमठ भूस्खलन: एक मानवजन्य त्रासदी
जोशीमठ, उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध शहर, हाल के वर्षों में भूस्खलन की घटनाओं के लिए चर्चित रहा है। यह स्थिति केवल प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि यह एक मानवजन्य त्रासदी का परिणाम है। इस निबंध में, हम इस त्रासदी के पीछे के कारणों और इसके प्रभावों का विश्लेषण करेंगे।
जोशीमठ की भौगोलिक स्थिति, जो कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित है, उसे भूस्खलन के लिए संवेदनशील बनाती है। हालाँकि, यह स्पष्ट है कि स्थानीय विकास की अनियोजित गतिविधियाँ इस समस्या को और बढ़ा रही हैं। यहाँ पर अति निर्माण, अनियोजित शहरीकरण, और अवैध खनन जैसी गतिविधियाँ प्रमुख कारक हैं। जब प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे बारिश और भूकंप, आती हैं, तो ये मानवीय क्रियाकलाप भूस्खलन को और अधिक गंभीर बना देते हैं।
जोशीमठ में बड़ी मात्रा में होटल, रिसॉर्ट, और अन्य निर्माण परियोजनाएँ चल रही हैं। इन परियोजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में वनों की कटाई की जा रही है, जिससे भूमि की स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब मिट्टी की जड़ों को नुकसान पहुँचता है, तो यह भूस्खलन का एक प्रमुख कारण बनता है। इसके अलावा, जल निकासी प्रणाली की कमी भी समस्या को बढ़ा रही है, जिससे बारिश के पानी का संचय होता है और भूमि का कटाव होता है।
इसके परिणामस्वरूप, स्थानीय निवासियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। उनके घरों और संपत्तियों को खतरा है, और कई लोगों को स्थानांतरित होना पड़ा है। सरकार ने आपातकालीन सेवाएँ शुरू की हैं, लेकिन यह समस्या केवल तात्कालिक उपायों से हल नहीं हो सकती। एक दीर्घकालिक योजना और स्थायी विकास की आवश्यकता है।
इसके अलावा, जोशीमठ की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हुई है। पर्यटन इस क्षेत्र की मुख्य आय का स्रोत है, लेकिन भूस्खलन के कारण पर्यटन में कमी आई है। इससे स्थानीय व्यवसाय और रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यह एक चक्रवात की तरह है; जब एक क्षेत्र आर्थिक रूप से कमजोर होता है, तो यह विकास के अन्य पहलुओं को भी प्रभावित करता है।
अंत में, जोशीमठ भूस्खलन केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं है; यह एक मानवजन्य त्रासदी है। इसके कारणों की पहचान और समाधान के लिए समुचित योजनाओं की आवश्यकता है। हमें यह समझना होगा कि विकास और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, हमें एक सतत और जिम्मेदार विकास मॉडल की ओर अग्रसर होना होगा, ताकि जोशीमठ और इसके निवासियों को सुरक्षित और समृद्ध जीवन जीने का अवसर मिल सके।
See lessकम्प्यूटर से सम्बन्धित किन्हीं दो का परिचय दीजिए |
(i) हार्डवेयर: हार्डवेयर कम्प्यूटर के भौतिक भागों को कहा जाता है, जिन्हें हम देख और छू सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से प्रोसेसर, मदरबोर्ड, मेमोरी, हार्ड डिस्क, कीबोर्ड, माउस, और मॉनिटर शामिल होते हैं। हार्डवेयर कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली को समर्थन प्रदान करता है और बिना इसके सॉफ्टवेयर काम नहीं कर सकता।Read more
(i) हार्डवेयर:
हार्डवेयर कम्प्यूटर के भौतिक भागों को कहा जाता है, जिन्हें हम देख और छू सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से प्रोसेसर, मदरबोर्ड, मेमोरी, हार्ड डिस्क, कीबोर्ड, माउस, और मॉनिटर शामिल होते हैं। हार्डवेयर कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली को समर्थन प्रदान करता है और बिना इसके सॉफ्टवेयर काम नहीं कर सकता। हार्डवेयर के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे इनपुट डिवाइस (जैसे कीबोर्ड, माउस), आउटपुट डिवाइस (जैसे मॉनिटर, प्रिंटर), और स्टोरेज डिवाइस (जैसे हार्ड ड्राइव, USB ड्राइव)।
(ii) सॉफ्टवेयर:
सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर में कार्य करने वाले कार्यक्रमों और एप्लिकेशनों का समूह है। यह हार्डवेयर के कार्य करने के लिए आवश्यक निर्देश और डेटा प्रदान करता है। सॉफ्टवेयर को मुख्यतः दो श्रेणियों में बांटा जाता है: सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर। सिस्टम सॉफ्टवेयर, जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम (जैसे Windows, Linux), हार्डवेयर को नियंत्रित करता है। एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर, जैसे Microsoft Office या Photoshop, उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करता है। सॉफ्टवेयर विकास के लिए विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाएँ होती हैं, जो डेवलपर्स को नए एप्लिकेशन बनाने में मदद करती हैं।
इन दोनों के बीच एक सामंजस्यपूर्ण संबंध है, जो कम्प्यूटर प्रणाली के कार्य और उपयोगिता को सुनिश्चित करता है।
See lessकार्यालय प्रमुख के नाते अपने अधीनस्थों को एक आदेश का नमूना प्रस्तुत कीजिए जिसमें समय की पाबन्दी और स्वच्छता पर कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया हो। [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2023]
कार्यालय आदेश दिनांक: 11 अक्टूबर 2024 संदर्भ: समय की पाबंदी और स्वच्छता का पालन प्रिय सभी कर्मचारियों, यह आदेश आपको सूचित करने के लिए है कि कार्यालय में समय की पाबंदी और स्वच्छता के मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कार्यालय में कार्य की सुचारू रूप से व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निम्नलRead more
कार्यालय आदेश
दिनांक: 11 अक्टूबर 2024
संदर्भ: समय की पाबंदी और स्वच्छता का पालन
प्रिय सभी कर्मचारियों,
यह आदेश आपको सूचित करने के लिए है कि कार्यालय में समय की पाबंदी और स्वच्छता के मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कार्यालय में कार्य की सुचारू रूप से व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित निर्देशों का पालन अनिवार्य है:
आपकी सहयोगात्मक दृष्टिकोण की अपेक्षा है।
धन्यवाद।
See less[आपका नाम]
कार्यालय प्रमुख
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और गद्यांश के अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें|
(i) शीर्षक: "भारतीय साहित्य की आवश्यकता और महत्व" (ii) भावार्थ: गद्यांश में लेखक ने भारतीय साहित्य की समृद्धि के लिए आवश्यक विषयों और ग्रंथों की कमी पर चिंता व्यक्त की है। वह यह बताते हैं कि जिस भाषा में साहित्य का अभाव है, उसकी उन्नति के लिए आवश्यक विषयों की रचना करनी चाहिए। लेखक का मानना है कि केवRead more
(i) शीर्षक: “भारतीय साहित्य की आवश्यकता और महत्व”
(ii) भावार्थ: गद्यांश में लेखक ने भारतीय साहित्य की समृद्धि के लिए आवश्यक विषयों और ग्रंथों की कमी पर चिंता व्यक्त की है। वह यह बताते हैं कि जिस भाषा में साहित्य का अभाव है, उसकी उन्नति के लिए आवश्यक विषयों की रचना करनी चाहिए। लेखक का मानना है कि केवल अपनी भाषा में साहित्यिक रचनाएँ ही लोगों को ज्ञान की ऊँचाई तक पहुँचा सकती हैं। विदेशी साहित्य हमारी अपनी संस्कृति और जातीयता को बाधित कर सकता है। इसलिए, हमें अपने पूर्वजों से अर्जित ज्ञान को संग्रहित करते हुए, अन्य भाषाओं से भी उपयोगी ज्ञान ग्रहण करना चाहिए।
(iii) व्याख्या: रेखांकित अंशों में लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि भारतीय साहित्य के विकास के लिए सिर्फ अपने अनुभवों और ज्ञान का संकलन करना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विदेशी सभ्यताओं का प्रभाव हमारी आत्मा और जातीयता को कमजोर कर सकता है। यदि हम अपने इतिहास और सांस्कृतिक पहचान को खो देते हैं, तो हम अपनी पहचान ही खो देंगे। इसलिए, यह आवश्यक है कि हम अपने साहित्य का सृजन करें और इसमें अन्य भाषाओं के ज्ञान का समावेश करें। लेखक ने विभिन्न जातियों और धर्मों के साहित्य से लाभ उठाने की बात की, जिससे हमारे साहित्य की पूर्ति हो सके। इस प्रकार, साहित्य के माध्यम से ज्ञान का सृजन और समृद्धि संभव है।
See lessनिम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और गद्यांश के अंत में दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें|
(i) शीर्षक: "साहित्य और संस्कृति का संबंध" (ii) अभिप्राय: रेखांकित अंश से तात्पर्य है कि भारतीय साहित्य में विविधता के बावजूद, इसकी आत्मा और मूल विचार एक हैं। यह एकता भारत की विविध भाषाओं और परिस्थितियों में प्रकट होती है। (iii) सार-संक्षेप: किसी देश की संस्कृति को समझने के लिए उसके साहित्य का अध्ययRead more
