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क्या आप इस दृष्टिकोण से सहमत हैं कि पर्यावरण, सामाजिक और अभिशासन (ESG) संबंधी विचार एक निगम के लिए उसके व्यवसाय हेतु अत्यधिक मूल्य सृजित करते हैं? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
हाँ, यह दृष्टिकोण सही है कि पर्यावरण, सामाजिक और अभिशासन (ESG) संबंधी विचार एक निगम के लिए अत्यधिक मूल्य सृजित करते हैं। पर्यावरणीय पहल जैसे कि ऊर्जा की बचत और कचरे के प्रबंधन से न केवल प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा होती है, बल्कि लागत की बचत और नियामक अनुपालन में भी सहायता मिलती है। सामाजिक दृष्टिकोणRead more
हाँ, यह दृष्टिकोण सही है कि पर्यावरण, सामाजिक और अभिशासन (ESG) संबंधी विचार एक निगम के लिए अत्यधिक मूल्य सृजित करते हैं।
पर्यावरणीय पहल जैसे कि ऊर्जा की बचत और कचरे के प्रबंधन से न केवल प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा होती है, बल्कि लागत की बचत और नियामक अनुपालन में भी सहायता मिलती है।
सामाजिक दृष्टिकोण, जैसे कि विविधता और समावेशन, कर्मचारी संतोष और उत्पादकता को बढ़ाते हैं, जिससे सकारात्मक कार्यस्थल संस्कृति और बेहतर ग्राहक संबंध बनते हैं।
अभिशासन का ध्यान रखने से पारदर्शिता और नैतिकता में सुधार होता है, जो निवेशकों और ग्राहकों के विश्वास को बढ़ाता है।
इन ESG पहलुओं को अपनाने से कंपनियों को दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता, ब्रांड मूल्य में वृद्धि, और जोखिम प्रबंधन में सहायता मिलती है, जो कुल मिलाकर व्यवसाय के समग्र मूल्य को सृजित करती है।
See lessघर से काम करने की संस्कृति ने निजी संगठनों में कई नैतिक चिंताएं उत्पन्न की हैं। इसके आलोक में, क्या आपको लगता है कि किसी कर्मचारी के लिए मूनलाइटिंग (दो नौकरियां करना) नैतिक है? चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
घर से काम करने की संस्कृति ने मूनलाइटिंग (दो नौकरियां करना) के नैतिक पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता को बढ़ाया है। मूनलाइटिंग तब नैतिक होती है जब यह निम्नलिखित शर्तों को पूरा करती है: पहले से स्पष्टता: यदि कर्मचारी ने अपनी पहली नौकरी के नियोक्ता को अपनी दूसरी नौकरी के बारे में सूचित किया है और इसकेRead more
घर से काम करने की संस्कृति ने मूनलाइटिंग (दो नौकरियां करना) के नैतिक पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता को बढ़ाया है। मूनलाइटिंग तब नैतिक होती है जब यह निम्नलिखित शर्तों को पूरा करती है:
हालांकि, अगर मूनलाइटिंग से कंपनी के हितों को नुकसान पहुँचता है, या यदि यह समय और ध्यान में कमी का कारण बनती है, तो यह नैतिक चिंताओं को जन्म दे सकती है। इसलिए, पारदर्शिता और ईमानदारी से मूनलाइटिंग के प्रभावों का मूल्यांकन आवश्यक है।
See lessभ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष एक चुनौती है और भ्रष्टाचार के बारे में नागरिकों के अनुमान इसकी व्यापकता और नुकसानदेहता के मुख्य मानदंडों में से एक है। चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष एक गंभीर चुनौती है क्योंकि यह प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को कमजोर करता है। जब भ्रष्टाचार व्याप्त होता है, तो यह न केवल सरकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्कि समाज में असमानता और अन्याय को भी बढ़ावा देता है। नागरिकों के अनुमान भ्रष्टाचार की व्Read more
भ्रष्टाचार लोकतंत्र के समक्ष एक गंभीर चुनौती है क्योंकि यह प्रणाली की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को कमजोर करता है। जब भ्रष्टाचार व्याप्त होता है, तो यह न केवल सरकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है बल्कि समाज में असमानता और अन्याय को भी बढ़ावा देता है।
नागरिकों के अनुमान भ्रष्टाचार की व्यापकता और उसके दुष्प्रभावों का महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं। जब लोग सरकारी अधिकारियों और संस्थाओं के प्रति अविश्वास व्यक्त करते हैं, तो यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार का स्तर अत्यधिक है और इसका प्रभाव गंभीर है। इसके परिणामस्वरूप, समाज का विश्वास कमजोर होता है और सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट आती है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास प्रभावित होता है।
सार्वजनिक जागरूकता और संविधानिक उपायों जैसे कि सख्त कानूनी प्रावधान और निगरानी तंत्र भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं, जिससे लोकतंत्र की मजबूती और समाज की भलाई सुनिश्चित की जा सकती है।
See less'सामाजिक जवाबदेही पद से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व की व्याख्या कीजिए और किसी भी सामाजिक जवाबदेहिता संबंधी पहल की सफलता हेतु उत्तरदायी प्रमुख कारकों पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
