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पल्लव कालीन कला पर प्रकाश डालिए।
पल्लव कालीन कला पर प्रकाश परिचय पल्लव काल (4वीं से 9वीं शताब्दी) में दक्षिण भारत में कला और स्थापत्यकला का अद्वितीय विकास हुआ। पल्लव राजाओं ने धर्म, संस्कृति और कला को बढ़ावा दिया। प्रमुख विशेषताएं मंदिर निर्माण: पल्लव काल में मंदिर स्थापत्य में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। महाबलीपुरम के शिल्प: महाबलीपRead more
पल्लव कालीन कला पर प्रकाश
परिचय
पल्लव काल (4वीं से 9वीं शताब्दी) में दक्षिण भारत में कला और स्थापत्यकला का अद्वितीय विकास हुआ। पल्लव राजाओं ने धर्म, संस्कृति और कला को बढ़ावा दिया।
प्रमुख विशेषताएं
प्रमुख उदाहरण
निष्कर्ष
See lessपल्लव कालीन कला भारतीय स्थापत्यकला का सुनहरा अध्याय है, जिसने भारतीय मंदिर निर्माण को एक नई दिशा दी और शिल्पकला में नई ऊँचाइयाँ स्थापित की।
नालन्दा विहार पर एक लेख लिखिए।
नालंदा विहार पर लेख परिचय नालंदा विहार भारत का प्राचीन शिक्षा केंद्र था, जिसकी स्थापना 5वीं शताब्दी में गुप्त सम्राट कुमारगुप्त ने की थी। यह शिक्षा और बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का प्रमुख स्थल था। शैक्षिक महत्व नालंदा में विश्वभर से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। यहाँ बौद्ध धर्म, तर्कशास्त्र,Read more
नालंदा विहार पर लेख
परिचय
नालंदा विहार भारत का प्राचीन शिक्षा केंद्र था, जिसकी स्थापना 5वीं शताब्दी में गुप्त सम्राट कुमारगुप्त ने की थी। यह शिक्षा और बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का प्रमुख स्थल था।
शैक्षिक महत्व
प्रमुख विद्वान
विनाश
स्थापत्यकला
निष्कर्ष
See lessनालंदा विहार प्राचीन भारत की शिक्षा और बौद्ध धर्म की धरोहर का प्रतीक था, जिसका प्रभाव आज भी इतिहास में देखा जा सकता है।
गोंडवाना कालीन मध्य प्रदेश के बारे में लिखिए।
गोंडवाना कालीन मध्य प्रदेश परिचय गोंडवाना मध्य प्रदेश के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह क्षेत्र गोंड जनजाति का केंद्र था, जिसने 14वीं से 18वीं शताब्दी तक शासन किया। प्रमुख शासक गोंडवाना के प्रसिद्ध शासक राजा संग्राम शाह और रानी दुर्गावती थे। उपलब्धियां गोंडवाना शासनकाल में कला, वास्तुकला औरRead more
गोंडवाना कालीन मध्य प्रदेश
परिचय
गोंडवाना मध्य प्रदेश के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह क्षेत्र गोंड जनजाति का केंद्र था, जिसने 14वीं से 18वीं शताब्दी तक शासन किया।
प्रमुख शासक
उपलब्धियां
अंत
See lessगोंडवाना का पतन मुगलों और मराठों के आक्रमण के कारण हुआ।
राष्ट्रकूट वंश पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
राष्ट्रकूट वंश पर संक्षिप्त टिप्पणी परिचय राष्ट्रकूट वंश भारत के दक्षिण और पश्चिमी हिस्सों पर शासन करने वाला एक महत्वपूर्ण राजवंश था। इसका समय 8वीं से 10वीं शताब्दी तक माना जाता है। संस्थापक इस वंश की स्थापना दंतिदुर्ग ने की थी। प्रमुख शासक गोविंद तृतीय और कृष्ण तृतीय इस वंश के शक्तिशाली शासक थे। उपRead more
राष्ट्रकूट वंश पर संक्षिप्त टिप्पणी
परिचय
राष्ट्रकूट वंश भारत के दक्षिण और पश्चिमी हिस्सों पर शासन करने वाला एक महत्वपूर्ण राजवंश था। इसका समय 8वीं से 10वीं शताब्दी तक माना जाता है।