(i) शीर्षक: “साहित्य और संस्कृति का संबंध”
(ii) अभिप्राय: रेखांकित अंश से तात्पर्य है कि भारतीय साहित्य में विविधता के बावजूद, इसकी आत्मा और मूल विचार एक हैं। यह एकता भारत की विविध भाषाओं और परिस्थितियों में प्रकट होती है।
(iii) सार-संक्षेप: किसी देश की संस्कृति को समझने के लिए उसके साहित्य का अध्ययन आवश्यक है। साहित्य उस देश के धार्मिक, सामाजिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक पहलुओं का परिचय देता है। भारतीय संस्कृति के मूल आधार साहित्य के ग्रंथ हैं, जो देश की आंतरिक एकता को दर्शाते हैं। बाहरी विविधताओं के बावजूद, भारतीय साहित्य विचारों और संस्कृति की एकता को प्रस्तुत करता है, जिसमें वाङ्गमय की एकता विभिन्न रूपों में प्रकट होती है।
See lessनिम्नांकित लोकोक्ति एवं मुहावरों में से किन्हीं पाँच का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए |
(i) उल्टी गंगा बहाना: विपरीत कार्य करना। वाक्य: उन्होंने उल्टी गंगा बहाते हुए सभी को चौंका दिया। (ii) एक ही थैली के चट्टे-बट्टे: समान स्वभाव के लोग। वाक्य: वे दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं, हमेशा एक-दूसरे की बातों में शामिल रहते हैं। (iii) घर का न घाट का: न किसी के काम का। वाक्य: वह न तो घर काRead more
(i) उल्टी गंगा बहाना: विपरीत कार्य करना।
वाक्य: उन्होंने उल्टी गंगा बहाते हुए सभी को चौंका दिया।
(ii) एक ही थैली के चट्टे-बट्टे: समान स्वभाव के लोग।
वाक्य: वे दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं, हमेशा एक-दूसरे की बातों में शामिल रहते हैं।
(iii) घर का न घाट का: न किसी के काम का।
वाक्य: वह न तो घर का है, न घाट का, किसी भी काम में योगदान नहीं देता।
(iv) घाट घाट का: हर जगह का अनुभव रखने वाला।
वाक्य: वह घाट घाट का पानी पी चुका है, हर समस्या का समाधान जानता है।
(v) टका सा जवाब देना: स्पष्ट और कठोर उत्तर देना।
See lessवाक्य: उसने टका सा जवाब देकर सभी को चुप करा दिया।
निम्नांकित को हल कीजिये |
वर्तनी के मानकीकरण के महत्त्व वर्तनी के मानकीकरण का प्रमुख उद्देश्य भाषा में एकरूपता और स्पष्टता सुनिश्चित करना है। जब वर्तनी मानकीकृत होती है, तो यह पाठकों और लेखकों के लिए भाषा को समझना और उपयोग करना सरल बनाती है। यह विभिन्न क्षेत्रों में संवाद को सुगम बनाता है, जैसे शिक्षा, प्रशासन, और मीडिया। माRead more
वर्तनी के मानकीकरण के महत्त्व
वर्तनी के मानकीकरण का प्रमुख उद्देश्य भाषा में एकरूपता और स्पष्टता सुनिश्चित करना है। जब वर्तनी मानकीकृत होती है, तो यह पाठकों और लेखकों के लिए भाषा को समझना और उपयोग करना सरल बनाती है। यह विभिन्न क्षेत्रों में संवाद को सुगम बनाता है, जैसे शिक्षा, प्रशासन, और मीडिया।
मानकीकरण से एक भाषा की प्रतिष्ठा और पहचान भी बढ़ती है, जिससे भाषा का प्रभावी उपयोग हो पाता है। विशेषकर हिंदी में, मानकीकरण से लेखन में संपूर्णता आती है और शैक्षणिक तथा साहित्यिक कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होता है। इससे भाषाई संसाधनों की उपलब्धता भी बढ़ती है, जिससे भाषा का विकास संभव होता है।
इस प्रकार, वर्तनी का मानकीकरण हिंदी भाषा के समुचित विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
See lessराजभाषा परिनियमावली से क्या आशय है? इसके प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख कीजिए । [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
राजभाषा परिनियमावली से आशय उन नियमों और प्रावधानों से है, जो भारत की राजभाषा, अर्थात् हिंदी, के उपयोग और विकास को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। इसके प्रमुख प्रावधान हैं: हिंदी का प्रयोग: सरकारी कामकाज, पत्राचार, और दस्तावेज़ों में हिंदी का अनिवार्य उपयोग। प्रशिक्षण: कर्मचारियों को हिंदी सीखने औRead more
राजभाषा परिनियमावली से आशय उन नियमों और प्रावधानों से है, जो भारत की राजभाषा, अर्थात् हिंदी, के उपयोग और विकास को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। इसके प्रमुख प्रावधान हैं:
इन प्रावधानों का उद्देश्य हिंदी को एक सशक्त और प्रभावी राजभाषा के रूप में स्थापित करना है।
See less