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जवाबदेही का उद्देश्य क्या है ?
जवाबदेही का उद्देश्य क्या है? परिचय जवाबदेही का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग अपने कर्तव्यों और कार्यों के लिए जिम्मेदार रहें। मुख्य बिंदु उत्तरदायित्व: यह सुनिश्चित करना कि किसी भी कार्य के परिणाम के लिए व्यक्ति या संगठन जिम्मेदार हो। पारदर्शिता और विश्वास: जवाबदेही से कार्यों में पारदर्शिताRead more
जवाबदेही का उद्देश्य क्या है?
परिचय
जवाबदेही का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग अपने कर्तव्यों और कार्यों के लिए जिम्मेदार रहें।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
जवाबदेही का उद्देश्य कार्यों की जिम्मेदारी तय करना, सुधार की प्रक्रिया को बढ़ावा देना और पारदर्शिता बनाए रखना है।
See lessअखण्डता के गुण क्या हैं ?
अखण्डता के गुण क्या हैं? परिचय अखण्डता का अर्थ है ईमानदारी, नैतिकता और सच्चाई से भरा हुआ जीवन, जो आत्मविश्वास और विश्वसनीयता को बढ़ाता है। मुख्य बिंदु ईमानदारी: हमेशा सत्य बोलना और किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से बचना। नैतिकता: सही और गलत का सही आकलन करना और सदैव सही कार्य करना। विश्वसनीयता: दूसरों केRead more
अखण्डता के गुण क्या हैं?
परिचय
अखण्डता का अर्थ है ईमानदारी, नैतिकता और सच्चाई से भरा हुआ जीवन, जो आत्मविश्वास और विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
अखण्डता के गुण समाज में आदर्श बनाते हैं, जो व्यक्ति की साख और सम्मान को बढ़ाते हैं।
See lessशासन में नैतिक तत्वों की आवश्यकता क्यों है ?
शासन में नैतिक तत्वों की आवश्यकता क्यों है? परिचय शासन में नैतिक तत्वों का होना आवश्यक है, क्योंकि ये विश्वास, पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करते हैं। मुख्य बिंदु नैतिकता और न्याय: बिना नैतिकता के शासन में भ्रष्टाचार और पक्षपाती निर्णय हो सकते हैं। विश्वास और पारदर्शिता: अगर शासक नैतिक होते हैं, तोRead more
शासन में नैतिक तत्वों की आवश्यकता क्यों है?
परिचय
शासन में नैतिक तत्वों का होना आवश्यक है, क्योंकि ये विश्वास, पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करते हैं।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
नैतिक तत्व शासन में जरूरी हैं, ताकि सार्वजनिक प्रशासन पारदर्शी, जवाबदेह और न्यायपूर्ण हो।
See lessवैयक्तिक भिन्नताओं से आप क्या समझते हैं ?
वैयक्तिक भिन्नताओं से आप क्या समझते हैं? परिचय वैयक्तिक भिन्नताएँ उन विभिन्नताओं को कहते हैं जो प्रत्येक व्यक्ति की सोच, स्वभाव, और व्यवहार में होती हैं। मुख्य बिंदु शारीरिक भिन्नताएँ: हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना और स्वास्थ्य अलग होते हैं। मानसिक भिन्नताएँ: लोग अलग-अलग मानसिक क्षमताओं, बुद्धिमत्ता,Read more
वैयक्तिक भिन्नताओं से आप क्या समझते हैं?
परिचय
वैयक्तिक भिन्नताएँ उन विभिन्नताओं को कहते हैं जो प्रत्येक व्यक्ति की सोच, स्वभाव, और व्यवहार में होती हैं।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
वैयक्तिक भिन्नताएँ व्यक्ति को अद्वितीय बनाती हैं, जो समाज में विविधता और समृद्धि का कारण होती हैं।
See lessलोक सेवक की आधारभूत योग्यताएँ क्या हैं ?
लोक सेवक की आधारभूत योग्यताएँ क्या हैं? परिचय लोक सेवक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, और इसके लिए कुछ आधारभूत योग्यताएँ आवश्यक हैं। मुख्य बिंदु शिक्षा: उच्च शिक्षा या किसी विशेष क्षेत्र में दक्षता होना जरूरी है। सदाचार और नैतिकता: ईमानदारी और नैतिक मूल्यों का पालन करना आवश्यक है। संचार कौशल: प्रभावीRead more
लोक सेवक की आधारभूत योग्यताएँ क्या हैं?
