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संक्रामक रोग से क्या तात्पर्य है? व्याधिक्षमत्व (रोधक्षमत्व) कितने प्रकार का होता है ?
संक्रामक रोग और व्याधिक्षमत्व संक्रामक रोग वे रोग हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के माध्यम से फैलते हैं, जैसे कि इन्फ्लूएंजा या टीबी। व्याधिक्षमत्व (रोधक्षमत्व) शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता है। यह दो प्रकार का होता है: प्राकृतिक व्याधिक्षमत्व: जन्म से मिलने वाली सुरक्षा। आर्जित वRead more
संक्रामक रोग और व्याधिक्षमत्व
संक्रामक रोग वे रोग हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के माध्यम से फैलते हैं, जैसे कि इन्फ्लूएंजा या टीबी।
व्याधिक्षमत्व (रोधक्षमत्व) शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता है। यह दो प्रकार का होता है:
सोशल मिडिया क्या है और इसका क्या महत्व है ? इसके कोई दो उपयुक्त उदाहरण दीजिए ।
सोशल मीडिया क्या है और इसका महत्व सोशल मीडिया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहां लोग आपस में संवाद करते हैं, जानकारी साझा करते हैं और नेटवर्क बनाते हैं। इसका महत्व है: सूचना का आदान-प्रदान: त्वरित जानकारी मिलती है। व्यावसायिक विकास: ब्रांड प्रमोशन और मार्केटिंग के लिए उपयोग। उदाहरण: फेसबुक, इंस्टाग्राम
सोशल मीडिया क्या है और इसका महत्व
सोशल मीडिया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहां लोग आपस में संवाद करते हैं, जानकारी साझा करते हैं और नेटवर्क बनाते हैं। इसका महत्व है:
उदाहरण: फेसबुक, इंस्टाग्राम
See lessप्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों का वर्णन कीजिए ।
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर प्रथम पीढ़ी (1940-1956) के कंप्यूटरों का निर्माण वैक्यूम ट्यूब्स से हुआ था। ये बड़े आकार के होते थे और बहुत अधिक बिजली का उपयोग करते थे। उदाहरण: ENIAC, UNIVAC विशेषताएँ: धीमी गति, उच्च तापमान, और विशाल आकार उपयोग: गणना कार्य और वैज्ञानिक गणना इन कंप्यूटरों में प्रोग्रामिंग केRead more
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर
प्रथम पीढ़ी (1940-1956) के कंप्यूटरों का निर्माण वैक्यूम ट्यूब्स से हुआ था। ये बड़े आकार के होते थे और बहुत अधिक बिजली का उपयोग करते थे।
इन कंप्यूटरों में प्रोग्रामिंग के लिए मशीन लैंग्वेज का उपयोग किया जाता था।
See lessसमसूत्री कोशिका विभाजन की विभिन्न अवस्थाओं पर टिप्पणी कीजिए ।
समसूत्री कोशिका विभाजन की विभिन्न अवस्थाएँ समसूत्री विभाजन (Mitosis) में एक कोशिका अपने गुणसूत्रों को समान रूप से दो नई कोशिकाओं में बाँटती है। इसके विभिन्न चरण निम्नलिखित हैं: प्रोफेज़: गुणसूत्र सघन होते हैं और स्पष्ट दिखने लगते हैं, न्यूक्लियस गायब हो जाता है, और केंद्रक का निर्माण होता है। मेटाफेRead more
समसूत्री कोशिका विभाजन की विभिन्न अवस्थाएँ
समसूत्री विभाजन (Mitosis) में एक कोशिका अपने गुणसूत्रों को समान रूप से दो नई कोशिकाओं में बाँटती है। इसके विभिन्न चरण निम्नलिखित हैं:
इस प्रक्रिया से शरीर में कोशिकाएँ बढ़ती और मरती रहती हैं।
See lessएड्स पर संक्षेप में टिप्पणी कीजिए ।
एड्स पर संक्षेप में टिप्पणी एड्स (AIDS) ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) से उत्पन्न होने वाली एक जानलेवा बीमारी है, जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती है। कारण: HIV वायरस रक्त, वीर्य या अन्य शरीर के द्रवों से फैलता है। लक्षण: थकावट, बुखार, और इन्फेक्शन। उपचार: समय पर एंटी-रेट्रोवायरलRead more
एड्स पर संक्षेप में टिप्पणी
एड्स (AIDS) ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) से उत्पन्न होने वाली एक जानलेवा बीमारी है, जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करती है।
उदाहरण: यदि किसी व्यक्ति को HIV होता है और उसे इलाज नहीं मिलता, तो वह एड्स के चरण में पहुंच सकता है।
See lessहुण्ड का अधिकतम बहुलता नियम परिभाषित कीजिए एवं p, d एवं कक्षकों में युग्मन होने के लिए न्यूनतम इलेक्ट्रानों की संख्या बताइए ।
हुण्ड का अधिकतम बहुलता नियम हुण्ड का अधिकतम बहुलता नियम कहता है कि इलेक्ट्रॉन किसी कक्ष (orbital) में युग्मन (pairing) होने से पहले अधिकतम संभव संख्या में कक्षों में वितरित होते हैं, ताकि उनका कुल स्पिन अधिकतम हो। न्यूनतम इलेक्ट्रॉन संख्या p कक्ष: 3 इलेक्ट्रॉन। d कक्ष: 5 इलेक्ट्रॉन। f कक्ष: 7 इलेक्टRead more
हुण्ड का अधिकतम बहुलता नियम
हुण्ड का अधिकतम बहुलता नियम कहता है कि इलेक्ट्रॉन किसी कक्ष (orbital) में युग्मन (pairing) होने से पहले अधिकतम संभव संख्या में कक्षों में वितरित होते हैं, ताकि उनका कुल स्पिन अधिकतम हो।
न्यूनतम इलेक्ट्रॉन संख्या
उदाहरण: ऑक्सीजन में p कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन हैं, जबकि नाइट्रोजन में p कक्ष में 3 इलेक्ट्रॉन अकेले होते हैं।
See lessनाभिकीय विखण्डन को परिभाषित कीजिए । विखण्डन अभिक्रिया में क्यों उच्च मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है ?
