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कहा जाता है कि 'भारत का सॉफ्ट पॉवर कौशल भारत को एक बार फिर विश्व गुरु बना सकता है' । भारत की सॉफ्ट पॉवर नीति की पृष्ठभूमि में इस कथन का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
"भारत का सॉफ्ट पॉवर कौशल भारत को एक बार फिर विश्व गुरु बना सकता है" कथन सटीक है, क्योंकि सॉफ्ट पॉवर में सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव का समावेश होता है। भारत की सॉफ्ट पॉवर नीति का उद्देश्य अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, विविधता, और लोकतांत्रिक मूल्यों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना है। भारRead more
“भारत का सॉफ्ट पॉवर कौशल भारत को एक बार फिर विश्व गुरु बना सकता है” कथन सटीक है, क्योंकि सॉफ्ट पॉवर में सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव का समावेश होता है। भारत की सॉफ्ट पॉवर नीति का उद्देश्य अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, विविधता, और लोकतांत्रिक मूल्यों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना है।
भारत ने योग, आयुर्वेद, फिल्म उद्योग, और साहित्य जैसे क्षेत्रों में अपनी सॉफ्ट पॉवर को मजबूत किया है। यह न केवल अन्य देशों के साथ संबंध स्थापित करने में मदद करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करता है।
हालांकि, चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि राजनीतिक स्थिरता की कमी और सामाजिक असमानताएँ, जो सॉफ्ट पॉवर को प्रभावित कर सकती हैं। भारत को अपने सॉफ्ट पॉवर को प्रभावी बनाने के लिए सतत विकास, शिक्षा, और वैश्विक सहयोग की दिशा में कार्य करना आवश्यक है। इस प्रकार, सही रणनीतियों के माध्यम से भारत अपनी सॉफ्ट पॉवर का उपयोग कर पुनः विश्व गुरु बन सकता है।
See lessउत्तराखण्ड की स्टार्ट-अप नीति का परीक्षण कीजिए। 'उत्तराखण्ड कॉन्क्लेव और ग्रैंड चैलेंज 2022' उत्तराखण्ड के उद्यमियों के लिए एक सक्रिय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम सुनिश्चित करने के लिए किस प्रकार से संकल्प करता है ? [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
उत्तराखण्ड की स्टार्ट-अप नीति, 2022, स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को सशक्त करने के लिए बनाई गई है। यह नीति वित्तीय सहायता, तकनीकी समर्थन, और आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करती है, जिससे स्टार्ट-अप्स को शुरुआती चरण में आवश्यक संसाधन मिल सकें। 'उत्तराखण्ड कॉन्Read more
उत्तराखण्ड की स्टार्ट-अप नीति, 2022, स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को सशक्त करने के लिए बनाई गई है। यह नीति वित्तीय सहायता, तकनीकी समर्थन, और आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करती है, जिससे स्टार्ट-अप्स को शुरुआती चरण में आवश्यक संसाधन मिल सकें।
‘उत्तराखण्ड कॉन्क्लेव और ग्रैंड चैलेंज 2022’ का उद्देश्य एक सक्रिय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम बनाना है। यह कार्यक्रम उद्यमियों को नेटवर्किंग, निवेशकों से मिलने, और अपने विचारों को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है। इसके तहत, विजेता स्टार्ट-अप्स को वित्तीय सहायता, मेंटरिंग, और संसाधनों का समर्थन दिया जाता है।
इस प्रकार, यह कार्यक्रम उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए स्थानीय व्यवसायों को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जिससे उत्तराखण्ड में एक समृद्ध स्टार्ट-अप कल्चर विकसित हो सके।
See less30. 'भारत के राष्ट्रपति के रूप में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का चुनाव महिला सशक्तिकरण से महिला नेतृत्व वाले विकास यात्रा की एक अभिव्यक्ति है।' इस कथन के आलोक में, वंचित वर्गों के लिए श्रीमती मुर्मू की राष्ट्रपति जीत के निहितार्थों का आकलन कीजिए । [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुनाव महिला सशक्तिकरण और वंचित वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी जीत ने न केवल महिलाओं के नेतृत्व की क्षमता को प्रदर्शित किया है, बल्कि यह आदिवासी समुदायों और अन्य marginalized समूहों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी है। उनके राष्ट्रपति बनRead more
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुनाव महिला सशक्तिकरण और वंचित वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी जीत ने न केवल महिलाओं के नेतृत्व की क्षमता को प्रदर्शित किया है, बल्कि यह आदिवासी समुदायों और अन्य marginalized समूहों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी है।
