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“भारत के रक्षा आधुनिकीकरण में आगे बढने और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करें। इन चुनौतियों से निपटने के उपाय सुझाएँ।” (200 शब्द)
भारत ने रक्षा आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में कुछ चुनौतियाँ भी हैं। रक्षा आधुनिकीकरण में प्रमुख कदम आत्मनिर्भरता की ओर कदम: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए 'मेक इन इंडिया' पहल शुरू की गई है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिला है। निजी क्षेत्रRead more
भारत ने रक्षा आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में कुछ चुनौतियाँ भी हैं।
रक्षा आधुनिकीकरण में प्रमुख कदम
आत्मनिर्भरता में चुनौतियाँ
समाधान के उपाय
इन उपायों को अपनाकर, भारत अपने रक्षा आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
See less“भारत में विकासात्मक आकांक्षाओं को पर्यावरणीय स्थिरता के साथ संतुलित करने के लिए प्रमुख चुनौतियों और रणनीतियों पर चर्चा करें, विशेष रूप से केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना जैसी परियोजनाओं के संदर्भ में।” (200 शब्द)
परिचय: भारत में विकासात्मक आकांक्षाओं और पर्यावरणीय स्थिरता का संतुलन एक जटिल कार्य है। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना इसके उदाहरण के रूप में सामने आती है। मुख्य चुनौतियाँ: पर्यावरणीय प्रभाव: केन-बेतवा परियोजना के तहत नदी का जल प्रवाह बदलने से पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जैसे वनRead more
परिचय: भारत में विकासात्मक आकांक्षाओं और पर्यावरणीय स्थिरता का संतुलन एक जटिल कार्य है। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना इसके उदाहरण के रूप में सामने आती है।
मुख्य चुनौतियाँ:
रणनीतियाँ:
निष्कर्ष: केन-बेतवा जैसी परियोजनाएँ विकास और पर्यावरणीय संतुलन का मिश्रण हो सकती हैं, यदि वे सही तरीके से लागू की जाएं।
See lessभारत के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने में प्रवासी भारतीयों के महत्व पर चर्चा करें। भारत के विकास में उनके योगदान को अधिकतम करने के लिए सरकार इस समुदाय के साथ कैसे जुड़ सकती है?
भारत के प्रवासी भारतीयों का वैश्विक प्रभाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। वे अपने-अपने देशों में भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, प्रवासी भारतीयों ने अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में भारतीय समुदाय की संस्कृति को फैलाया और भारत के व्यापारिक संबRead more
भारत के प्रवासी भारतीयों का वैश्विक प्रभाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। वे अपने-अपने देशों में भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक और कूटनीतिक प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं। उदाहरण के लिए, प्रवासी भारतीयों ने अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में भारतीय समुदाय की संस्कृति को फैलाया और भारत के व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया।
योगदान:
सरकार की भूमिका:
इस प्रकार, प्रवासी भारतीय भारत के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
See lessभू-गतिशीलता से निर्मित झीलों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करें और झीलों के आर्थिक एवं पारिस्थितिक महत्व का विश्लेषण करें। (200 शब्दों में उत्तर दें)
भू-गतिशीलता से निर्मित झीलें ऐसी झीलें होती हैं जो पृथ्वी की आंतरिक गतियों के कारण बनती हैं। उदाहरण के रूप में, प्लेट टेक्टोनिक्स, भूकंपीय हलचलों, और पर्वतों के निर्माण से उत्पन्न झीलें प्रमुख हैं। आर्थिक महत्व सिंचाई और जल आपूर्ति: इन झीलों से किसानों को जल मिलता है, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ता है। मतRead more
