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भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में परमाणु ऊर्जा की भूमिका का मूल्यांकन करें। परमाणु क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करें और इसे पुनर्जीवित करने के लिए नीतिगत सुधारों का सुझाव दें। (200 शब्द)
परमाणु ऊर्जा और भारत की ऊर्जा सुरक्षा परमाणु ऊर्जा का महत्व: भारत के ऊर्जा सुरक्षा में परमाणु ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 GW अक्षय ऊर्जा उत्पादन और नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करना है। परमाणु ऊर्जा इस लक्ष्य में सहयोग कर सकती है, क्योंकि यह कम कार्बन उत्सर्जन के साथ स्थिरRead more
परमाणु ऊर्जा और भारत की ऊर्जा सुरक्षा
भारत को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और निवेश बढ़ाकर अपनी ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करना चाहिए।
See lessसरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य क्या होते हैं? भारत में सरकारी बजट के प्रमुख घटकों को सूचीबद्ध करें। (200 शब्द)
सरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य संसाधनों का आवंटन: सरकार आवश्यक क्षेत्रों में निवेश करके आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है। उदाहरण के लिए, 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। आय और संपत्ति का पुनर्वितरण: प्रगतिशील कराधान और सब्सिडी के माध्यम से सामाजिक असमानतRead more
सरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य
भारत में सरकारी बजट के प्रमुख घटक
इन घटकों के माध्यम से, सरकार आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण, और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाती है।
See lessसार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण की आवश्यकता और इसके साथ जुड़ी हुई चिंताओं पर विचार करें। (200 शब्द)
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण की आवश्यकता और इससे जुड़ी चिंताएं निजीकरण की आवश्यकता गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) में वृद्धि: भारतीय रिज़र्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2017 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में तनावग्रस्त आस्तियों का अनुपात बढ़कर 12% से अधिक हो गया था, जो बैंकिंग प्रRead more
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण की आवश्यकता और इससे जुड़ी चिंताएं
निजीकरण की आवश्यकता
निजीकरण से जुड़ी चिंताएं
निष्कर्ष
सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण से कार्यकुशलता और वित्तीय स्थिरता में सुधार की संभावना है, लेकिन वित्तीय समावेशन और रोजगार सुरक्षा जैसी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए संतुलित दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
See lessभारत में 1,80,000 मेगावाट महासागरीय तापीय ऊर्जा उत्पादन की क्षमता मौजूद है, लेकिन इस क्षेत्र में प्रगति अपेक्षाकृत धीमी रही है। इस संदर्भ में, प्रमुख चुनौतियों की पहचान करें और इनसे निपटने के लिए सुधारात्मक उपाय प्रस्तावित करें। (200 शब्द)
भारत में महासागरीय तापीय ऊर्जा (Ocean Thermal Energy) की 1,80,000 मेगावाट की अनुमानित क्षमता के बावजूद, इस क्षेत्र में प्रगति धीमी रही है। प्रमुख चुनौतियाँ और उनके समाधान निम्नलिखित हैं: मुख्य चुनौतियाँ: उच्च प्रारंभिक लागत: महासागरीय तापीय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में भारी निवेश की आवश्यकता होतीRead more
भारत में महासागरीय तापीय ऊर्जा (Ocean Thermal Energy) की 1,80,000 मेगावाट की अनुमानित क्षमता के बावजूद, इस क्षेत्र में प्रगति धीमी रही है। प्रमुख चुनौतियाँ और उनके समाधान निम्नलिखित हैं:
मुख्य चुनौतियाँ:
सुधारात्मक उपाय:
इन उपायों के माध्यम से भारत महासागरीय तापीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सकेगा, जिससे ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान होगा।
See lessभारतीय दर्शन के विभिन्न संप्रदायों का संक्षिप्त वर्णन करें। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारतीय दर्शन को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया गया है: आस्तिक (वेदों को मानने वाले) और नास्तिक (वेदों को न मानने वाले)। आस्तिक संप्रदाय: न्याय दर्शन: तर्क और प्रमाणों के माध्यम से सत्य की खोज पर बल देता है। वैशेषिक दर्शन: पदार्थों की विशेषताओं और उनके गुणों का विश्लेषण करता है। सांख्य दर्शन: प्रकृRead more
भारतीय दर्शन को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया गया है: आस्तिक (वेदों को मानने वाले) और नास्तिक (वेदों को न मानने वाले)।
आस्तिक संप्रदाय:
नास्तिक संप्रदाय:
