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कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कम्पनियों को अधिक लाभदायक तथा चिरस्थायी बनाता है । विश्लेषण कीजिए । (150 words) [UPSC 2017]
कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) और कंपनी की लाभप्रदता कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) न केवल समाज की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कंपनियों को अधिक लाभदायक और स्थायी भी बना सकता है। CSR गतिविधियाँ कंपनियों की ब्रांड छवि को बेहतर करती हैं और ग्राहकों और शेयरधारकों के बीच विश्वास बढ़ाती हैं। हालRead more
कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) और कंपनी की लाभप्रदता
कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) न केवल समाज की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कंपनियों को अधिक लाभदायक और स्थायी भी बना सकता है। CSR गतिविधियाँ कंपनियों की ब्रांड छवि को बेहतर करती हैं और ग्राहकों और शेयरधारकों के बीच विश्वास बढ़ाती हैं।
हालिया उदाहरण:
टाटा ग्रुप ने CSR गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण संरक्षण में योगदान किया है। इसकी वजह से कंपनी की ब्रांड वेल्यू और ग्राहक वफादारी बढ़ी है, जो अंततः वित्तीय लाभ को बढ़ावा देती है।
इन्फोसिस ने भी CSR पहल के तहत कौशल विकास और समाज सेवा पर ध्यान केंद्रित किया। इसने कंपनी को प्रतिष्ठा और सामाजिक स्वीकृति प्रदान की, जो दीर्घकालिक लाभप्रदता में सहायक है।
इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि CSR गतिविधियाँ न केवल सामाजिक लाभ प्रदान करती हैं, बल्कि कंपनी की लंबी अवधि की सफलता और वित्तीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करती हैं।
See lessसमझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की एक परख है। इस संदर्भ में वास्तविक जीवन से उदाहरण देते हुए व्याख्या कीजिए । (150 words) [UPSC 2017]
समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना और सत्यनिष्ठा सत्यनिष्ठा का वास्तविक अर्थ है नैतिकता और ईमानदारी से काम करना, भले ही उसके लिए व्यक्तिगत या पेशेवर नुकसान उठाना पड़े। समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की परख के रूप में देखा जाता है, जहां व्यक्ति अपनी मूल मान्यताओं और नैतिक सिद्धांतों पर अRead more
समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना और सत्यनिष्ठा
सत्यनिष्ठा का वास्तविक अर्थ है नैतिकता और ईमानदारी से काम करना, भले ही उसके लिए व्यक्तिगत या पेशेवर नुकसान उठाना पड़े। समझौते से पूर्ण रूप से इनकार करना सत्यनिष्ठा की परख के रूप में देखा जाता है, जहां व्यक्ति अपनी मूल मान्यताओं और नैतिक सिद्धांतों पर अडिग रहता है।
हालिया उदाहरण:
आर्थिक घोटाले में शामिल न होने के लिए कई अधिकारियों ने अपनी जॉब्स छोड़ीं। आईएएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़ी और नकारात्मक परिणामों के बावजूद अपनी सच्चाई को कायम रखा। उनका उदाहरण दर्शाता है कि उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के बावजूद नैतिकता और ईमानदारी को प्राथमिकता दी।
शानदार निष्पक्षता के लिए यह भी उल्लेखनीय है कि अमेरिका की जानीमानी पत्रकार जूलियन असांजे ने अपने सिद्धांतों की रक्षा के लिए कठोर दंड को स्वीकार किया, जबकि अन्य ने समझौते के लिए दबाव डाला था।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए समझौते से पूरी तरह इनकार करना एक महत्वपूर्ण गुण है, जो नैतिकता और ईमानदारी को सबसे ऊपर रखता है।
See lessनीतिशास्त्र केस स्टडी
a. नैतिक मुद्दों पर चर्चा इस परिदृश्य में निम्नलिखित नैतिक मुद्दे उभरते हैं: व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन का संतुलन: रशिका को अपने काम के बोझ और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने में कठिनाई हो रही है। यह मुद्दा पेशेवर समर्पण और व्यक्तिगत जीवन के बीच सीमाओं की स्थापना की आवश्यकता को दर्शाता है।Read more
a. नैतिक मुद्दों पर चर्चा
इस परिदृश्य में निम्नलिखित नैतिक मुद्दे उभरते हैं:
b. महिलाओं के लिए सुरक्षित और न्यायसंगत कार्य परिवेश के संदर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए कानून
c. सुझाव
निष्कर्ष
रशिका की स्थिति में कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन उचित समय प्रबंधन, संवाद, और आत्म-देखभाल से पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया जा सकता है।
See lessसकारात्मक अभिवृत्ति एक लोक सेवक की अनिवार्य विशेषता मानी जाती है जिसे प्रायः नितान्त दबाव में कार्य करना पड़ता है। एक व्यक्ति की सकारात्मक अभिवृत्ति में क्या योगदान देता है ? (150 words) [UPSC 2020]
