In India, ‘Make in India’ is a type of Swadeshi Movement launched by Modi governement. To promote this movement, discuss the role of science and technology citing the examples in detail.. [65th BPSC Main Exam 2019]
भारत में 'मेक इन इंडिया' और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका 'मेक इन इंडिया' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2014 को शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी अभियान है। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलना, रोजगार के अवसर बढ़ाना, और स्वदेशी उद्योगों को सशक्त करना है। इस अभियानRead more
भारत में ‘मेक इन इंडिया’ और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका
‘मेक इन इंडिया’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2014 को शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी अभियान है। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलना, रोजगार के अवसर बढ़ाना, और स्वदेशी उद्योगों को सशक्त करना है। इस अभियान को सफल बनाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका
1. उत्पादन में नवाचार (Innovation in Manufacturing)
- उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग:
- स्वचालित (automation) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीकों का उपयोग उत्पादन की दक्षता बढ़ाने में मदद करता है।
- उदाहरण: भारत में रोबोटिक्स और औद्योगिक ऑटोमेशन ने ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को बढ़ावा दिया है।
- 3D प्रिंटिंग:
- निर्माण क्षेत्र में डिजिटलीकरण और 3D प्रिंटिंग का उपयोग प्रोटोटाइप डिज़ाइन और विकास प्रक्रिया को तेज करता है।
2. रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
- डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग:
- ‘मेक इन इंडिया’ अभियान ने स्वदेशी रक्षा उपकरणों के निर्माण पर जोर दिया।
- उदाहरण: DRDO द्वारा विकसित तेजस लड़ाकू विमान और ब्रह्मोस मिसाइल भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाते हैं।
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी:
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कम लागत वाले उपग्रह और प्रक्षेपण सेवाओं के माध्यम से वैश्विक मान्यता पाई।
- उदाहरण: चंद्रयान और गगनयान मिशन।
3. सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण
- आईटी और सॉफ्टवेयर उद्योग का विकास:
- भारत आईटी सेवाओं में अग्रणी है। मेक इन इंडिया ने स्टार्टअप्स और सॉफ्टवेयर विकास को बढ़ावा दिया।
- उदाहरण: डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया ने साथ मिलकर ई-गवर्नेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग को बढ़ावा दिया।
4. स्वदेशी नवाचार और अनुसंधान
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D):
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और विभिन्न IITs के साथ मिलकर नवाचार और तकनीकी अनुसंधान में वृद्धि की गई।
- उदाहरण: नैनो टेक्नोलॉजी और जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग कृषि और औद्योगिक उत्पादन में।
5. सतत विकास के लिए तकनीक
- नवीकरणीय ऊर्जा:
- सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने बड़े पैमाने पर नवाचार किए।
- उदाहरण: इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) के तहत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता।
मेक इन इंडिया: विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित सफलता के उदाहरण
- मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब:
- भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है।
- कंपनियाँ जैसे सैमसंग और ऐप्पल भारत में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित कर रही हैं।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर:
- भारत ऑटोमोबाइल विनिर्माण में तेजी से आगे बढ़ा है।
- उदाहरण: इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के निर्माण में नई तकनीकों का उपयोग।
- बायोफार्मास्युटिकल्स:
- भारत ने COVID-19 के दौरान वैक्सीन निर्माण में वैश्विक नेतृत्व किया।
- उदाहरण: कोवैक्सीन और कोविशील्ड।
मेक इन इंडिया को गति देने के लिए भविष्य की दिशा
1. अनुसंधान एवं विकास में निवेश
- सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर अधिक निवेश करना चाहिए।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में विज्ञान और इंजीनियरिंग में नवाचार को प्रोत्साहित किया जाए।
2. उद्योग और विज्ञान का समन्वय
- उद्योगों और अनुसंधान संस्थानों के बीच साझेदारी को बढ़ावा दिया जाए।
3. डिजिटलीकरण और कौशल विकास
- उद्योग 4.0 (Industry 4.0) को अपनाना और कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना।
4. नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
- ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्टार्टअप्स को विज्ञान आधारित उत्पादों के विकास के लिए प्रोत्साहन।
निष्कर्ष
‘मेक इन इंडिया’ के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा करने के लिए महत्वपूर्ण है। स्वदेशी उत्पादन, नवाचार, और सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उचित उपयोग से यह अभियान सफल हो सकता है।
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Introduction The 'Make in India' initiative, launched by the Indian government in 2014, aims to promote manufacturing, increase investments, and boost job creation. A key pillar of this movement is the integration of science and technology to drive innovation, efficiency, and self-reliance in India'Read more
Introduction
The ‘Make in India’ initiative, launched by the Indian government in 2014, aims to promote manufacturing, increase investments, and boost job creation. A key pillar of this movement is the integration of science and technology to drive innovation, efficiency, and self-reliance in India’s industrial sectors.
Role of Science and Technology in ‘Make in India’
1. Boosting Manufacturing through Innovation
2. Promoting Advanced Manufacturing Techniques
3. Supporting Sustainable Technologies
4. Promoting Digital Infrastructure
5. Research and Development (R&D) Investments
Conclusion
Science and technology play a pivotal role in strengthening the ‘Make in India’ movement by fostering innovation, improving manufacturing techniques, and promoting sustainable practices. By focusing on R&D, digital infrastructure, and advanced technologies, India can accelerate its industrial growth and become a global manufacturing hub.
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