सामाजिक जवाबदेही का तात्पर्य किसी व्यक्ति, संगठन, या संस्था की सामाजिक, नैतिक, और कानूनी दायित्वों के प्रति जवाबदेही से है। यह जिम्मेदारी न केवल नैतिक मानदंडों को मानने की होती है बल्कि समाज के हित में कार्य करने की भी होती है। महत्व की बात करें तो सामाजिक जवाबदेही सार्वजनिक विश्वास और सामाजिक स्थिरRead more
सामाजिक जवाबदेही का तात्पर्य किसी व्यक्ति, संगठन, या संस्था की सामाजिक, नैतिक, और कानूनी दायित्वों के प्रति जवाबदेही से है। यह जिम्मेदारी न केवल नैतिक मानदंडों को मानने की होती है बल्कि समाज के हित में कार्य करने की भी होती है।
महत्व की बात करें तो सामाजिक जवाबदेही सार्वजनिक विश्वास और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देती है। यह सुनिश्चित करती है कि संस्थाएं और व्यक्तियाँ अपने कार्यों और निर्णयों में पारदर्शिता और नैतिकता बनाए रखें, जिससे समाज की भलाई और विकास में योगदान होता है।
सफलता के प्रमुख कारक में पारदर्शिता, ईमानदारी, और संगठनात्मक संलग्नता शामिल हैं। एक ठोस नीति और कार्यान्वयन रणनीति, सक्रिय निगरानी और समाज के साथ निरंतर संवाद सफलता को सुनिश्चित करते हैं। उदाहरण के लिए, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) पहल, जब सही तरीके से लागू की जाती है, तो यह संस्थाओं के समाज में सकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है और सामाजिक समस्याओं का समाधान करने में सहायक होती है।
See lessयद्यपि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में हमारी दुनिया को मौलिक रूप से बदलने और उसे अस्त-व्यस्त करने की क्षमता है, तथापि सही नैतिक विकल्प Al को मानवता के लिए अच्छाई का एक प्रेरक बना सकते हैं। उदाहरण सहित चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की क्षमता वास्तव में दुनिया को मौलिक रूप से बदलने की है, लेकिन सही नैतिक विकल्पों के साथ इसे मानवता के लाभ में भी परिवर्तित किया जा सकता है। AI की नैतिक रूप से जिम्मेदार उपयोग से कई सकारात्मक परिणाम संभव हैं। उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य क्षेत्र में AI का उपयोग रोगों की सटीक पहचRead more
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की क्षमता वास्तव में दुनिया को मौलिक रूप से बदलने की है, लेकिन सही नैतिक विकल्पों के साथ इसे मानवता के लाभ में भी परिवर्तित किया जा सकता है। AI की नैतिक रूप से जिम्मेदार उपयोग से कई सकारात्मक परिणाम संभव हैं।
उदाहरण के लिए, स्वास्थ्य क्षेत्र में AI का उपयोग रोगों की सटीक पहचान और व्यक्तिगत चिकित्सा योजनाओं के विकास में किया जा सकता है। AI-आधारित प्रणाली जैसे कि IBM का Watson for Health, चिकित्सा शोध और निदान में तेजी लाकर और उच्चतम स्तर की सटीकता सुनिश्चित कर सकती है।
सही नैतिक दिशा में AI के उपयोग से सामाजिक समस्याओं का समाधान जैसे कि जलवायु परिवर्तन और गरीबी में सुधार भी संभव है। उदाहरण के लिए, AI-driven मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन प्रणालियाँ प्राकृतिक आपदाओं की सटीक भविष्यवाणी कर सकती हैं, जिससे बेहतर आपातकालीन प्रतिक्रिया और प्रभावी राहत कार्य संभव हो सकते हैं।
सही नैतिक दृष्टिकोण अपनाने से AI मानवता के लिए अच्छाई का प्रेरक बन सकता है, बशर्ते इसकी जिम्मेदार और पारदर्शी प्रबंधन की दिशा में प्रयास किए जाएँ।
See lessEvaluate the impact of the nationalist movements and the demand for independence by the constituent republics on the demise of the Soviet Union.
Impact of Nationalist Movements and Demand for Independence on the Demise of the Soviet Union 1. Rise of Nationalist Movements Historical Context: Nationalist movements within the Soviet Union grew stronger as Soviet policies of centralization and Russification suppressed regional identities and aspRead more
Impact of Nationalist Movements and Demand for Independence on the Demise of the Soviet Union
1. Rise of Nationalist Movements
2. Demand for Independence by Constituent Republics
3. Impact on the Demise of the Soviet Union
In summary, the rise of nationalist movements and the demand for independence by the constituent republics played a critical role in the demise of the Soviet Union. These movements highlighted the deep-seated regional and ethnic tensions within the Soviet Union, contributing to its eventual fragmentation. The actions of republics like Lithuania, Georgia, and Ukraine were pivotal in accelerating the disintegration of the Soviet state, leading to its formal dissolution in December 1991.