सकारात्मक अभिवृत्ति में योगदान देने वाले तत्व 1. आत्म-जागरूकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता: स्वयं की क्षमताओं और कमजोरियों की समझ और भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है। उदाहरण के लिए, आईएएस अधिकारी आयुक्त अनुपम सिन्हा ने अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए कोविRead more
सकारात्मक अभिवृत्ति में योगदान देने वाले तत्व
1. आत्म-जागरूकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता: स्वयं की क्षमताओं और कमजोरियों की समझ और भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता सकारात्मक सोच को बढ़ावा देती है। उदाहरण के लिए, आईएएस अधिकारी आयुक्त अनुपम सिन्हा ने अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए कोविड-19 संकट के दौरान राहत कार्यों में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा।
2. लचीलापन और अनुकूलनशीलता: असफलताओं से उबरने और नई परिस्थितियों के अनुसार ढलने की क्षमता सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखती है। आईपीएस अधिकारी विजय कुमार, जिन्होंने कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में कठिन परिस्थितियों का सामना किया, ने अपने लचीलेपन के माध्यम से सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा।
3. सतत सीखना और सुधार: स्वयं को निरंतर अपडेट और नया सीखना सकारात्मक मानसिकता को प्रोत्साहित करता है। डिजिटल इंडिया के तहत, कर्मचारी और अधिकारियों ने नई तकनीकों के प्रशिक्षण में सक्रिय भाग लिया, जिससे उनके दृष्टिकोण में सकारात्मकता बनी रही।
4. सहायक वातावरण और रिश्ते: एक समर्थन प्रणाली, जिसमें मेंटर्स और सहकर्मी शामिल हैं, सकारात्मक दृष्टिकोण को बनाए रखने में सहायक होती है। कोविड-19 महामारी के दौरान, सिविल सेवकों का सहयोग और आपसी समर्थन ने उनकी सकारात्मकता और काम करने की क्षमता को बनाए रखा।
निष्कर्ष
एक व्यक्ति की सकारात्मक अभिवृत्ति में आत्म-जागरूकता, लचीलापन, सतत सीखना, और सहायक वातावरण जैसे तत्व महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, जो नितान्त दबाव में भी एक संतुलित और प्रभावी दृष्टिकोण बनाए रखने में सहायक होते हैं।
See lessल्यूकीमिया, थैलासीमिया, क्षतिग्रस्त कॉर्निया व गंभीर दाह सहित सुविस्तृत चिकित्सीय दशाओं में उपचार करने के लिए भारत में स्टैम कोशिका चिकित्सा लोकप्रिय होती जा रही है। संक्षेप में वर्णन कीजिए कि स्टैम कोशिका उपचार क्या होता है और अन्य उपचारों की तुलना में उसके क्या लाभ हैं ? (150 words) [UPSC 2017]
स्टैम कोशिका चिकित्सा: संक्षेप में विवरण **1. स्टैम कोशिका उपचार क्या है? परिभाषा: स्टैम कोशिका उपचार में स्टैम कोशिकाओं का उपयोग विभिन्न बीमारियों और शारीरिक क्षति के इलाज के लिए किया जाता है। स्टैम कोशिकाएँ उन कोशिकाओं का एक प्रकार होती हैं जिनकी विशेषता है कि वे विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में परिRead more
स्टैम कोशिका चिकित्सा: संक्षेप में विवरण
**1. स्टैम कोशिका उपचार क्या है?
**2. अन्य उपचारों की तुलना में लाभ:
**1. पुनर्योजी क्षमता:
**2. अस्वीकृति का कम जोखिम:
**3. आनुवंशिक विकारों का इलाज:
**4. नए उपचार विकल्प:
निष्कर्ष: स्टैम कोशिका चिकित्सा पारंपरिक उपचारों की तुलना में पुनर्योजी क्षमताओं, अस्वीकृति के कम जोखिम, आनुवंशिक सुधार की संभावनाओं और नए उपचार विकल्पों की पेशकश करती है।
See lessStem cell therapy is gaining popularity in India to treat a wide variety of medical conditions including Leukaemia, Thalassemia, damaged cornea, and severe burns. Describe briefly what stem cell therapy is and what advantages it has over other treatments. (150 words) [UPSC 2017]
Stem Cell Therapy: An Overview **1. What is Stem Cell Therapy? Definition: Stem cell therapy involves using stem cells to treat or prevent diseases. Stem cells are undifferentiated cells with the potential to develop into different cell types in the body. They can be used to replace damaged or diseaRead more
Stem Cell Therapy: An Overview
**1. What is Stem Cell Therapy?
**2. Advantages Over Other Treatments:
**1. Regenerative Potential:
**2. Reduced Risk of Rejection:
**3. Potential for Curing Genetic Disorders:
**4. Enhanced Treatment Options:
In summary, stem cell therapy presents significant advantages over traditional treatments, including regenerative capabilities, reduced risk of rejection, potential genetic corrections, and enhanced treatment options.