भू-गतिशीलता से निर्मित झीलें ऐसी झीलें होती हैं जो पृथ्वी की आंतरिक गतियों के कारण बनती हैं। उदाहरण के रूप में, प्लेट टेक्टोनिक्स, भूकंपीय हलचलों, और पर्वतों के निर्माण से उत्पन्न झीलें प्रमुख हैं।
आर्थिक महत्व
पारिस्थितिक महत्व
इस प्रकार, भू-गतिशीलता से उत्पन्न झीलें न केवल प्राकृतिक धरोहर हैं, बल्कि इनका आर्थिक और पारिस्थितिकीय महत्व भी अत्यधिक है।
See lessवैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण का वर्णन करें। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण पृथ्वी के वायुमंडल में हवा के बड़े पैमाने पर प्रवाह को दर्शाता है। यह प्रक्रिया सूर्य से प्राप्त ऊष्मा और पृथ्वी के घूर्णन के कारण होती है, जो पृथ्वी की जलवायु और मौसम को प्रभावित करती है। प्रमुख तत्व: ऊष्मा और दबाव का अंतर: भूमध्य रेखा पर सूर्Read more
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण पृथ्वी के वायुमंडल में हवा के बड़े पैमाने पर प्रवाह को दर्शाता है। यह प्रक्रिया सूर्य से प्राप्त ऊष्मा और पृथ्वी के घूर्णन के कारण होती है, जो पृथ्वी की जलवायु और मौसम को प्रभावित करती है।
प्रमुख तत्व:
प्रभाव:
यह प्रणाली पृथ्वी के जलवायु संतुलन में मुख्य भूमिका निभाती है और जलवायु परिवर्तन के कारण इसमें अस्थिरता बढ़ रही है।
See lessअधिकरण क्या होते हैं? भारतीय संविधान के अनुच्छेद 323A और अनुच्छेद 323B में क्या अंतर है?(उत्तर 200 शब्दों में दें)
अधिकरण: परिचय और अनुच्छेद 323A एवं 323B का अंतर अधिकरण अधिकरण विशेष न्यायिक संस्थाएं हैं, जो विशिष्ट विवादों का त्वरित समाधान प्रदान करती हैं। इनका उद्देश्य न्यायालयों का भार कम करना और कुशलता से विवादों का निपटान करना है। उदाहरण: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) पर्यावरणीय मामलों में तेजी से निर्णय देनेRead more
अधिकरण: परिचय और अनुच्छेद 323A एवं 323B का अंतर
अधिकरण
अधिकरण विशेष न्यायिक संस्थाएं हैं, जो विशिष्ट विवादों का त्वरित समाधान प्रदान करती हैं। इनका उद्देश्य न्यायालयों का भार कम करना और कुशलता से विवादों का निपटान करना है।
उदाहरण: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) पर्यावरणीय मामलों में तेजी से निर्णय देने के लिए जाना जाता है।
अनुच्छेद 323A और 323B का अंतर
वर्तमान परिप्रेक्ष्य
2021 में ट्रिब्यूनल सुधार अधिनियम के तहत कुछ अधिकरणों को समाप्त किया गया और उनके मामलों को उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित किया गया। हालांकि, लंबित मामलों की संख्या दर्शाती है कि अधिकरण प्रणाली को और सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
See lessपटल विरूपण की परिभाषा और इसमें शामिल प्रक्रियाओं की व्याख्या कीजिए। (उत्तर 200 शब्दों में दें)
परिचय पटल विरूपण (Plate Tectonics) सिद्धांत पृथ्वी की बाहरी परत (लिथोस्फेयर) को गतिशील प्लेटों में विभाजित मानता है। ये प्लेटें एस्थेनोस्फेयर पर तैरती हैं और उनकी गति से भौगोलिक घटनाएँ होती हैं। प्रमुख प्रक्रियाएँ संकुचन सीमाएँ (Convergent Boundaries): दो प्लेटों के टकराने से पर्वत (जैसे हिमालय) औरRead more
परिचय
पटल विरूपण (Plate Tectonics) सिद्धांत पृथ्वी की बाहरी परत (लिथोस्फेयर) को गतिशील प्लेटों में विभाजित मानता है। ये प्लेटें एस्थेनोस्फेयर पर तैरती हैं और उनकी गति से भौगोलिक घटनाएँ होती हैं।
प्रमुख प्रक्रियाएँ
निष्कर्ष
पटल विरूपण पृथ्वी की सतह के बदलावों को समझाने का आधार है। उदाहरण के लिए, 2023 के तुर्की-सीरिया भूकंप इसी का परिणाम थे।
See lessअंतर्जनित और बहिर्जनित भू-आकृतिक प्रक्रियाओं में अंतर स्पष्ट करें और अपक्षय की महत्ता पर चर्चा करें।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
