What was the reason of accelerating the Labour Movements in India after the First World War?Discuss. [Answer Limit: 250 words] [UKPSC 2023]
भारत में प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् मजदूर आंदोलनों में तेजी आने के कई महत्वपूर्ण कारण थे: आर्थिक कठिनाइयाँ: युद्ध के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आई। महंगाई, बेरोजगारी, और वस्तुओं की कमी ने श्रमिक वर्ग को प्रभावित किया। युद्ध के बाद, श्रमिकों की मजदूरी स्थिर रही जबकि वस्तुओं की कीमतें बढRead more
भारत में प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् मजदूर आंदोलनों में तेजी आने के कई महत्वपूर्ण कारण थे:
- आर्थिक कठिनाइयाँ: युद्ध के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आई। महंगाई, बेरोजगारी, और वस्तुओं की कमी ने श्रमिक वर्ग को प्रभावित किया। युद्ध के बाद, श्रमिकों की मजदूरी स्थिर रही जबकि वस्तुओं की कीमतें बढ़ गईं, जिससे उनकी जीवन स्तर में गिरावट आई।
- राजनीतिक जागरूकता: युद्ध के बाद, भारतीयों में राजनीतिक जागरूकता बढ़ी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों ने स्वतंत्रता की माँग उठाई, जिससे श्रमिकों में भी अपने अधिकारों को समझने और संगठन बनाने की प्रेरणा मिली।
- संघठन और यूनियनों का उदय: कई मजदूर संघ और यूनियनें बनीं, जो श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होने लगीं। ये संगठन न केवल मजदूरी बढ़ाने की मांग करते थे, बल्कि बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए भी संघर्ष कर रहे थे।
- ब्रिटिश नीतियों का विरोध: ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों, जैसे रॉलेट एक्ट, ने श्रमिकों को संगठित होकर विरोध करने के लिए प्रेरित किया। यह असंतोष व्यापक आंदोलनों का रूप ले गया।
- सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट विचारधाराओं का प्रभाव: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट विचारों का प्रसार हुआ, जिसने भारतीय श्रमिकों को भी प्रभावित किया। ये विचार श्रमिकों के अधिकारों और सामूहिक संघर्ष की अहमियत पर जोर देते थे।
इन सभी कारणों ने मिलकर 1919 के बाद भारत में मजदूर आंदोलनों की गति को तेज किया, जो स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।
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The acceleration of labor movements in India after the First World War can be attributed to several interconnected factors: Economic Hardships: The war led to significant inflation and shortages of essential goods, severely affecting the working class. Wages remained stagnant while prices soared, leRead more
The acceleration of labor movements in India after the First World War can be attributed to several interconnected factors:
These factors collectively contributed to a significant rise in labor movements, making them a vital part of the broader struggle for independence and social justice in India.
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