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“भारत में अत्याधुनिक कोर प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की क्षमता है, लेकिन उनके व्यावसायीकरण में कई सारी समस्याये हैं। इसके पीछे के कारणों का विश्लेषण करें और शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग को मजबूत करने के उपाय सुझाएँ” (200 शब्द)
भारत में कोर प्रौद्योगिकियों का विकास भारत में अत्याधुनिक कोर प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की क्षमता है, जैसे कि एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, और 5जी। लेकिन इनका व्यावसायीकरण चुनौतीपूर्ण है। इसका मुख्य कारण हैं: नवाचार का अभाव: अधिकांश शोध और विकास विश्वविद्यालयों और सरकारी संस्थाओं तक सीमित हैं, जो बाRead more
भारत में कोर प्रौद्योगिकियों का विकास
भारत में अत्याधुनिक कोर प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की क्षमता है, जैसे कि एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, और 5जी। लेकिन इनका व्यावसायीकरण चुनौतीपूर्ण है। इसका मुख्य कारण हैं:
सुझाव
यह दृष्टिकोण भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बना सकता है।
See lessभारत की सब्सिडी प्रणाली में हाल ही में किए गए सुधारों का आलोचनात्मक विश्लेषण करें। इन सब्सिडी से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा करें और न्यायसंगत और कुशल सब्सिडी वितरण सुनिश्चित करने के उपाय सुझाइये। (200 शब्द)
भारत की सब्सिडी प्रणाली में हाल के सुधारों ने कुछ क्षेत्रों में प्रगति दिखाई है, लेकिन कई चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। सुधार: ईंधन मूल्य विनियमन: सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों को बाज़ार से जोड़कर सब्सिडी बोझ को कम किया है। इससे वित्तीय घाटा नियंत्रित करने में मदद मिली है। एलपीजी सब्सिडी का लकRead more
भारत की सब्सिडी प्रणाली में हाल के सुधारों ने कुछ क्षेत्रों में प्रगति दिखाई है, लेकिन कई चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।
सुधार:
चुनौतियाँ:
उपाय:
इन उपायों से सब्सिडी प्रणाली में सुधार लाकर वित्तीय स्थिरता और सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।
See lessअंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति ने इसे वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में एक विशिष्ट समूह में स्थापित किया है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में भारत के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों के साथ-साथ इसके सामाजिक-आर्थिक विकास और भू-राजनीतिक स्थिति पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा करें। (200 शब्द)
भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे वह वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान पर स्थापित हुआ है। हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दो उपग्रहों के बीच सफलतापूर्वक अंतरिक्ष डॉकिंग करके भारत को इस तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बना दिया है।Read more
भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे वह वैश्विक अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान पर स्थापित हुआ है। हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दो उपग्रहों के बीच सफलतापूर्वक अंतरिक्ष डॉकिंग करके भारत को इस तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बना दिया है।
चुनौतियाँ:
अवसर:
सामाजिक-आर्थिक विकास पर प्रभाव:
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति से दूरसंचार, कृषि, शिक्षा और आपदा प्रबंधन में सुधार होगा, जिससे समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
भू-राजनीतिक स्थिति पर प्रभाव:
उन्नत अंतरिक्ष क्षमताओं के माध्यम से भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, जिससे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उसकी भूमिका सशक्त होगी।
संक्षेप में, चुनौतियों के बावजूद, भारत के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना सामाजिक-आर्थिक विकास और भू-राजनीतिक प्रभाव के दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी है।
See lessभारत की उच्च शिक्षा प्रणाली के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का विश्लेषण करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को वैश्विक ज्ञान केंद्र में बदलने के लिए इन चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकती है? (200 शब्द)
भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की प्रमुख चुनौतियाँ: गुणवत्ता और बुनियादी ढाँचा: अधिकांश संस्थान गुणवत्ता में कमजोर हैं, जिससे विद्यार्थियों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में कमी होती है। सुलभता की कमी: ग्रामीण और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा तक पहुँच मुश्किल होती है। उद्योग सेRead more
भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की प्रमुख चुनौतियाँ:
एनईपी 2020 द्वारा समाधान:
निष्कर्ष: एनईपी 2020 भारत को वैश्विक ज्ञान केंद्र बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है, यदि इसे प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
See lessभारत की आर्थिक वृद्धि और नवाचार को आगे बढ़ाने में स्टार्टअप की भूमिका पर चर्चा करें। स्टार्टअप इकोसिस्टम के सामने कौन-सी प्रमुख चुनौतियाँ हैं और इसकी स्थिरता को बढ़ाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
भारत में स्टार्टअप की भूमिका: आर्थिक विकास में योगदान: भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब दुनिया के सबसे बड़े और गतिशील इकोसिस्टम में शामिल है। 2024 तक, भारत में 1,57,066 स्टार्टअप को मान्यता प्राप्त हो चुकी है, जो नवाचार और आर्थिक विकास को प्रेरित कर रहे हैं। नवाचार और तकनीकी विकास: स्टार्टअप्स फिनटेक,Read more
