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भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में परमाणु ऊर्जा की भूमिका का मूल्यांकन करें। परमाणु क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करें और इसे पुनर्जीवित करने के लिए नीतिगत सुधारों का सुझाव दें। (200 शब्द)
भारत की ऊर्जा सुरक्षा में परमाणु ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह एक स्वच्छ, विश्वसनीय और निरंतर ऊर्जा स्रोत प्रदान करती है। बढ़ती ऊर्जा मांग और कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रयासों के मद्देनज़र, परमाणु ऊर्जा के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत ने 2032 तक 63 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा क्षमताRead more
भारत की ऊर्जा सुरक्षा में परमाणु ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि यह एक स्वच्छ, विश्वसनीय और निरंतर ऊर्जा स्रोत प्रदान करती है। बढ़ती ऊर्जा मांग और कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रयासों के मद्देनज़र, परमाणु ऊर्जा के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत ने 2032 तक 63 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है।
परमाणु क्षेत्र की चुनौतियाँ
नीतिगत सुधार
सरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य क्या होते हैं? भारत में सरकारी बजट के प्रमुख घटकों को सूचीबद्ध करें। (200 शब्द)
सरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य सरकारी बजट का मुख्य उद्देश्य संसाधनों का उचित आवंटन, आय और संपत्ति का पुनर्वितरण, और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है। यह सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक निवेश करने, सामाजिक असमानताओं को कम करने, और समग्र आर्थिक संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है। भारत में सरकारीRead more
सरकारी बजट के मुख्य उद्देश्य
सरकारी बजट का मुख्य उद्देश्य संसाधनों का उचित आवंटन, आय और संपत्ति का पुनर्वितरण, और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है। यह सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक निवेश करने, सामाजिक असमानताओं को कम करने, और समग्र आर्थिक संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है।
भारत में सरकारी बजट के प्रमुख घटक
इन घटकों के माध्यम से, सरकार आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण, और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाती है।
See lessसार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण की आवश्यकता और इसके साथ जुड़ी हुई चिंताओं पर विचार करें। (200 शब्द)
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण की आवश्यकता कार्यकुशलता और लाभप्रदता: निजी बैंकों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों (PSBs) का प्रदर्शन प्रायः कमजोर रहा है। निजीकरण से इन बैंकों में प्रबंधन सुधार, लाभप्रदता और कार्यकुशलता बढ़ सकती है। राजकोषीय भार में कमी: PSBs में बढ़ते गैर-निष्पादित पRead more
सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण की आवश्यकता
निजी बैंकों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों (PSBs) का प्रदर्शन प्रायः कमजोर रहा है। निजीकरण से इन बैंकों में प्रबंधन सुधार, लाभप्रदता और कार्यकुशलता बढ़ सकती है।
PSBs में बढ़ते गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) के कारण सरकार को बार-बार पूंजी डालनी पड़ती है। निजीकरण से यह वित्तीय बोझ कम हो सकता है।
निजी बैंकों के प्रवेश से बैंकिंग क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
निजीकरण से जुड़ी चिंताएं
PSBs ने ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। निजीकरण के बाद, लाभ आधारित सोच के कारण ये सेवाएं कम हो सकती हैं।
निजीकरण से कर्मचारियों की छंटनी और अस्थिरता बढ़ने की संभावना है।
सार्वजनिक बैंकों ने लंबे समय तक बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण किया है। निजीकरण के बाद, निजी बैंकों का जोखिम उठाने की प्रवृत्ति कम हो सकती है।
निष्कर्ष
See lessनिजीकरण से कार्यकुशलता और लाभप्रदता में सुधार हो सकता है, लेकिन वित्तीय समावेशन और सामाजिक जिम्मेदारियों को ध्यान में रखकर ही इसे लागू किया जाना चाहिए।
भारत में 1,80,000 मेगावाट महासागरीय तापीय ऊर्जा उत्पादन की क्षमता मौजूद है, लेकिन इस क्षेत्र में प्रगति अपेक्षाकृत धीमी रही है। इस संदर्भ में, प्रमुख चुनौतियों की पहचान करें और इनसे निपटने के लिए सुधारात्मक उपाय प्रस्तावित करें। (200 शब्द)
भारत में महासागरीय तापीय ऊर्जा (Ocean Thermal Energy) की अनुमानित क्षमता 1,80,000 मेगावाट है, लेकिन इस क्षेत्र में विकास अपेक्षाकृत धीमा रहा है। प्रमुख चुनौतियाँ और उनके समाधान निम्नलिखित हैं: चुनौतियाँ: उच्च प्रारंभिक लागत: महासागरीय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में भारी निवेश की आवश्यकता होती है, जोRead more
भारत में महासागरीय तापीय ऊर्जा (Ocean Thermal Energy) की अनुमानित क्षमता 1,80,000 मेगावाट है, लेकिन इस क्षेत्र में विकास अपेक्षाकृत धीमा रहा है। प्रमुख चुनौतियाँ और उनके समाधान निम्नलिखित हैं:
चुनौतियाँ:
सुधारात्मक उपाय:
इन उपायों के माध्यम से भारत महासागरीय तापीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सकेगा, जिससे ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान होगा।