उनके राष्ट्रपति बनने से वंचित वर्गों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व में वृद्धि का एहसास हुआ है। यह उनकी समस्याओं और अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद करेगा। इसके अलावा, श्रीमती मुर्मू के नेतृत्व में, सरकार द्वारा विकास योजनाओं में समावेशिता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी जा सकती है।
यह जीत यह दर्शाती है कि भारतीय राजनीति में विविधता और समावेशिता का महत्व है, जिससे सभी वर्गों को समान अवसर और सम्मान मिल सके। उनके निर्वाचन ने एक सकारात्मक संदेश दिया है कि सभी वर्गों की आवाज़ें सुनी जाएँगी और उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी।
See less'सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड' क्या हैं? केन्द्र सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड योजना 2022-23 की मुख्य विशेषताओं तथा उपयोगिता पर चर्चा कीजिए। [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड एक सरकारी सुरक्षा है, जो निवेशकों को सोने में निवेश करने का एक सुरक्षित और आसान तरीका प्रदान करती है। यह बॉण्ड मूल्य के अनुसार सोने के वास्तविक कीमत से जुड़ा होता है, जिससे निवेशक सोने की कीमत में बढ़ोतरी का लाभ उठा सकते हैं। केन्द्र सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड योजना 2022-23 की मुRead more
सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड एक सरकारी सुरक्षा है, जो निवेशकों को सोने में निवेश करने का एक सुरक्षित और आसान तरीका प्रदान करती है। यह बॉण्ड मूल्य के अनुसार सोने के वास्तविक कीमत से जुड़ा होता है, जिससे निवेशक सोने की कीमत में बढ़ोतरी का लाभ उठा सकते हैं।
केन्द्र सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड योजना 2022-23 की मुख्य विशेषताएँ हैं:
उपयोगिता: यह योजना सोने में निवेश का एक सुरक्षित विकल्प प्रदान करती है, जो सोने की कीमत में वृद्धि से लाभान्वित होने का अवसर देती है। इसके अलावा, यह काले धन को वैध बनाने में भी मदद करती है।
See lessमहिला सशक्तिकरण तथा बाल विकास को बढ़ावा देने में उत्तराखण्ड सरकार की भूमिका का परीक्षण कीजिए। सरकार की हाल की पहलों के साथ अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए। [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
उत्तराखण्ड सरकार ने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों की हैं। महिला स्वयं सहायता समूह: सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया है, जिससे महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और स्वरोजगार के अवसर मिलते हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ: यह योजना बालिका शिक्षा को बRead more
उत्तराखण्ड सरकार ने महिला सशक्तिकरण और बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों की हैं।
इन पहलों ने उत्तराखण्ड में महिलाओं और बच्चों की स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
See lessभारत-बांग्लादेश सम्बन्धों में रोहिंग्या संकट ने कैसे तनाव पैदा किया है ? [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
रोहिंग्या संकट ने भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव पैदा किया है, खासकर जब बांग्लादेश ने म्यांमार से भागकर आए रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को अपने देश में आश्रय दिया। भारत के लिए, रोहिंग्या शरणार्थियों का प्रवास सुरक्षा, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को जन्म देता है, क्योंकि ये शरणार्थी उत्तर-पूर्वी राजRead more
रोहिंग्या संकट ने भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव पैदा किया है, खासकर जब बांग्लादेश ने म्यांमार से भागकर आए रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को अपने देश में आश्रय दिया। भारत के लिए, रोहिंग्या शरणार्थियों का प्रवास सुरक्षा, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को जन्म देता है, क्योंकि ये शरणार्थी उत्तर-पूर्वी राज्यों में घुसपैठ का कारण बन सकते हैं।
भारत ने बांग्लादेश के साथ मिलकर शरणार्थियों के सुरक्षित पुनर्वास का समर्थन किया है, लेकिन इस बीच, भारत में कई राजनीतिक दलों ने इन शरणार्थियों के खिलाफ कठोर रुख अपनाया है। इसके चलते दोनों देशों के बीच सहयोग में बाधा उत्पन्न होती है। इसके अलावा, भारत की चिंताएँ हैं कि इस संकट का समाधान न होने पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव उत्पन्न हो सकता है।
See less'प्रवासी भारतीय दिवस' के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। भारत सरकार द्वारा 'प्रवासियों' को भारत की ओर आकर्षित करने के लिए कौन-कौन से प्रोत्साहन दिये गये हैं ? [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