संस्थापक
प्रमुख शासक
उपलब्धियां
अंत
See lessराष्ट्रकूटों का पतन 10वीं शताब्दी में हुआ।
चरण पादुका मेला/शहीद मेला पर संक्षेप में लिखिए।
चरण पादुका मेला / शहीद मेला परिचय स्थान: यह मेला मैनपुरी जनपद के बेवर में आयोजित होता है। अवधि: यह 19 दिनों तक चलता है। उद्देश्य शहीदों की याद: इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। गतिविधियाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम: नाटक, फोटो प्रदर्शनी, और रक्तदान शिविर जैसे कार्यक्रमRead more
चरण पादुका मेला / शहीद मेला
परिचय
उद्देश्य
गतिविधियाँ
यह मेला शहीदों के विचारों और स्मृतियों को संजोए रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
See lessगोदना के प्रकारों' को संक्षेप में लिखिए।
गोदना के प्रकार 1. परंपरागत गोदना विशेषता: यह गोदना मुख्य रूप से गोंड समुदाय में होता है। उदाहरण: शरीर पर प्राकृतिक चित्र और जटिल डिजाइन बनाए जाते हैं। 2. आधुनिक गोदना विशेषता: इसमें नए डिजाइन और तकनीक का उपयोग होता है। उदाहरण: कलात्मक चित्र और प्रतीक शामिल होते हैं। 3. सांस्कृतिक गोदना विशेषता: यहRead more
गोदना के प्रकार
1. परंपरागत गोदना
2. आधुनिक गोदना
3. सांस्कृतिक गोदना
इन प्रकारों के माध्यम से गोदना न केवल एक कला है, बल्कि संस्कृति और पहचान का प्रतीक भी है।
See lessदादाभाई नौरोजी की ब्रिटिश नीति' के बारे में संक्षेप में लिखिए।
दादाभाई नौरोजी की ब्रिटिश नीति उद्देश्य भारतीयकरण: नौरोजी ने भारतीय सिविल सेवाओं में अधिक भारतीयों को शामिल करने की मांग की। प्रमुख सुझाव समान परीक्षा: उन्होंने इंग्लैंड और भारत में सिविल सेवा परीक्षा एक साथ आयोजित करने का प्रस्ताव दिया। आर्थिक मुद्दे दरिद्रता का उजागर: उनके निबंध "वांट्स एंड मीन्सRead more
दादाभाई नौरोजी की ब्रिटिश नीति
उद्देश्य
प्रमुख सुझाव
आर्थिक मुद्दे
परिणाम
मोपला विद्रोह की पृष्ठ भूमि' पर संक्षेप में लिखिए।
मोपला विद्रोह की पृष्ठभूमि ऐतिहासिक संदर्भ स्थान: यह विद्रोह 20 अगस्त 1921 को दक्षिण मालाबार, केरल में हुआ। कारण: यह आंदोलन ब्रिटिश शासन और हिंदू जमींदारों के खिलाफ था। प्रमुख घटनाएँ खिलाफत आंदोलन: विद्रोह का आरंभ खिलाफत आंदोलन से प्रेरित था। नरसंहार: विद्रोह में सैकड़ों हिंदुओं की हत्या और बलात्कारRead more
मोपला विद्रोह की पृष्ठभूमि
ऐतिहासिक संदर्भ
प्रमुख घटनाएँ
परिणाम
सूफी' शब्द को समझाइए।
'सूफी' शब्द का अर्थ सामान्य परिचय सूफी शब्द का अर्थ है "ऊनी वस्त्र पहनने वाला।" यह इस्लाम के एक रहस्यवादी पंथ का प्रतिनिधित्व करता है। व्युत्पत्ति ऊनी वस्त्र: सूफी सामान्यतः ऊन के कपड़े पहनते थे, जिससे यह नाम पड़ा। पवित्रता: कुछ विद्वान इसे अरबी शब्द "सफ़ा" (पवित्र) से भी जोड़ते हैं। सूफी संत सूफी सRead more
‘सूफी’ शब्द का अर्थ
सामान्य परिचय
व्युत्पत्ति
सूफी संत
सूफी' शब्द को समझाइए।
'सूफी' शब्द का अर्थ सामान्य परिचय सूफी शब्द का अर्थ है "ऊनी वस्त्र पहनने वाला।" यह इस्लाम के एक रहस्यवादी पंथ का प्रतिनिधित्व करता है। व्युत्पत्ति ऊनी वस्त्र: सूफी सामान्यतः ऊन के कपड़े पहनते थे, जिससे यह नाम पड़ा। पवित्रता: कुछ विद्वान इसे अरबी शब्द "सफ़ा" (पवित्र) से भी जोड़ते हैं। सूफी संत सूफी सRead more
‘सूफी’ शब्द का अर्थ
सामान्य परिचय
व्युत्पत्ति
सूफी संत