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वैश्विक स्थिति निर्धारण प्रणाली (जी० पी० एस०) के कितने प्रभाग होते हैं?
वैश्विक स्थिति निर्धारण प्रणाली (जीपीएस) चार प्रमुख प्रभागों में विभाजित होती है: उपग्रह प्रणाली: इसमें 24 से 32 उपग्रह शामिल होते हैं, जो पृथ्वी के चारों ओर कक्षाओं में स्थापित होते हैं। ये उपग्रह सटीक स्थिति निर्धारित करने के लिए आवश्यक संकेत भेजते हैं। नियंत्रण प्रणाली: इस प्रणाली में विभिन्न स्थRead more
वैश्विक स्थिति निर्धारण प्रणाली (जीपीएस) चार प्रमुख प्रभागों में विभाजित होती है:
इन चार प्रभागों के संयोजन से जीपीएस उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थान जानकारी प्रदान करता है।
See lessएक सफल आपदा प्रबंधन के प्रमुख चरण क्या हैं?
एक सफल आपदा प्रबंधन के प्रमुख चरण निम्नलिखित हैं: तैयारी: आपदा प्रतिक्रिया योजनाओं का विकास करें, प्रशिक्षण और अभ्यास करें, और संभावित खतरों के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाएं। निवारण: ऐसे रणनीतियों को लागू करें जो संवेदनशीलता को कम करें, जैसे कि निर्माण कोड और भूमि उपयोग योजना जो उच्च-जोखिम वालेRead more
एक सफल आपदा प्रबंधन के प्रमुख चरण निम्नलिखित हैं:
ये सभी चरण सामुदायिक सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
See lessटारनेडो विप्लव क्या है?
टारनेडो विप्लव एक महत्वपूर्ण मौसमीय घटना है, जिसमें एक निश्चित क्षेत्र में एक ही दिन या कुछ दिनों के भीतर कई टारनेडो उत्पन्न होते हैं। यह विप्लव सामान्यत: वसंत और प्रारंभिक गर्मियों में होता है, जब गर्म और नम वायु, जो मेक्सिको की खाड़ी से आती है, ठंडी और सूखी वायु से टकराती है। इस प्रक्रिया से गंभीरRead more
टारनेडो विप्लव एक महत्वपूर्ण मौसमीय घटना है, जिसमें एक निश्चित क्षेत्र में एक ही दिन या कुछ दिनों के भीतर कई टारनेडो उत्पन्न होते हैं। यह विप्लव सामान्यत: वसंत और प्रारंभिक गर्मियों में होता है, जब गर्म और नम वायु, जो मेक्सिको की खाड़ी से आती है, ठंडी और सूखी वायु से टकराती है। इस प्रक्रिया से गंभीर थंडरस्टॉर्म उत्पन्न होते हैं, जो टारनेडो का निर्माण कर सकते हैं। टारनेडो बेहद तेज और घातक होते हैं, जो भूस्खलन, निर्माणों को नष्ट करने और मानव जीवन को खतरे में डालने की क्षमता रखते हैं। इसलिए, टारनेडो विप्लव से सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है।
See lessजल प्रदूषण के प्रमुख प्राकृतिक स्रोत क्या है?
जल प्रदूषण के प्रमुख प्राकृतिक स्रोत कई कारकों से जुड़े होते हैं। बारिश के पानी का प्रवाह भूमि से कण, पोषक तत्व और प्रदूषक नदियों, झीलों और महासागरों में ले जाता है। भूमि का क्षरण जल में तलछट लाता है, जिससे जलीय निवास स्थान प्रभावित होते हैं। ज्वालामुखीय विस्फोट हानिकारक रसायनों और भारी धातुओं को जलRead more
जल प्रदूषण के प्रमुख प्राकृतिक स्रोत कई कारकों से जुड़े होते हैं। बारिश के पानी का प्रवाह भूमि से कण, पोषक तत्व और प्रदूषक नदियों, झीलों और महासागरों में ले जाता है। भूमि का क्षरण जल में तलछट लाता है, जिससे जलीय निवास स्थान प्रभावित होते हैं। ज्वालामुखीय विस्फोट हानिकारक रसायनों और भारी धातुओं को जल निकायों में छोड़ सकते हैं। इसके अलावा, काई के फुलाव, जो पोषक तत्वों के प्रवाह से बढ़ते हैं, जल में ऑक्सीजन को कम करते हैं। वनाग्नि के कारण राख और विषाक्त पदार्थ जल में मिल सकते हैं। इन प्राकृतिक स्रोतों को समझना जल प्रबंधन और संरक्षण रणनीतियों के लिए आवश्यक है।
See lessWhat are the natural sources of water pollution?
Natural sources of water pollution include several environmental factors. Runoff from rainfall can carry sediments, nutrients, and pollutants from the land into rivers, lakes, and oceans. Soil erosion contributes to sedimentation, impacting aquatic habitats. Volcanic eruptions can release harmful chRead more
Natural sources of water pollution include several environmental factors. Runoff from rainfall can carry sediments, nutrients, and pollutants from the land into rivers, lakes, and oceans. Soil erosion contributes to sedimentation, impacting aquatic habitats. Volcanic eruptions can release harmful chemicals and heavy metals into water bodies. Additionally, algal blooms, often triggered by nutrient runoff, can deplete oxygen in water, harming marine life. Wildfires can lead to ash and toxins entering waterways. Animal waste from wildlife can introduce pathogens and nutrients, contributing to water contamination. Understanding these natural sources is essential for developing effective water management and conservation strategies.
See lessविवर्तनिक झीलों का निर्माण कैसे होता है?