परिचय
लोक सेवक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, और इसके लिए कुछ आधारभूत योग्यताएँ आवश्यक हैं।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
लोक सेवक की योग्यताएँ न केवल शैक्षिक, बल्कि नैतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होती हैं।
See lessसहायतापरक व्यवहार की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
सहायता-परक व्यवहार की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए परिचय सहायता-परक व्यवहार वह व्यवहार है जिसमें एक व्यक्ति दूसरों की मदद करता है बिना किसी स्वार्थ के। मुख्य बिंदु दूसरों की मदद करना: यह किसी की मानसिक, शारीरिक या भावनात्मक मदद करने की क्रिया है। स्वयं का त्याग: मदद करने वाले व्यक्ति को कोई व्यक्तिगत लRead more
सहायता-परक व्यवहार की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए
परिचय
सहायता-परक व्यवहार वह व्यवहार है जिसमें एक व्यक्ति दूसरों की मदद करता है बिना किसी स्वार्थ के।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
सहायता-परक व्यवहार में एक व्यक्ति अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों की भलाई के लिए कार्य करता है।
See lessरूढ़ियुक्तियों से आप क्या समझते हैं ?
रूढ़ियुक्तियों से आप क्या समझते हैं? परिचय रूढ़ियाँ समाज में प्रचलित पुराने, अविवेकपूर्ण विश्वास या आदतें होती हैं, जो बिना सोच-समझ के अपनाई जाती हैं। मुख्य बिंदु सामाजिक विश्वास: ये विश्वास समय के साथ समाज में फैल जाते हैं और लोग बिना सवाल किए उन्हें मानते हैं। अविवेकपूर्ण आदतें: रूढ़ियाँ अक्सर तर्Read more
रूढ़ियुक्तियों से आप क्या समझते हैं?
परिचय
रूढ़ियाँ समाज में प्रचलित पुराने, अविवेकपूर्ण विश्वास या आदतें होती हैं, जो बिना सोच-समझ के अपनाई जाती हैं।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
रूढ़ियाँ अविवेकपूर्ण विश्वास होती हैं, जो समाज की प्राचीन परंपराओं और अंधविश्वासों से उत्पन्न होती हैं, और इन्हें चुनौती दी जानी चाहिए।
See lessसंतुलन सम्प्रत्यय को किसने प्रस्तावित किया था ?
संतुलन सम्प्रत्यय को किसने प्रस्तावित किया था? परिचय संतुलन सम्प्रत्यय (Balance Theory) को फ्रिट्ज़ हेइडर ने 1958 में प्रस्तावित किया था। मुख्य बिंदु फ्रिट्ज़ हेइडर: वे एक मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने संतुलन सिद्धांत को व्यक्तियों के बीच रिश्तों में संतुलन और असंतुलन के रूप में समझाया। संतुलन सिद्धांत:Read more
संतुलन सम्प्रत्यय को किसने प्रस्तावित किया था?
परिचय
संतुलन सम्प्रत्यय (Balance Theory) को फ्रिट्ज़ हेइडर ने 1958 में प्रस्तावित किया था।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
हेइडर ने संतुलन सम्प्रत्यय के द्वारा यह समझाया कि लोग अपनी सोच और रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश करते हैं।
See lessअद्वैत वेदांत की व्याख्या कीजिए ।
अद्वैत वेदांत की व्याख्या कीजिए परिचय अद्वैत वेदांत एक दर्शन है जो यह मानता है कि आत्मा और ब्रह्मा एक ही हैं, भेद नहीं है। मुख्य बिंदु आत्मा और ब्रह्मा की एकता: अद्वैत वेदांत के अनुसार, ब्रह्मा (ईश्वर) और आत्मा (व्यक्ति) में कोई अंतर नहीं है। माया का सिद्धांत: यह दुनिया और भेदभाव माया (भ्रम) से उत्पRead more
अद्वैत वेदांत की व्याख्या कीजिए
परिचय
अद्वैत वेदांत एक दर्शन है जो यह मानता है कि आत्मा और ब्रह्मा एक ही हैं, भेद नहीं है।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
अद्वैत वेदांत का सिद्धांत यह सिखाता है कि आत्मा और ब्रह्मा में कोई अंतर नहीं, सब एक ही हैं।
See lessसुकरात के अनुसार 'सद्गुण ज्ञान है' की व्याख्या कीजिए ।
सुकरात के अनुसार 'सद्गुण ज्ञान है' की व्याख्या कीजिए परिचय सुकरात के अनुसार सद्गुण और ज्ञान एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, और सद्गुण का आधार सही ज्ञान है। मुख्य बिंदु सद्गुण का अर्थ: सद्गुण वह गुण है जो व्यक्ति को अच्छे और नैतिक कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। ज्ञान और सद्गुण: सुकरात मानते थे कि जRead more
सुकरात के अनुसार ‘सद्गुण ज्ञान है’ की व्याख्या कीजिए
परिचय
सुकरात के अनुसार सद्गुण और ज्ञान एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, और सद्गुण का आधार सही ज्ञान है।
मुख्य बिंदु
उदाहरण
निष्कर्ष
सुकरात के अनुसार, व्यक्ति का ज्ञान जितना सच्चा और सही होगा, उतना ही वह नैतिक और सद्गुणी होगा।
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