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यू.पी.एस.सी. की भूमिकाओं का विवरण प्रस्तुत कीजिए। साथ ही, यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने वाले संवैधानिक प्रावधानों को सूचीबद्ध कीजिए। (200 words)
यू.पी.एस.सी. की भूमिकाएँ संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) भारत में सरकारी सेवाओं के लिए योग्य व्यक्तियों का चयन करने वाला प्रमुख निकाय है। इसकी प्रमुख भूमिकाएँ हैं: भर्ती प्रक्रिया: यू.पी.एस.सी. विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए परीक्षाएँ आयोजित करता है, जैसे कि IAS, IPS और IFS। सलाहकारी कार्य: सरकार कोRead more
यू.पी.एस.सी. की भूमिकाएँ
संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) भारत में सरकारी सेवाओं के लिए योग्य व्यक्तियों का चयन करने वाला प्रमुख निकाय है। इसकी प्रमुख भूमिकाएँ हैं:
यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्षता
यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में कई प्रावधान हैं:
निष्कर्ष
इन प्रावधानों के माध्यम से, यू.पी.एस.सी. एक निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, जिससे सक्षम और योग्य अधिकारियों का चयन संभव होता है। इससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है और जनता का विश्वास बढ़ता है।
See lessपरम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा के संसाधनों से आप क्या समझते हैं इनमें अंतर लिखिए ।
परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधन 1. परम्परागत ऊर्जा संसाधन परम्परागत ऊर्जा संसाधनों में वे ऊर्जा स्रोत शामिल होते हैं, जो लंबे समय से उपयोग में लाए जा रहे हैं। इनमें मुख्यतः निम्नलिखित शामिल हैं: कोयला: यह ऊर्जा उत्पादन का एक प्रमुख स्रोत है, जिसका उपयोग विद्युत उत्पादन में होता है। पेट्रोलियRead more
परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधन
1. परम्परागत ऊर्जा संसाधन
परम्परागत ऊर्जा संसाधनों में वे ऊर्जा स्रोत शामिल होते हैं, जो लंबे समय से उपयोग में लाए जा रहे हैं। इनमें मुख्यतः निम्नलिखित शामिल हैं:
उदाहरण: ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का जलाना।
2. गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधन
गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधन वे होते हैं, जो नवीकरणीय होते हैं और पर्यावरण के लिए अधिक सुरक्षित होते हैं। इनमें शामिल हैं:
उदाहरण: सौर पैनल का उपयोग करके घरों में बिजली का उत्पादन।
अंतर
इस प्रकार, गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने से हमें दीर्घकालिक और स्थायी ऊर्जा मिलती है।
See lessन्यूटन के गति के नियमों को लिखिए तथा इन्हें विस्तारपूर्वक समझाइए।
न्यूटन के गति के नियम 1. पहला नियम: जड़त्व का नियम यह नियम कहता है कि यदि कोई वस्तु स्थिर है, तो वह स्थिर रहेगी, और यदि वह गति में है, तो वह गति में ही रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल न लगाया जाए। उदाहरण: जब एक बस अचानक रुकती है, तो अंदर बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं। यह जड़त्व का उदाहरण है।Read more
न्यूटन के गति के नियम
1. पहला नियम: जड़त्व का नियम
यह नियम कहता है कि यदि कोई वस्तु स्थिर है, तो वह स्थिर रहेगी, और यदि वह गति में है, तो वह गति में ही रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल न लगाया जाए।
उदाहरण: जब एक बस अचानक रुकती है, तो अंदर बैठे यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं। यह जड़त्व का उदाहरण है।
2. दूसरा नियम: बल और त्वरण का नियम
इस नियम के अनुसार, किसी वस्तु का त्वरण उसके पर लगाया गया बल और उसके द्रव्यमान के अनुपात में होता है। इसे निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जाता है:
F=m×a
जहाँ F बल है, m द्रव्यमान है, और a त्वरण है।
उदाहरण: यदि आप एक बॉल को जोर से धक्का देते हैं, तो वह तेज़ी से आगे बढ़ेगी।
3. तीसरा नियम: क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम
इस नियम के अनुसार, हर क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