See lessलागत प्रभावी छोटी प्रक्रमण इकाई की अल्प स्वीकारिता के क्या कारण हैं? खाद्य प्रक्रमण इकाई गरीब किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में किस प्रकार सहायक होगी ? (150 words) [UPSC 2017]
लागत प्रभावी छोटी प्रक्रमण इकाई की अल्प स्वीकारिता के कारण: **1. आधारभूत संरचना की कमी: सीमित सुविधाएँ: छोटी प्रक्रमण इकाइयों को अक्सर आधारभूत संरचना की कमी का सामना करना पड़ता है, जैसे कि ठंडा भंडारण और आधुनिक प्रक्रमण तकनीक। उदाहरण के लिए, कई छोटे यूनिट्स में उचित ठंडा भंडारण की सुविधा नहीं होती,Read more
लागत प्रभावी छोटी प्रक्रमण इकाई की अल्प स्वीकारिता के कारण:
**1. आधारभूत संरचना की कमी:
**2. उच्च प्रारंभिक निवेश:
**3. बाजार पहुँच की समस्याएँ:
**4. नियमिती समस्याएँ:
खाद्य प्रक्रमण इकाई से गरीब किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार:
**1. मूल्य वृद्धि और आय में वृद्धि:
**2. रोजगार सृजन:
**3. पश्चात-फसल क्षति में कमी:
**4. ग्रामीण विकास:
इस प्रकार, लागत प्रभावी छोटी प्रक्रमण इकाइयाँ वित्तीय, बुनियादी ढाँचे, और नियामक चुनौतियों का सामना करती हैं, लेकिन ये किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार सृजन, और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
See lessWhat are the reasons for the poor acceptance of cost-effective small processing units? How the food processing unit will be helpful to uplift the socio-economic status of poor farmers? (150 words) [UPSC 2017]
Reasons for Poor Acceptance of Cost-Effective Small Processing Units: **1. Lack of Infrastructure: Limited Facilities: Small processing units often suffer from inadequate infrastructure and facilities, which hampers their operational efficiency. For instance, many small units lack access to cold stoRead more
Reasons for Poor Acceptance of Cost-Effective Small Processing Units:
**1. Lack of Infrastructure:
**2. High Initial Investment:
**3. Market Access Issues:
**4. Regulatory Hurdles:
Impact of Food Processing Units on Socio-Economic Upliftment:
**1. Value Addition and Income Enhancement:
**2. Job Creation:
**3. Reduction in Post-Harvest Losses:
**4. Rural Development:
In conclusion, while cost-effective small processing units face challenges related to infrastructure, investment, market access, and regulation, they play a crucial role in enhancing farmers’ incomes, creating employment, reducing post-harvest losses, and fostering rural development.
See lessसार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल के अधीन संयुक्त उपक्रमों के माध्यम से भारत में विमानपत्तनों के विकास का परीक्षण कीजिए। इस संबंध में प्राधिकरणों के समक्ष कौन सी चुनौतियां हैं ? (150 words) [UPSC 2017]
भारत में पीपीपी मॉडल के अधीन विमानपत्तनों के विकास: **1. पीपीपी के माध्यम से विकास: सफल परियोजनाएँ: भारत ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत कई विमानपत्तनों के विकास में सफलता देखी है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन (दिल्ली) और राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय विमानपत्तन (हैदराबाद) इसकRead more
भारत में पीपीपी मॉडल के अधीन विमानपत्तनों के विकास:
**1. पीपीपी के माध्यम से विकास:
**2. चुनौतियाँ:
**1. भूमि अधिग्रहण की समस्याएँ:
**2. नियमिती बाधाएँ:
**3. आर्थिक स्थिरता:
**4. ऑपरेशनल दक्षता:
इस प्रकार, पीपीपी मॉडल ने भारत में विमानपत्तन विकास को आगे बढ़ाया है, लेकिन भूमि अधिग्रहण, नियामक बाधाएँ, वित्तीय स्थिरता, और ऑपरेशनल दक्षता जैसी चुनौतियों का समाधान आवश्यक है।
See lessExamine the development of Airports in India through joint ventures under the Public-Private Partnership (PPP) model. What are the challenges faced by the authorities in this regard? (150 words) [UPSC 2017]
Development of Airports in India through PPP Model: **1. Growth through PPP: Successful Projects: India has seen significant airport development through joint ventures under the Public-Private Partnership (PPP) model. For instance, the development of the Indira Gandhi International Airport (IGIA), DRead more
Development of Airports in India through PPP Model:
**1. Growth through PPP:
**2. Challenges Faced:
**1. Land Acquisition Issues:
**2. Regulatory Hurdles:
**3. Financial Viability:
**4. Operational Efficiency:
In summary, while the PPP model has greatly advanced airport infrastructure in India, challenges such as land acquisition, regulatory hurdles, financial viability, and operational efficiency need to be addressed to ensure smooth development and operation.
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