See lessDiscuss the significance of Mikhail Gorbachev's policies of glasnost (openness) and perestroika (restructuring) and their role in the eventual disintegration of the Soviet system.
Significance of Mikhail Gorbachev's Policies: Glasnost and Perestroika 1. Glasnost (Openness) Definition and Objectives: Glasnost, meaning "openness," was a policy introduced by Mikhail Gorbachev to promote transparency and freedom of expression within the Soviet Union. It aimed to reduce the governRead more
Significance of Mikhail Gorbachev’s Policies: Glasnost and Perestroika
1. Glasnost (Openness)
2. Perestroika (Restructuring)
3. Role in the Disintegration of the Soviet System
In summary, Gorbachev’s policies of Glasnost and Perestroika were significant in promoting openness and restructuring within the Soviet Union. However, they also exposed and exacerbated existing problems, contributing to the eventual collapse of the Soviet system. These reforms, while intended to modernize and revitalize the Soviet Union, instead accelerated its disintegration by undermining the central authority and failing to address economic challenges effectively.
See lessयू.पी.एस.सी. की भूमिका का विवरण दीजिए। साथ ही, यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्ष कामकाज की सुरक्षा और उन्हें बनाए रखने के लिए संवैधानिक प्रावधानों को सूचीबद्ध कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
यू.पी.एस.सी. (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की भूमिका: यू.पी.एस.सी. भारत सरकार के अधीन संघीय सेवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया का प्रबंधन करने वाला अभिकरण है। इसका मुख्य उद्देश्य संविधानीय प्रक्रिया के माध्यम से उच्च गुणवत्ता और निष्पक्षता से भर्ती प्रक्रिया को संचालित करना है। यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रताRead more
यू.पी.एस.सी. (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की भूमिका:
यू.पी.एस.सी. भारत सरकार के अधीन संघीय सेवाओं के लिए भर्ती प्रक्रिया का प्रबंधन करने वाला अभिकरण है। इसका मुख्य उद्देश्य संविधानीय प्रक्रिया के माध्यम से उच्च गुणवत्ता और निष्पक्षता से भर्ती प्रक्रिया को संचालित करना है।
यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्ष कामकाज की सुरक्षा:
संवैधानिक प्रावधानों की सूची:
यू.पी.एस.सी. की स्वतंत्रता और निष्पक्षता की सुरक्षा और संविधानिक प्रावधानों की महत्वपूर्ण भूमिका भारतीय संविधान में निर्धारित की गई है।
See lessन्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण से आप क्या समझते हैं? साथ ही, इससे संबंधित चिंताओं की भी विवेचना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
न्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण: न्यायिक सक्रियता: यह अवधारणा है कि न्यायिक प्रक्रिया और न्यायिक निर्णय तत्परता और शीघ्रता के साथ संपन्न होनी चाहिए। इससे न्यायिक सिस्टम का विश्वास बढ़ता है। न्यायिक अतिक्रमण: यह उस स्थिति को सूचित करता है जब किसी न्यायिक निर्णय पर विरोध होता है और न्यायिक प्रक्रRead more
न्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण:
चिंताएं:
न्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण न्यायिक प्रणाली की सराहनीयता और प्रभावकारीता को प्रभावित कर सकते हैं। इन मुद्दों पर गंभीर चिंता करना आवश्यक है ताकि न्यायिक सिस्टम की विश्वासयोग्यता और न्यायिक सक्षमता बनाए रखा जा सके।
See lessलोक सभा की शक्तियों की राज्य सभा की शक्तियों के साथ तुलना कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
लोक सभा और राज्य सभा भारतीय संविधान के दो प्रमुख संसदीय संस्थान हैं। दोनों की अपनी विशेष संवैधानिक और कार्यक्षमता है। लोक सभा की शक्तियाँ: लोकप्रियता का प्रतिष्ठान: लोक सभा निर्वाचन द्वारा प्रत्यक्ष रूप से जनता के चुनाव से आती है जिससे इसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है। वित्तीय शक्ति: लोक सभा के पास वित्तीय शRead more
लोक सभा और राज्य सभा भारतीय संविधान के दो प्रमुख संसदीय संस्थान हैं। दोनों की अपनी विशेष संवैधानिक और कार्यक्षमता है।
लोक सभा की शक्तियाँ:
राज्य सभा की शक्तियाँ:
लोक सभा जनता के प्रत्यक्ष प्रतिनिधित्व करती है जबकि राज्य सभा राज्यों के हितों की रक्षा करती है और संविधानिक संरक्षण में सहायक होती है। दोनों के बीच एक संतुलित संघटन संविधानिक लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण है।
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