भारत में स्टार्टअप की भूमिका:
चुनौतियाँ:
उपाय:
निष्कर्ष: इन उपायों को लागू कर भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूती दी जा सकती है।
See less“भारत गंभीर भूजल संकट का सामना कर रहा है, जो अत्यधिक दोहन, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण और भी गंभीर हो गया है। इस संकट में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों पर चर्चा करें और प्रभावी भूजल प्रबंधन के लिए स्थायी समाधान सुझाएँ।”
भारत में भूजल संकट एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो अत्यधिक दोहन, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से और भी विकराल हो रही है। प्रमुख कारण: अत्यधिक दोहन: कृषि और शहरीकरण के कारण भूजल का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिससे जलाशयों का पुनः आरोपण नहीं हो पा रहा। प्रदूषण: औद्योगिक कचरा, कृषि रसायन और अव्यवस्थित अपशिषRead more
भारत में भूजल संकट एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो अत्यधिक दोहन, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से और भी विकराल हो रही है।
प्रमुख कारण:
स्थायी समाधान:
भारत में भूजल संकट से निपटने के लिए सरकार, उद्योग और नागरिकों को मिलकर कार्य करना होगा।
See lessभारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मनोरंजन बाजार है। इस संदर्भ में, भारत में एनीमेशन और VFX उद्योग के विकास और वृद्धि के प्रमुख कारणों का विश्लेषण कीजिए।
भारत में एनीमेशन और VFX उद्योग के विकास के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं: 1. वैश्विक मांग में वृद्धि: 2024 तक वैश्विक एनीमेशन बाजार का आकार $400 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है। यह भारत जैसे विकासशील देशों में भी इसके प्रभाव को बढ़ाता है। 2. प्रौद्योगिकी में सुधार: 3D मॉडलिंग, वर्चुअल रियलिटी, और आर्टिRead more
भारत में एनीमेशन और VFX उद्योग के विकास के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1. वैश्विक मांग में वृद्धि:
2. प्रौद्योगिकी में सुधार:
3. एंटरटेनमेंट की बढ़ती खपत:
इन कारकों ने भारत में एनीमेशन और VFX उद्योग के विकास को तेज़ी से बढ़ाया है।
See lessप्रथम विश्व युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय शांति बनाए रखने में राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशन्स) की भूमिका का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत, अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापित करने हेतु राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशन्स) की स्थापना की गई। हालांकि, यह संगठन अपने उद्देश्यों को पूर्णतः प्राप्त करने में असफल रहा। सफलताएँ: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: राष्ट्र संघ ने विभिन्न देशों के बीच संवाद को प्रोत्साहित किया, जिससे भविष्य में संRead more
प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत, अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापित करने हेतु राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशन्स) की स्थापना की गई। हालांकि, यह संगठन अपने उद्देश्यों को पूर्णतः प्राप्त करने में असफल रहा।
सफलताएँ:
कमज़ोरियाँ:
निष्कर्ष:
राष्ट्र संघ की स्थापना एक महत्वपूर्ण पहल थी, लेकिन इसकी संरचनात्मक कमजोरियों और प्रमुख देशों के असहयोग के कारण यह अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापित करने में सफल नहीं हो सका। इन अनुभवों से सीख लेते हुए, बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई, जो अधिक प्रभावी सिद्ध हुआ।
See lessलौह खनिज क्या होते हैं? भारत में लौह अयस्क के वितरण को उदाहरण सहित विस्तार से समझाइए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
लौह खनिज लौह खनिज (Iron Minerals) वे खनिज हैं जिनमें लौह तत्व (Fe) की अधिकता होती है। इनसे इस्पात और अन्य धातुओं का निर्माण होता है। मुख्य लौह खनिजों में हेमेटाइट, मैग्नेटाइट, लिमोनाइट और सिडेराइट शामिल हैं। भारत में लौह अयस्क का वितरण भारत विश्व में लौह अयस्क उत्पादन में प्रमुख देशों में शामिल है।Read more
लौह खनिज
लौह खनिज (Iron Minerals) वे खनिज हैं जिनमें लौह तत्व (Fe) की अधिकता होती है। इनसे इस्पात और अन्य धातुओं का निर्माण होता है। मुख्य लौह खनिजों में हेमेटाइट, मैग्नेटाइट, लिमोनाइट और सिडेराइट शामिल हैं।
भारत में लौह अयस्क का वितरण
भारत विश्व में लौह अयस्क उत्पादन में प्रमुख देशों में शामिल है। यहां उच्च गुणवत्ता वाले हेमेटाइट और मैग्नेटाइट अयस्क पाए जाते हैं।
मुख्य लौह अयस्क क्षेत्र
वर्तमान स्थिति
2022-23 में भारत ने 255 मिलियन टन लौह अयस्क का उत्पादन किया। यह खनिज भारत के इस्पात उद्योग की रीढ़ है।
See less“साथ आकर संघ बनाने” (कमिंग टुगेदर फेडरेशन) और “सबको साथ लाकर संघ बनाने” (होल्डिंग टुगेदर फेडरेशन) के बीच के भेद को उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
"साथ आकर संघ बनाने" और "सबको साथ लाकर संघ बनाने" का अंतर 1. साथ आकर संघ बनाने (Coming Together Federation) इसमें स्वतंत्र राज्य अपनी स्वायत्तता बनाए रखते हुए आपसी सहमति से एक संघ बनाते हैं। यह संरचना शक्ति-साझाकरण और सहयोग पर आधारित होती है। राज्यों को अधिक स्वतंत्रता मिलती है। उदाहरण: अमेरिका: 13 सRead more
“साथ आकर संघ बनाने” और “सबको साथ लाकर संघ बनाने” का अंतर
1. साथ आकर संघ बनाने (Coming Together Federation)
उदाहरण:
2. सबको साथ लाकर संघ बनाने (Holding Together Federation)
उदाहरण:
निष्कर्ष
“साथ आकर संघ बनाने” में स्वायत्तता प्राथमिक होती है, जबकि “सबको साथ लाकर संघ बनाने” में अखंडता और विविधता का प्रबंधन प्रमुख होता है।
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