लौह खनिज क्या हैं? भारत में लौह अयस्क के वितरण का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्रवाहित जल भू-आकृतियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब पानी नदियों, धाराओं और झीलों के रूप में प्रवाहित होता है, तो यह चट्टानों और मिट्टी को कटाव करता है और गहरे घाटियों और कण्ठों का निर्माण करता है। निरंतर कटाव के माध्यम से, नदी अपने मार्ग को धीरे-धीरे गहरी और चौड़ी करती है, जिससे घाटRead more
प्रवाहित जल भू-आकृतियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब पानी नदियों, धाराओं और झीलों के रूप में प्रवाहित होता है, तो यह चट्टानों और मिट्टी को कटाव करता है और गहरे घाटियों और कण्ठों का निर्माण करता है। निरंतर कटाव के माध्यम से, नदी अपने मार्ग को धीरे-धीरे गहरी और चौड़ी करती है, जिससे घाटियाँ और कण्ठ निर्मित होते हैं।
प्रवाहित जल की निक्षेपण विशेषताएँ विभिन्न प्रकार की होती हैं:
- किसी नदी के शिखर पर निक्षेपण: यहाँ जल की गति कम होती है, जिससे बड़े कण जैसे बजरी और सिल्ट नदी के किनारे पर जमा होते हैं, जो ‘कन’ (चूना) और ‘फ्लडप्लेन’ का निर्माण करते हैं।
- मध्य और निचले भागों में निक्षेपण: जैसे-जैसे नदी की गति कम होती है, महीन कण जैसे मिट्टी और सिल्ट जमा होते हैं। यहाँ, ‘डेल्टा’ का निर्माण होता है, जहाँ नदी समुद्र में मिलती है।
- वाढी धारा में निक्षेपण: वृष्टि और बर्फ के पिघलने से जमा हुए कण ‘पैदल’, ‘मोराइन’ और ‘आइस’ द्वारा निक्षेपित होते हैं।
ये निक्षेपण प्रक्रियाएँ भूमि की सतह को आकार देती हैं और नई भू-आकृतियों का निर्माण करती हैं, जैसे ‘तलाब’, ‘डेल्टा’ और ‘मोराइन’।
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लौह खनिज, जो मुख्यतः लौह अयस्क के रूप में पाए जाते हैं, वे खनिज हैं जिनमें लौह की पर्याप्त मात्रा होती है और जिन्हें धातु उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है। लौह अयस्क मुख्यतः हेमाटाइट (Fe2O3), मैग्नेटाइट (Fe3O4), और लिमोनाइट (FeO(OH)·nH2O) के रूप में पाया जाता है। भारत में लौह अयस्क का वितरण प्रमुखRead more
लौह खनिज, जो मुख्यतः लौह अयस्क के रूप में पाए जाते हैं, वे खनिज हैं जिनमें लौह की पर्याप्त मात्रा होती है और जिन्हें धातु उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है। लौह अयस्क मुख्यतः हेमाटाइट (Fe2O3), मैग्नेटाइट (Fe3O4), और लिमोनाइट (FeO(OH)·nH2O) के रूप में पाया जाता है।
भारत में लौह अयस्क का वितरण प्रमुख रूप से चार प्रमुख क्षेत्रों में होता है:
इन क्षेत्रों में लौह अयस्क की उच्च गुणवत्ता और भरपूर मात्रा के कारण भारत लौह अयस्क के उत्पादन में अग्रणी देशों में शामिल है।
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