विवर्तनिक झीलें पृथ्वी की सतह पर विवर्तनिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप बनती हैं। जब भूगर्भीय प्लेटें एक-दूसरे से दूर या टकराती हैं, तो इससे घाटियों या अवसादों का निर्माण होता है। ये प्रक्रियाएँ रिफ्ट वैली या भू-धसान की स्थिति में होती हैं। समय के साथ, ये अवसाद वर्षा, नदियों या भूजल के जल से भर जाते हRead more
विवर्तनिक झीलें पृथ्वी की सतह पर विवर्तनिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप बनती हैं। जब भूगर्भीय प्लेटें एक-दूसरे से दूर या टकराती हैं, तो इससे घाटियों या अवसादों का निर्माण होता है। ये प्रक्रियाएँ रिफ्ट वैली या भू-धसान की स्थिति में होती हैं। समय के साथ, ये अवसाद वर्षा, नदियों या भूजल के जल से भर जाते हैं, जिससे झीलें बनती हैं। विवर्तनिक झीलों के उदाहरणों में साइबेरिया में स्थित बाइकल झील और अफ्रीकी महान झीलें शामिल हैं। इन झीलों का अनोखा भूगर्भीय निर्माण उनके पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
See lessHow are the tectonic lakes formed?
Tectonic lakes are formed as a result of tectonic activity, where movements of the Earth's crust create depressions or basins. These geological processes occur due to the shifting of tectonic plates, which can cause rift valleys or subsidence. Over time, these depressions collect water from precipitRead more
Tectonic lakes are formed as a result of tectonic activity, where movements of the Earth’s crust create depressions or basins. These geological processes occur due to the shifting of tectonic plates, which can cause rift valleys or subsidence. Over time, these depressions collect water from precipitation, rivers, or groundwater, leading to the formation of lakes. Examples of tectonic lakes include Lake Baikal in Siberia and the African Great Lakes. Their unique geological origins contribute to distinct ecosystems and biodiversity, making them vital for both environmental studies and local communities that rely on these water bodies for resources and recreation.
See lessभूस्खलन क्या है?
भूस्खलन एक भौगोलिक प्रक्रिया है जिसमें मिट्टी, चट्टान और मलबा अचानक और तेज़ी से एक ढलान से नीचे की ओर खिसकते हैं। यह घटना मुख्य रूप से गुरुत्वाकर्षण के कारण होती है और कई कारणों से ट्रिगर हो सकती है, जैसे भारी वर्षा, भूकंप, ज्वालामुखी गतिविधि या मानव गतिविधियाँ जैसे खनन और निर्माण। भूस्खलन आमतौर परRead more
भूस्खलन एक भौगोलिक प्रक्रिया है जिसमें मिट्टी, चट्टान और मलबा अचानक और तेज़ी से एक ढलान से नीचे की ओर खिसकते हैं। यह घटना मुख्य रूप से गुरुत्वाकर्षण के कारण होती है और कई कारणों से ट्रिगर हो सकती है, जैसे भारी वर्षा, भूकंप, ज्वालामुखी गतिविधि या मानव गतिविधियाँ जैसे खनन और निर्माण। भूस्खलन आमतौर पर पहाड़ों, पहाड़ियों और तटीय क्षेत्रों में होता है। इसका प्रभाव विनाशकारी हो सकता है, जिसमें संपत्ति को नुकसान, जीवन की हानि और भू-आकृति में बदलाव शामिल हैं। भूस्खलन के जोखिम को कम करने के लिए उचित भूमि उपयोग योजना और ढलानों का स्थिरीकरण आवश्यक है।
See lessWhat is landslide?
A landslide is the sudden and fast movement of rock, soil, and debris down a slope due to gravity. This geological phenomenon can be triggered by various factors, including heavy rainfall, earthquakes, volcanic activity, or human activities such as mining and construction. Landslides can occur in diRead more
A landslide is the sudden and fast movement of rock, soil, and debris down a slope due to gravity. This geological phenomenon can be triggered by various factors, including heavy rainfall, earthquakes, volcanic activity, or human activities such as mining and construction. Landslides can occur in different environments, including mountains, hills, and even coastal areas. The impact of a landslide can be devastating, leading to damage to property, loss of life, and changes in the landscape. Prevention measures, such as slope stabilization and proper land use planning, are essential to mitigate the risks associated with landslides in vulnerable areas.
See lessमध्य प्रदेश में सहरिया जनजाति मुख्यतः किन जिलों में केन्द्रित है?
सहरिया जनजाति मध्य प्रदेश के शिवपुरी, सीहोर, शेोपुर, और दतिया जिलों में मुख्य रूप से केन्द्रित है। यह जनजाति अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए जानी जाती है। सहरिया लोग प्रायः कृषि, शिकार और इकट्ठा करने वाले कार्यों में संलग्न रहते हैं, जिससे उनके जीवनशैली और सामाजिक संरचना का निरRead more
सहरिया जनजाति मध्य प्रदेश के शिवपुरी, सीहोर, शेोपुर, और दतिया जिलों में मुख्य रूप से केन्द्रित है। यह जनजाति अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक रीति-रिवाजों के लिए जानी जाती है। सहरिया लोग प्रायः कृषि, शिकार और इकट्ठा करने वाले कार्यों में संलग्न रहते हैं, जिससे उनके जीवनशैली और सामाजिक संरचना का निर्माण होता है। आर्थिक कठिनाइयों और भूमि के हनन जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए, सहरिया जनजाति अपनी पहचान और सांस्कृतिक परंपराओं को बनाए रखे हुए है। सरकारी योजनाएँ भी उनकी विकास और शिक्षा, स्वास्थ्य, तथा रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में सहायता प्रदान करती हैं।
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