नाभिकीय विखण्डन नाभिकीय विखण्डन एक प्रक्रिया है, जिसमें भारी नाभिक (जैसे यूरेनियम) दो हल्के नाभिकों में विभाजित हो जाता है। ऊर्जा मुक्त होने का कारण: विखण्डन में भारी नाभिक के विभाजन से बंधन ऊर्जा का विशाल रूप से मुक्त होना होता है। जब नाभिक टूटते हैं, तो छोटे नाभिकों की बंधन ऊर्जा अधिक होती है, जिसRead more
नाभिकीय विखण्डन
नाभिकीय विखण्डन एक प्रक्रिया है, जिसमें भारी नाभिक (जैसे यूरेनियम) दो हल्के नाभिकों में विभाजित हो जाता है।
विरोधी ध्वनी की अवधारणा की व्याख्या करें ।
विरोधी ध्वनी की अवधारणा विरोधी ध्वनी (Anti-sound) एक ऐसी ध्वनि होती है जो किसी अन्य ध्वनि की विपरीत तरंगों के रूप में उत्पन्न होती है। जब दो समान आवृत्तियों वाली ध्वनियाँ एक-दूसरे के विपरीत दिशा में मिलती हैं, तो वे एक-दूसरे को रद्द कर देती हैं, जिससे ध्वनि का स्तर घट जाता है। उदाहरण: शोर-रोधी हेडफोRead more
विरोधी ध्वनी की अवधारणा
विरोधी ध्वनी (Anti-sound) एक ऐसी ध्वनि होती है जो किसी अन्य ध्वनि की विपरीत तरंगों के रूप में उत्पन्न होती है। जब दो समान आवृत्तियों वाली ध्वनियाँ एक-दूसरे के विपरीत दिशा में मिलती हैं, तो वे एक-दूसरे को रद्द कर देती हैं, जिससे ध्वनि का स्तर घट जाता है।
लूमिंग घटना का वर्णन करें ।
लूमिंग घटना का वर्णन लूमिंग एक प्रकार की दृश्य घटना है जिसमें किसी वस्तु या स्थल की छवि सामान्य से ऊपर या निकट दिखाई देती है। यह घटना प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण होती है। कारण: यह तब होता है जब गर्म और ठंडी हवा की परतें मिलती हैं, जिससे प्रकाश के तरंगों का मार्ग मोड़ जाता है। उदाहरण: समुद्रRead more
लूमिंग घटना का वर्णन
लूमिंग एक प्रकार की दृश्य घटना है जिसमें किसी वस्तु या स्थल की छवि सामान्य से ऊपर या निकट दिखाई देती है। यह घटना प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण होती है।
यह घटना विशेष रूप से आर्कटिक या ठंडी जलवायु में देखी जाती है।
See lessमृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें।
मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक मृदा निर्माण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें समय के साथ विभिन्न कारकों का योगदान होता है। मृदा का निर्माण पृथ्वी की सतह पर विभिन्न प्रकार की चट्टानों, खनिजों, और जैविक पदार्थों के टूटने और परिवर्तित होने से होता है। मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले मुख्य कRead more
मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक
मृदा निर्माण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें समय के साथ विभिन्न कारकों का योगदान होता है। मृदा का निर्माण पृथ्वी की सतह पर विभिन्न प्रकार की चट्टानों, खनिजों, और जैविक पदार्थों के टूटने और परिवर्तित होने से होता है। मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों का निम्नलिखित विवरण है:
1. मौसम (Climate)
2. सामग्री (Parent Material)
3. जीव-जंतु (Organisms)
4. समय (Time)
5. ภูมิद्रव्य (Topography)
6. मानव गतिविधियाँ (Human Activities)
निष्कर्ष
मृदा निर्माण एक जटिल और लंबी प्रक्रिया है, जो कई प्राकृतिक और मानवीय कारकों से प्रभावित होती है। यह प्रक्रिया समय और पर्यावरणीय स्थितियों के अनुसार बदलती रहती है, और इसे समझने के लिए विभिन्न कारकों के योगदान का अध्ययन आवश्यक है। मृदा के स्वास्थ्य और स्थिरता को बनाए रखने के लिए, मृदा संरक्षण और उचित प्रबंधन की आवश्यकता है।
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