अंतर्जनित और बहिर्जनित प्रक्रियाओं में अंतर अंतर्जनित प्रक्रियाएँ: ये पृथ्वी के अंदर से उत्पन्न होती हैं, जैसे भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और पर्वत निर्माण। उदाहरण: 2023 में तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप ने अंतर्जनित प्रक्रियाओं के प्रभाव को स्पष्ट किया। बहिर्जनित प्रक्रियाएँ: ये बाहरी वातावरण के प्रभRead more
अंतर्जनित और बहिर्जनित प्रक्रियाओं में अंतर
अंतर्जनित प्रक्रियाएँ:
बहिर्जनित प्रक्रियाएँ:
अपक्षय की महत्ता
"नैनोटेक्नोलॉजी में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की विशाल क्षमता है।" उपयुक्त उदाहरणों के साथ कथन की पुष्टि कीजिए। [67वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2022]
नैनोटेक्नोलॉजी (Nanotechnology) में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की विशाल क्षमता है, और इसके अनुप्रयोगों के चलते विभिन्न क्षेत्रों में सुधार हुआ है। इस तकनीक के माध्यम से हम पदार्थों को आणविक और आणु-आधारित स्तर पर नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे न केवल नई सामग्रियों का निर्माण होता है, बल्कि जीवन के अनRead more
नैनोटेक्नोलॉजी (Nanotechnology) में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की विशाल क्षमता है, और इसके अनुप्रयोगों के चलते विभिन्न क्षेत्रों में सुधार हुआ है। इस तकनीक के माध्यम से हम पदार्थों को आणविक और आणु-आधारित स्तर पर नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे न केवल नई सामग्रियों का निर्माण होता है, बल्कि जीवन के अन्य पहलुओं में भी बदलाव आता है।
नैनोटेक्नोलॉजी के प्रभाव
निष्कर्ष
नैनोटेक्नोलॉजी से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार हुआ है, खासकर स्वास्थ्य, ऊर्जा, कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में। इसके द्वारा नई और बेहतर सामग्री विकसित की जा रही हैं, जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। इस तकनीक के आगे और अधिक संभावनाएँ हैं, जो भविष्य में लोगों की जीवनशैली को और भी समृद्ध और सुरक्षित बना सकती हैं।
See lessबिहार एक बाढ़-प्रभावित राज्य है। आधुनिक प्रौद्योगिकी बाढ़ को नियंत्रित करने और इस तरह के आपदा प्रबंधन में कैसे मदद कर सकती है? उपयुक्त उदाहरण सहित स्पष्टीकरण दीजिए। [67वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2020]
बिहार में बाढ़ प्रबंधन और नियंत्रण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। बाढ़ नियंत्रण में तकनीकी सुधारों ने राज्य में विभिन्न पहलुओं को सुदृढ़ किया है, जो बाढ़ के प्रभावों को कम करने में सहायक हैं। आधुनिक प्रौद्योगिकी का योगदान बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली (Flood Early Warning SyRead more
बिहार में बाढ़ प्रबंधन और नियंत्रण के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। बाढ़ नियंत्रण में तकनीकी सुधारों ने राज्य में विभिन्न पहलुओं को सुदृढ़ किया है, जो बाढ़ के प्रभावों को कम करने में सहायक हैं।
आधुनिक प्रौद्योगिकी का योगदान
बिहार में बाढ़ प्रबंधन की चुनौतियाँ
हालाँकि तकनीकी उपायों से काफी मदद मिल रही है, बिहार में बाढ़ का पूर्ण नियंत्रण मुश्किल है। राज्य की भौगोलिक स्थिति और कई नदियों की उपस्थिति, जैसे कोसी, गंगा और घाघरा, हर साल बाढ़ के खतरे को बढ़ाते हैं। इन नदियों में पानी का अत्यधिक बहाव कभी-कभी इन परियोजनाओं की तैयारी से बाहर हो जाता है।
निष्कर्ष
आधुनिक प्रौद्योगिकी जैसे AI, ड्रोन, और समय पर चेतावनी देने वाली प्रणाली ने बिहार में बाढ़ प्रबंधन को अधिक प्रभावी बना दिया है, लेकिन इनका उपयोग अभी भी शुरुआती स्तर पर है और अधिक व्यापक रूप से अपनाए जाने की आवश्यकता है। इन तकनीकों के प्रभावी उपयोग के लिए स्थानीय समुदायों की जागरूकता और भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है।
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