यद्यपि भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण एक सकारात्मक कदम है, तथापि उसमें कुछ ऐसी चुनौतियां भी विद्यमान हैं जिनका समाधान किए जाने की आवश्यकता है। चर्चा कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जो 1 जुलाई 2017 से भारत में लागू हुई। इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं: एकीकृत कर प्रणाली: GST सभी केंद्रीय और राज्य स्तर के अप्रत्यक्ष करों (जैसे, VAT, सेवा कर, एक्साइज ड्यूटी) को एकीकृत करता है, जिससे एक ही कर प्रणाली के तहत सभी वस्त्र और सेवाओं पRead more
वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक एकीकृत अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जो 1 जुलाई 2017 से भारत में लागू हुई। इसकी मुख्य विशेषताएँ हैं:
- एकीकृत कर प्रणाली: GST सभी केंद्रीय और राज्य स्तर के अप्रत्यक्ष करों (जैसे, VAT, सेवा कर, एक्साइज ड्यूटी) को एकीकृत करता है, जिससे एक ही कर प्रणाली के तहत सभी वस्त्र और सेवाओं पर कर लगाया जाता है।
- क्रेडिट मेकानिज़्म: यह प्रणाली आपूर्ति की प्रत्येक श्रृंखला में कर क्रेडिट की अनुमति देती है, जिससे अंततः केवल उपभोक्ता पर अंतिम कर का बोझ पड़ता है।
- समान कर दर: विभिन्न वस्त्र और सेवाओं के लिए समान कर दर लागू होती है, जिससे व्यापारिक प्रक्रियाओं की जटिलता कम होती है।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म: GST नेटवर्क (GSTN) के माध्यम से सभी लेन-देन और रिटर्न की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में सुधार हुआ है।
उपलब्धियाँ:
- विषमता का समाधान: राज्यों और केंद्र के बीच कर विवाद कम हुए।
- आय में वृद्धि: GST के तहत कर संग्रह बढ़ा है, जिससे सरकारी खजाने को मजबूती मिली है।
चुनौतियाँ:
- सिस्टम की जटिलता: छोटे व्यवसायों को GST प्रणाली को समझने और लागू करने में कठिनाई होती है।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट का विवाद: कुछ मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए विवाद उत्पन्न हुए हैं।
सम्पूर्ण रूप से, GST ने भारत की कर प्रणाली में सुधार किया है लेकिन इसके कार्यान्वयन में सुधार की आवश्यकता अभी भी है।
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भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है, जो पारदर्शिता, सुगमता और अधिकारिता को बढ़ावा देता है। हालांकि, इसके साथ कुछ प्रमुख चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं: डेटा सुरक्षा और गोपनीयता: डिजिटलीकृत भूमि अभिलेखों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। साइबर हमलों और डेटा चोरी से बचाव के लिRead more
भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम है, जो पारदर्शिता, सुगमता और अधिकारिता को बढ़ावा देता है। हालांकि, इसके साथ कुछ प्रमुख चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं:
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक व्यापक रणनीति, बेहतर तकनीकी अवसंरचना, और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है, ताकि डिजिटलीकरण की प्रक्रिया सफल और सुरक्षित हो सके।
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