उदाहरण: जब आप दीवार पर हाथ मारते हैं, तो दीवार भी आपके हाथ पर उतना ही बल लगाती है।
इन तीनों नियमों के द्वारा न्यूटन ने गति के संबंध में हमारे समझ को गहरा किया है। यह नियम भौतिकी के मूल तत्व हैं और दैनिक जीवन में भी इनका प्रयोग होता है।
See lessप्रकाश संश्लेषण क्या है? समझाइए ।
प्रकाश संश्लेषण 1. परिभाषा प्रकाश संश्लेषण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा पौधे सूर्य की रोशनी का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं। 2. प्रक्रिया सूर्य का प्रकाश: पौधों की पत्तियों में मौजूद क्लोरोफिल सूर्य की रोशनी को अवशोषित करता है। कच्चे माRead more
प्रकाश संश्लेषण
1. परिभाषा
प्रकाश संश्लेषण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा पौधे सूर्य की रोशनी का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और पानी को ग्लूकोज और ऑक्सीजन में परिवर्तित करते हैं।
2. प्रक्रिया
3. महत्व
4. उदाहरण
जब सूरज की रोशनी पौधों पर पड़ती है, तो वे अधिक तेजी से बढ़ते हैं, जैसे कि बगीचों में फूल और सब्जियां। इस प्रकार, प्रकाश संश्लेषण हमारे पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
See lessओज़ोन परत क्या है? क्लोरोफ्लोरोकार्बन किस प्रकार ओज़ोन परत को प्रभावित करते हैं ?
ओज़ोन परत 1. ओज़ोन परत का परिचय ओज़ोन परत, पृथ्वी की वायुमंडल में 10 से 50 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह ओज़ोन (O₃) गैस से बनी होती है, जो सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट (UV) विकिरण को अवशोषित करती है। 2. क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) का प्रभाव CFCs क्या हैं: ये औद्योगिक रासायनिक यौगिक हैं, जिनका उRead more
ओज़ोन परत
1. ओज़ोन परत का परिचय
ओज़ोन परत, पृथ्वी की वायुमंडल में 10 से 50 किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह ओज़ोन (O₃) गैस से बनी होती है, जो सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट (UV) विकिरण को अवशोषित करती है।
2. क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) का प्रभाव
ओज़ोन पर प्रभाव:
3. प्रभाव
ओज़ोन परत के क्षय से UV विकिरण में वृद्धि होती है, जो त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
4. समाधान
CFCs के उपयोग में कमी लाना और वैकल्पिक सुरक्षित रसायनों का उपयोग करना ओज़ोन परत की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
See lessवाहित मल, जल को कैसे प्रदूषित करता है?
वाहित मल और जल प्रदूषण 1. वाहित मल का अर्थ वाहित मल, जिसे अपशिष्ट जल भी कहा जाता है, औद्योगिक, कृषि और घरेलू गतिविधियों से उत्पन्न तरल अपशिष्ट है। 2. जल प्रदूषण के कारण रासायनिक पदार्थ: वाहित मल में रासायनिक पदार्थ जैसे भारी धातुएँ, रासायनिक उर्वरक, और कीटनाशक होते हैं, जो जल में मिलकर उसे प्रदूषितRead more
वाहित मल और जल प्रदूषण
1. वाहित मल का अर्थ
वाहित मल, जिसे अपशिष्ट जल भी कहा जाता है, औद्योगिक, कृषि और घरेलू गतिविधियों से उत्पन्न तरल अपशिष्ट है।
2. जल प्रदूषण के कारण
3. प्रभाव
जल प्रदूषण का प्रभाव न केवल मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि यह जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रभावित करता है। इससे मत्स्य पालन और कृषि पर नकारात्मक असर पड़ता है।
4. समाधान
जल के सही उपचार और निपटान के माध्यम से वाहित मल के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
See lessऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया समझाइए ।
ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया क्या है? 1. परिभाषा ऑक्सीकरण-अपचयन (Oxidation-Reduction) अभिक्रियाएँ रासायनिक अभिक्रियाएँ हैं, जिनमें एक पदार्थ ऑक्सीकरण (Oxidation) होता है जबकि दूसरा अपचयन (Reduction) होता है। इसमें इलेक्ट्रॉनों का आदान-प्रदान होता है। 2. ऑक्सीकरण ऑक्सीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें एक तत्व इRead more
ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया क्या है?