'प्रवासी भारतीय दिवस' (9 जनवरी) का उद्देश्य विश्वभर में बसे भारतीय समुदाय के योगदान को मान्यता देना, उनकी संस्कृति और पहचान को बढ़ावा देना, और भारत के विकास में उनकी भागीदारी को प्रेरित करना है। यह कार्यक्रम प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को मजबूत करने का एक मंच है। भारत सरकार द्वारा प्रवासियों कोRead more
‘प्रवासी भारतीय दिवस’ (9 जनवरी) का उद्देश्य विश्वभर में बसे भारतीय समुदाय के योगदान को मान्यता देना, उनकी संस्कृति और पहचान को बढ़ावा देना, और भारत के विकास में उनकी भागीदारी को प्रेरित करना है। यह कार्यक्रम प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को मजबूत करने का एक मंच है।
भारत सरकार द्वारा प्रवासियों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए गए हैं, जैसे:
ये प्रोत्साहन प्रवासी भारतीयों को भारत की ओर आकर्षित करते हैं और उन्हें सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं।
See lessकृषि में व्यावसायीकरण से आपका क्या तात्पर्य है?
कृषि में व्यावसायीकरण से तात्पर्य है पारंपरिक खेती को बाजार के अनुकूल उत्पादन प्रणाली में बदलने से। इसमें किसान फसलों और पशुधन का उत्पादन मुख्यतः बिक्री के लिए करते हैं, न कि केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए। व्यावसायीकरण में आधुनिक तकनीकों, बेहतर बीजों और कुशल सिंचाई विधियों का उपयोग किया जाता है, जिससेRead more
कृषि में व्यावसायीकरण से तात्पर्य है पारंपरिक खेती को बाजार के अनुकूल उत्पादन प्रणाली में बदलने से। इसमें किसान फसलों और पशुधन का उत्पादन मुख्यतः बिक्री के लिए करते हैं, न कि केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए। व्यावसायीकरण में आधुनिक तकनीकों, बेहतर बीजों और कुशल सिंचाई विधियों का उपयोग किया जाता है, जिससे उत्पादन बढ़ता है। यह किसानों को उच्च मांग वाली फसलों और मूल्यवर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे उनकी आय और आर्थिक स्थिरता में सुधार होता है। हालांकि, यह बाजार की अस्थिरताओं पर निर्भरता और स्थानीय खाद्य सुरक्षा की अनदेखी जैसी चुनौतियों को भी जन्म दे सकता है।
See lessWhat do you mean by commercialisation in Agriculture?
Commercialization in agriculture refers to the process of transforming traditional farming practices into market-oriented production systems. This involves growing crops and raising livestock primarily for sale in local, national, or international markets, rather than for subsistence. Key features iRead more
Commercialization in agriculture refers to the process of transforming traditional farming practices into market-oriented production systems. This involves growing crops and raising livestock primarily for sale in local, national, or international markets, rather than for subsistence. Key features include the adoption of modern technologies, improved seeds, and efficient irrigation methods to increase productivity. Commercialization encourages farmers to focus on high-demand crops and value-added products, which can enhance their income and economic stability. However, it can also lead to challenges, such as dependency on market fluctuations, increased input costs, and potential neglect of food security for local communities.
See lessWhat are the groundwater challenges in India?
India faces significant groundwater challenges due to over-extraction, pollution, and mismanagement. Rapid urbanization and agricultural expansion have led to excessive withdrawal of groundwater, causing depletion of aquifers. Many regions, especially in northern and western India, experience severeRead more
India faces significant groundwater challenges due to over-extraction, pollution, and mismanagement. Rapid urbanization and agricultural expansion have led to excessive withdrawal of groundwater, causing depletion of aquifers. Many regions, especially in northern and western India, experience severe water scarcity as a result. Additionally, the contamination of groundwater from industrial waste, sewage, and agricultural runoff poses health risks to communities. Inefficient irrigation practices further exacerbate the problem, leading to wastage of this vital resource. Addressing these challenges requires sustainable water management practices, improved conservation efforts, and raising awareness about the importance of protecting groundwater for future generations.
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