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भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र समझौता का परिचय दीजिए ।
भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र समझौता संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी समझौता, 2003 में अपनाया गया, जो वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए है। मुख्य बिंदु: अंतरराष्ट्रीय सहयोग: देशों के बीच भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए सहयोग बढ़ाना। कानूनी ढांचा: भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानूनों का निRead more
भ्रष्टाचार पर संयुक्त राष्ट्र समझौता
संयुक्त राष्ट्र भ्रष्टाचार विरोधी समझौता, 2003 में अपनाया गया, जो वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए है।
मुख्य बिंदु:
इस समझौते से देशों को एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाने में मदद मिलती है।
See lessभ्रष्टाचार को किस तरह वर्गीकृत किया जा सकता है ?
भ्रष्टाचार की वर्गीकरण भ्रष्टाचार को कई तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है: 1. आचारण के अनुसार नैतिक भ्रष्टाचार: जब व्यक्ति अपनी नैतिकता के खिलाफ जाकर गलत करता है। आर्थिक भ्रष्टाचार: जब सरकारी धन का दुरुपयोग होता है। 2. प्रकार के अनुसार रिश्वतखोरी: जब किसी को लाभ पहुंचाने के लिए पैसे या उपहार दिए जाRead more
भ्रष्टाचार की वर्गीकरण
भ्रष्टाचार को कई तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है:
1. आचारण के अनुसार
2. प्रकार के अनुसार
इस वर्गीकरण से समझ में आता है कि भ्रष्टाचार के अलग-अलग रूप कैसे समाज को प्रभावित करते हैं।
See lessअखिल भारतीय सेवा नियम, 1968 में "शासन" का अर्थ क्या है ?
अखिल भारतीय सेवा नियम, 1968 में "शासन" का अर्थ अखिल भारतीय सेवा नियम, 1968 में "शासन" का अर्थ है प्रशासनिक प्रणाली, जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों और उनके कार्य शामिल होते हैं। महत्वपूर्ण बिंदु नीतिगत निर्णय: शासन में नीतियों का निर्माण और कार्यान्वयन शामिल होता है। सुविधाएँ: यह नागरिकों को विभिन्न सRead more
अखिल भारतीय सेवा नियम, 1968 में “शासन” का अर्थ
अखिल भारतीय सेवा नियम, 1968 में “शासन” का अर्थ है प्रशासनिक प्रणाली, जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों और उनके कार्य शामिल होते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
उदाहरण के लिए, जब कोई नया कानून लागू होता है, तो शासन उसकी प्रक्रिया और प्रभाव को सुनिश्चित करता है।
See lessप्रशासन में पारदर्शिता का क्या महत्त्व है ? समझाइए ।
प्रशासन में पारदर्शिता का महत्त्व प्रशासन में पारदर्शिता का महत्त्व नागरिकों का विश्वास बढ़ाने में है। जब सरकारी प्रक्रियाएँ खुली होती हैं, तो लोग निर्णयों को समझ पाते हैं। महत्त्व के बिंदु भ्रष्टाचार में कमी: पारदर्शिता से भ्रष्टाचार पर रोक लगती है। जवाबदेही: अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जवाRead more
प्रशासन में पारदर्शिता का महत्त्व
प्रशासन में पारदर्शिता का महत्त्व नागरिकों का विश्वास बढ़ाने में है। जब सरकारी प्रक्रियाएँ खुली होती हैं, तो लोग निर्णयों को समझ पाते हैं।
महत्त्व के बिंदु
उदाहरण के लिए, यदि सरकारी परियोजनाओं की जानकारी सार्वजनिक की जाए, तो लोग अपनी राय दे सकते हैं और निरीक्षण कर सकते हैं।
See lessसांवेगिक बुद्धि का अर्थ एवं सांवेगिक रूप से बुद्धिमान व्यक्ति की विशेषतायें लिखिए ।
सांवेगिक बुद्धि का अर्थ सांवेगिक बुद्धि (Emotional Intelligence) का अर्थ है अपने और दूसरों के भावनाओं को पहचानने और प्रबंधित करने की क्षमता। सांवेगिक रूप से बुद्धिमान व्यक्ति की विशेषताएँ संवेदनशीलता: दूसरों की भावनाओं को समझते हैं। सकारात्मक संवाद: खुलकर बात करने में सक्षम होते हैं। सामाजिक कौशल: अRead more
सांवेगिक बुद्धि का अर्थ