इन दार्शनिक संप्रदायों ने भारतीय संस्कृति और समाज को गहराई से प्रभावित किया है। आज भी, योग और ध्यान जैसी प्रथाएं वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हैं, जो योग दर्शन की प्राचीन परंपराओं से उत्पन्न हुई हैं। बौद्ध और जैन दर्शन के सिद्धांत अहिंसा और पर्यावरण संरक्षण के आधुनिक आंदोलनों में परिलक्षित होते हैं। इस प्रकार, भारतीय दर्शन के विभिन्न संप्रदाय वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं और मानवता को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
See lessप्रथम विश्व युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय शांति बनाए रखने में राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशन्स) की भूमिका का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्रथम विश्व युद्ध की विनाशकारी घटनाओं के बाद, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 1920 में राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशन्स) की स्थापना की गई थी। इसके मुख्य उद्देश्य युद्धों को रोकना, निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना, और अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालना थे। हालांकिRead more
प्रथम विश्व युद्ध की विनाशकारी घटनाओं के बाद, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 1920 में राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशन्स) की स्थापना की गई थी। इसके मुख्य उद्देश्य युद्धों को रोकना, निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना, और अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालना थे।
हालांकि, राष्ट्र संघ अपने उद्देश्यों को पूर्णतः हासिल करने में असफल रहा। इसकी सबसे बड़ी कमजोरी प्रमुख शक्तियों का असहयोग था; उदाहरणस्वरूप, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कभी इसकी सदस्यता नहीं ली, जिससे संघ की प्रभावशीलता कम हो गई। इसके अतिरिक्त, संघ के पास अपनी स्वयं की सैन्य शक्ति नहीं थी, जिससे यह सदस्य राष्ट्रों पर निर्भर रहा और अपने निर्णयों को लागू करने में अक्षम साबित हुआ।
1930 के दशक में जापान, इटली, और जर्मनी जैसे देशों की आक्रामक नीतियों के सामने राष्ट्र संघ प्रभावी प्रतिक्रिया देने में विफल रहा। मंचूरिया पर जापान का आक्रमण, इथियोपिया पर इटली का हमला, और जर्मनी द्वारा वर्साय संधि का उल्लंघन इसके उदाहरण हैं। इन घटनाओं ने संघ की कमजोरी को उजागर किया और अंततः द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि तैयार की।
इन विफलताओं के बावजूद, राष्ट्र संघ ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और शांति स्थापना के प्रयासों की नींव रखी, जो बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना में सहायक सिद्ध हुई।
See lessभू-गतिशीलता से निर्मित झीलों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करें और झीलों के आर्थिक एवं पारिस्थितिक महत्व का विश्लेषण करें। (200 शब्दों में उत्तर दें)
झीलों का परिचय भू-गतिशीलता से निर्मित झीलें पृथ्वी की आंतरिक गतियों से बनती हैं, जैसे कि प्लेट टेक्टोनिक्स और भूकंपीय हलचलें। ये झीलें भूकंपीय गतिविधियों या प्लेटों के संकुचन से उत्पन्न होती हैं। आर्थिक महत्व सिंचाई और जल आपूर्ति: इन झीलों से जल प्राप्त कर कृषि को बढ़ावा मिलता है, जैसे कि भारत में कRead more
झीलों का परिचय
भू-गतिशीलता से निर्मित झीलें पृथ्वी की आंतरिक गतियों से बनती हैं, जैसे कि प्लेट टेक्टोनिक्स और भूकंपीय हलचलें। ये झीलें भूकंपीय गतिविधियों या प्लेटों के संकुचन से उत्पन्न होती हैं।
आर्थिक महत्व
पारिस्थितिकीय महत्व
भारत में विनिर्माण उद्योगों की स्थान चयन को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं? साथ ही, भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताइए। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारत में विनिर्माण उद्योगों के स्थान चयन के कारक कच्चा माल: उद्योग कच्चे माल के स्रोत के पास लगते हैं। जैसे, झारखंड में स्टील उद्योग। भारत के खनिज संसाधन इन उद्योगों के विकास को बढ़ावा देते हैं। ऊर्जा: सस्ती और निरंतर ऊर्जा आपूर्ति आवश्यक है। जैसे, गुजरात में सौर ऊर्जा से जुड़े उद्योग। 2024 तक, भारतRead more
भारत में विनिर्माण उद्योगों के स्थान चयन के कारक
भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र
इन कारकों और क्षेत्रों से भारत का विनिर्माण तेजी से बढ़ रहा है।
See lessअंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं में अंतर स्पष्ट करें और अपक्षय की महत्ता पर चर्चा करें।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं में अंतर अंतर्जनित प्रक्रियाएँ (Endogenic processes): ये प्रक्रियाएँ पृथ्वी के अंदर से उत्पन्न होती हैं। इसमें पृथ्वी के भीतरी भाग में होने वाली हलचलें शामिल होती हैं, जैसे प्लेट टेक्टोनिक्स, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट आदि। यह प्रक्रियाएँ धीमी गति से होतीRead more
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं में अंतर
अंतर्जनित प्रक्रियाएँ (Endogenic processes):
बहिर्जनित प्रक्रियाएँ (Exogenic processes):
अपक्षय की महत्ता
अपक्षय (Weathering):