See lessभारतीय दर्शन के विभिन्न संप्रदायों का संक्षिप्त वर्णन करें। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारतीय दर्शन में विभिन्न संप्रदायों को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया गया है: आस्तिक (वेदों को मानने वाले) और नास्तिक (वेदों को न मानने वाले)। आस्तिक संप्रदाय: न्याय दर्शन: यह संप्रदाय तर्कशास्त्र और प्रमाणों के माध्यम से ज्ञान प्राप्ति पर बल देता है। वैशेषिक दर्शन: यह संप्रदाय पदार्थों की विशेषताRead more
भारतीय दर्शन में विभिन्न संप्रदायों को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया गया है: आस्तिक (वेदों को मानने वाले) और नास्तिक (वेदों को न मानने वाले)।
आस्तिक संप्रदाय:
नास्तिक संप्रदाय:
इन संप्रदायों ने भारतीय दार्शनिक परंपरा को समृद्ध किया है और जीवन, अस्तित्व, ज्ञान और मोक्ष के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार प्रस्तुत किए हैं।
See lessभू-गतिशीलता से निर्मित झीलों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करें और झीलों के आर्थिक एवं पारिस्थितिक महत्व का विश्लेषण करें। (200 शब्दों में उत्तर दें)
भू-गतिशीलता से निर्मित झीलों का संक्षिप्त विवरण भू-गतिशीलता से निर्मित झीलें वे होती हैं जो पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों जैसे प्लेट टेक्टोनिक्स और भूकंपों से उत्पन्न होती हैं। इन झीलों का निर्माण अक्सर पर्वत श्रृंखलाओं के संकुचन या उपसरण द्वारा होता है। आर्थिक महत्व सिंचाई और जल आपूर्ति: भू-गतिशील झीRead more
भू-गतिशीलता से निर्मित झीलों का संक्षिप्त विवरण
भू-गतिशीलता से निर्मित झीलें वे होती हैं जो पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों जैसे प्लेट टेक्टोनिक्स और भूकंपों से उत्पन्न होती हैं। इन झीलों का निर्माण अक्सर पर्वत श्रृंखलाओं के संकुचन या उपसरण द्वारा होता है।
आर्थिक महत्व
पारिस्थितिकीय महत्व
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण का वर्णन करें। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण का वर्णन परिचय वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी और ऊर्जा के वितरण की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया सौर ऊर्जा, पृथ्वी के घूर्णन, और वायुमंडलीय दाब भिन्नताओं से संचालित होती है। मुख्य अवधारणाएँ गर्मी का वितरण: सूर्य के कारण भूमध्य रेखा पर गर्मी अधिक होतRead more
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण का वर्णन
परिचय
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी और ऊर्जा के वितरण की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया सौर ऊर्जा, पृथ्वी के घूर्णन, और वायुमंडलीय दाब भिन्नताओं से संचालित होती है।
मुख्य अवधारणाएँ
उदाहरण
निष्कर्ष
यह प्रणाली वैश्विक जलवायु और मौसम की घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
See lessभारत में विनिर्माण उद्योगों की स्थान चयन को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं? साथ ही, भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के बारे में विस्तार से बताइए। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारत में विनिर्माण उद्योगों के स्थान चयन के कारक भारत में विनिर्माण उद्योगों का स्थान चयन निम्नलिखित प्रमुख कारकों पर निर्भर करता है: कच्चा माल: उद्योगों को कच्चे माल की उपलब्धता के पास स्थापित करना लागत कम करता है। जैसे, जूट उद्योग पश्चिम बंगाल में प्रमुख है। श्रम: कुशल और सस्ते श्रमिकों की उपलब्धतRead more
भारत में विनिर्माण उद्योगों के स्थान चयन के कारक
भारत में विनिर्माण उद्योगों का स्थान चयन निम्नलिखित प्रमुख कारकों पर निर्भर करता है:
भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र
ये क्षेत्र विविध संसाधनों और नीतियों के कारण विकसित हुए हैं।
See lessलौह खनिज क्या होते हैं? भारत में लौह अयस्क के वितरण को उदाहरण सहित विस्तार से समझाइए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
लौह खनिज और भारत में वितरण लौह खनिज (Iron Minerals) वे खनिज हैं जिनमें लौह (Fe) मौजूद होता है। इनमें मुख्य रूप से हेमेटाइट और मैग्नेटाइट प्रमुख हैं: हेमेटाइट: उच्च लौह सामग्री (लगभग 70%) और औद्योगिक उपयोग में अहम। मैग्नेटाइट: चुंबकीय गुणों के लिए प्रसिद्ध, लौह की मात्रा लगभग 60-70%। भारत में लौह अयसRead more
लौह खनिज और भारत में वितरण
लौह खनिज (Iron Minerals) वे खनिज हैं जिनमें लौह (Fe) मौजूद होता है। इनमें मुख्य रूप से हेमेटाइट और मैग्नेटाइट प्रमुख हैं:
भारत में लौह अयस्क का वितरण
भारत लौह अयस्क का एक बड़ा उत्पादक है। मुख्य वितरण क्षेत्र हैं:
महत्व
भारत का लौह अयस्क घरेलू इस्पात उद्योग और निर्यात दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। ओडिशा और कर्नाटक प्रमुख निर्यातक राज्य हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
See lessअंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं में अंतर स्पष्ट करें और अपक्षय की महत्ता पर चर्चा करें।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं में अंतर अंतर्जनित प्रक्रियाएँ: ये प्रक्रियाएँ पृथ्वी के आंतरिक भाग से उत्पन्न होती हैं, जैसे भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, और प्लेट टेक्टोनिक्स। उदाहरण: 2023 में तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने यह दर्शाया कि अंतर्जनित प्रक्रियाएँ पृथ्वी के भू-आकृतिक ढांचेRead more
अंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं में अंतर
अंतर्जनित प्रक्रियाएँ:
बहिर्जनित प्रक्रियाएँ:
अपक्षय की महत्ता