सांवेगिक बुद्धि (Emotional Intelligence) का अर्थ है अपने और दूसरों के भावनाओं को पहचानने और प्रबंधित करने की क्षमता।
सांवेगिक रूप से बुद्धिमान व्यक्ति की विशेषताएँ
उदाहरण के लिए, एक नेता जो अपनी टीम के सदस्यों की भावनाओं का ध्यान रखता है, बेहतर निर्णय ले सकता है।
See lessसिविल सेवा में निष्पक्षता के महत्त्व के बारे में लिखिए।
सिविल सेवा में निष्पक्षता का महत्त्व सिविल सेवा में निष्पक्षता अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह सरकारी नीतियों और निर्णयों में पारदर्शिता लाती है। निष्पक्ष अधिकारी सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करते हैं, जिससे जनता का विश्वास बढ़ता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी मामले में पक्षपात किया जाए, तो यह न केवलRead more
सिविल सेवा में निष्पक्षता का महत्त्व
सिविल सेवा में निष्पक्षता अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह सरकारी नीतियों और निर्णयों में पारदर्शिता लाती है। निष्पक्ष अधिकारी सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करते हैं, जिससे जनता का विश्वास बढ़ता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी मामले में पक्षपात किया जाए, तो यह न केवल न्याय को प्रभावित करता है, बल्कि समाज में असंतोष भी पैदा करता है।
See lessअरस्तू के 'सुनहरे मध्य मार्ग' की चर्चा कीजिए।
अरस्तू का 'सुनहरा मध्य मार्ग' अरस्तू का 'सुनहरा मध्य मार्ग' नैतिकता में संतुलन का सिद्धांत है। वह मानते थे कि चरित्र गुणों का आदर्श स्तर हमेशा दो अतियों के बीच होता है। उदाहरण के लिए, साहस का गुण न तो अति भयभीत होना है, न ही लापरवाह होना। इस प्रकार, एक व्यक्ति को अपने व्यवहार में संतुलन बनाए रखना चाRead more
अरस्तू का ‘सुनहरा मध्य मार्ग’
अरस्तू का ‘सुनहरा मध्य मार्ग’ नैतिकता में संतुलन का सिद्धांत है। वह मानते थे कि चरित्र गुणों का आदर्श स्तर हमेशा दो अतियों के बीच होता है। उदाहरण के लिए, साहस का गुण न तो अति भयभीत होना है, न ही लापरवाह होना। इस प्रकार, एक व्यक्ति को अपने व्यवहार में संतुलन बनाए रखना चाहिए, ताकि वह सच्चा सुख प्राप्त कर सके।
See lessस्वामी विवेकानंद के अनुसार 'समाजवाद' का अभिप्राय बताइए ।
स्वामी विवेकानंद के अनुसार 'समाजवाद' स्वामी विवेकानंद के अनुसार, 'समाजवाद' का अभिप्राय है समाज के सभी वर्गों की भलाई और समानता। वे मानते थे कि प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर मिलना चाहिए। समाज का विकास तब संभव है जब सभी लोग एक-दूसरे की मदद करें। उदाहरण के लिए, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का समान वितरणRead more
स्वामी विवेकानंद के अनुसार ‘समाजवाद’
स्वामी विवेकानंद के अनुसार, ‘समाजवाद’ का अभिप्राय है समाज के सभी वर्गों की भलाई और समानता। वे मानते थे कि प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर मिलना चाहिए। समाज का विकास तब संभव है जब सभी लोग एक-दूसरे की मदद करें। उदाहरण के लिए, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का समान वितरण जरूरी है, ताकि हर व्यक्ति तरक्की कर सके।
See lessक्या आर्थिक अपराध को भ्रष्टाचार के रूप में देखा जा सकता है ?
आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार हां, आर्थिक अपराध को भ्रष्टाचार के रूप में देखा जा सकता है; जैसे धन की हेराफेरी या धोखाधड़ी।
आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार
हां, आर्थिक अपराध को भ्रष्टाचार के रूप में देखा जा सकता है; जैसे धन की हेराफेरी या धोखाधड़ी।
See lessभ्रष्टाचार का मुख्य कारण क्या हो सकता है ?
भ्रष्टाचार का मुख्य कारण भ्रष्टाचार का मुख्य कारण नैतिकता की कमी और पारदर्शिता का अभाव है; जैसे अधिकारियों द्वारा अनियमितताएँ करना।
भ्रष्टाचार का मुख्य कारण
भ्रष्टाचार का मुख्य कारण नैतिकता की कमी और पारदर्शिता का अभाव है; जैसे अधिकारियों द्वारा अनियमितताएँ करना।
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