1. परिभाषा
ऑक्सीकरण-अपचयन (Oxidation-Reduction) अभिक्रियाएँ रासायनिक अभिक्रियाएँ हैं, जिनमें एक पदार्थ ऑक्सीकरण (Oxidation) होता है जबकि दूसरा अपचयन (Reduction) होता है। इसमें इलेक्ट्रॉनों का आदान-प्रदान होता है।
2. ऑक्सीकरण
3. अपचयन
4. महत्व
ये अभिक्रियाएँ ऊर्जा उत्पादन, जीव विज्ञान (जैसे श्वसन) और औद्योगिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
See lessरासायनिक सूत्र क्या है ? समझाइए ।
रासायनिक सूत्र क्या है? 1. परिभाषा रासायनिक सूत्र (Chemical Formula) एक संकेतिक भाषा है, जिसका उपयोग किसी यौगिक या तत्व की संरचना, उसके अणुओं की संख्या और प्रकार को दर्शाने के लिए किया जाता है। 2. प्रकार साधारण सूत्र: यह यौगिक के अणुओं की संख्या को दर्शाता है। जैसे, H₂O (पानी) में 2 हाइड्रोजन और 1 ऑRead more
रासायनिक सूत्र क्या है?
1. परिभाषा
रासायनिक सूत्र (Chemical Formula) एक संकेतिक भाषा है, जिसका उपयोग किसी यौगिक या तत्व की संरचना, उसके अणुओं की संख्या और प्रकार को दर्शाने के लिए किया जाता है।
2. प्रकार
3. उदाहरण
4. महत्व
रासायनिक सूत्र विज्ञान में यौगिकों की पहचान और अध्ययन में सहायक होते हैं। यह रसायन विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण और गुणों का अध्ययन।
See lessदूरसंचार में सूचना और संचार तकनीकी की भूमिका समझाइए ।
दूरसंचार में सूचना और संचार तकनीकी की भूमिका 1. परिभाषा सूचना और संचार तकनीकी (Information and Communication Technology - ICT) वह तकनीक है जो सूचना को बनाने, संग्रहित करने, प्रबंधित करने और संचारित करने में सहायता करती है। 2. दूरसंचार में भूमिका संचार में सुधार: ICT की मदद से लोग दूर से भी एक-दूसरेRead more
दूरसंचार में सूचना और संचार तकनीकी की भूमिका
1. परिभाषा
सूचना और संचार तकनीकी (Information and Communication Technology – ICT) वह तकनीक है जो सूचना को बनाने, संग्रहित करने, प्रबंधित करने और संचारित करने में सहायता करती है।
2. दूरसंचार में भूमिका
3. निष्कर्ष
ICT ने दूरसंचार को सुगम और सशक्त बनाया है, जिससे न केवल व्यक्तिगत संचार में बल्कि व्यवसायों और शिक्षा में भी विकास हुआ है। इससे वैश्विक जुड़ाव बढ़ा है और सूचनाओं का आदान-प्रदान आसान हो गया है।
See lessबौद्धिक संपदा अधिकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
बौद्धिक संपदा अधिकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights - IPR) वे अधिकार हैं जो व्यक्ति या संस्था को अपनी सृजनात्मकता और आविष्कार पर कानूनी संरक्षण प्रदान करते हैं। यह अधिकार ज्ञान, आविष्कार, रचनात्मक कार्य और औद्योगिक डिजाइनों को सुरक्षित रखने में सहायक होते हRead more
बौद्धिक संपदा अधिकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी
बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPR) वे अधिकार हैं जो व्यक्ति या संस्था को अपनी सृजनात्मकता और आविष्कार पर कानूनी संरक्षण प्रदान करते हैं। यह अधिकार ज्ञान, आविष्कार, रचनात्मक कार्य और औद्योगिक डिजाइनों को सुरक्षित रखने में सहायक होते हैं।
1. बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रकार
2. महत्व
निष्कर्ष
बौद्धिक संपदा अधिकार ज्ञान और सृजन को प्रोत्साहित करने और सुरक्षा देने के लिए आवश्यक हैं, जिससे समाज और अर्थव्यवस्था दोनों का विकास होता है।
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