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भारत में 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच विकसित और फली-फूली पहाड़ी चित्रकला शैली का संक्षिप्त विवरण दीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारत में 17वीं से 19वीं शताब्दी की पहाड़ी चित्रकला: कांगड़ा चित्रकला: स्थान: हिमाचल प्रदेश का कांगड़ा क्षेत्र। विवरण: यह शैली सिख राजाओं के संरक्षण में विकसित हुई और इसका मुख्य विषय शृंगार और कृष्णलीला था। चित्रों में नाजुक रेखाएँ, सौंदर्यपूर्ण रंग, और प्राकृतिक दृश्यों का सुंदर चित्रण देखने को मिलतRead more
भारत में 17वीं से 19वीं शताब्दी की पहाड़ी चित्रकला:
इन पहाड़ी चित्रकला शैलियों ने भारतीय चित्रकला में एक विशेष स्थान प्राप्त किया, इनकी कलात्मक विविधता और धार्मिक प्रतीकात्मकता भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करती है।
See lessवैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण का विवरण दीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण: वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण पृथ्वी के वायुमंडल में ऊर्जा, वायु और नमी के वितरण की प्रक्रिया है, जो मौसम और जलवायु को नियंत्रित करती है। इसका मुख्य स्वरूप निम्नलिखित हैं: एक्वेटोरियल जेट स्ट्रीम (Equatorial Jet Stream): विवरण: भूमध्य रेखा के आसपास गर्म वायु का प्रवाह ऊँचाRead more
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण:
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण पृथ्वी के वायुमंडल में ऊर्जा, वायु और नमी के वितरण की प्रक्रिया है, जो मौसम और जलवायु को नियंत्रित करती है। इसका मुख्य स्वरूप निम्नलिखित हैं:
वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण पृथ्वी की जलवायु और मौसम पैटर्न को समझने में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वायु प्रवाह, वायुदाब, और मौसम की स्थितियों को नियंत्रित करता है।
See lessभारत में कोयला वितरण का विस्तृत विवरण दीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारत में कोयला वितरण: भारत में कोयला वितरण विभिन्न राज्यों में असमान रूप से फैला हुआ है, और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में कोयला पाया जाता है: झारखंड: मुख्य क्षेत्र: धनबाद, रामगढ़, बोकारो। विशेषताएँ: झारखंड भारत का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य हRead more
भारत में कोयला वितरण:
भारत में कोयला वितरण विभिन्न राज्यों में असमान रूप से फैला हुआ है, और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में कोयला पाया जाता है:
कोयला वितरण भारत की ऊर्जा आपूर्ति और औद्योगिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इसके वितरण की असमानता ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के स्तर को प्रभावित किया है, साथ ही कोयला खनन और उपयोग की दिशा में भी चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं।
See lessएक लोकप्रिय जन चरित्र होने के बावजूद, स्वदेशी आंदोलन 1908 के मध्य तक आते-आते समाप्त हो गया। स्पष्ट कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
स्वदेशी आंदोलन का विघटन (1908 के मध्य तक): स्वदेशी आंदोलन, जो ब्रिटिश उपनिवेशी शासन के खिलाफ भारतीय स्वाधीनता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास था, 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू हुआ। इसके अंतर्गत भारतीय वस्त्रों और उत्पादों की खरीद को बढ़ावा देने और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने का आह्वाRead more
स्वदेशी आंदोलन का विघटन (1908 के मध्य तक):
स्वदेशी आंदोलन, जो ब्रिटिश उपनिवेशी शासन के खिलाफ भारतीय स्वाधीनता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास था, 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू हुआ। इसके अंतर्गत भारतीय वस्त्रों और उत्पादों की खरीद को बढ़ावा देने और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया। आंदोलन ने व्यापक समर्थन प्राप्त किया और भारतीयों में एकता और स्वदेशी भावना को प्रोत्साहित किया।
हालांकि, 1908 तक आते-आते आंदोलन की प्रभावशीलता में कमी आ गई। इसके मुख्य कारण थे:
इन कारकों के संयोजन ने स्वदेशी आंदोलन की गतिविधियों को कमजोर कर दिया, और यह 1908 के मध्य तक समाप्त हो गया, हालांकि इसके विचार और उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के अन्य चरणों में जीवित रहे।
See lessभारत में उपलब्ध विभिन्न गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत कौन से हैं? पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा प्रदान करने में उनके महत्व को रेखांकित कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारत में गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत: सौर ऊर्जा: विवरण: सूरज की किरणों को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए सौर पैनल और सौर ताप प्रणाली का उपयोग किया जाता है। महत्व: सौर ऊर्जा अत्यधिक पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि यह नवीकरणीय है और इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता। पवन ऊर्जा: विवरण: पवनRead more
भारत में गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत:
पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा प्रदान करने में इन स्रोतों का महत्व यह है कि ये कार्बन उत्सर्जन को कम करने, प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक हैं।
See lessविभिन्न प्रकार की प्लेट विवर्तनिक सीमाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
प्लेट विवर्तनिक सीमाएँ: सहायक सीमाएँ (Divergent Boundaries): विवरण: ये सीमाएँ तब बनती हैं जब दो टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से दूर होती हैं। विशेषताएँ: इस प्रक्रिया में एक नई क्रस्ट का निर्माण होता है। इस प्रकार की सीमाओं पर आमतौर पर मिड-आट्लांटिक रिज जैसे महासागर के बीच रिफ्ट जोन और लावा के विस्फोटRead more
प्लेट विवर्तनिक सीमाएँ:
प्लेट विवर्तनिकी की ये सीमाएँ पृथ्वी की सतह की गतिशीलता और भूगर्भीय घटनाओं को समझने में महत्वपूर्ण हैं।
See lessउष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए अनुकूल परिस्थितियों को सूचीबद्ध कीजिए। साथ ही, उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण चक्रवातों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ: गर्म समुद्र का तापमान: समुद्री सतह का तापमान 26.5°C से अधिक होना चाहिए, जो वाष्पीकरण को बढ़ाता है और ऊर्जा प्रदान करता है। उच्च आर्द्रता: वायुमंडल में उच्च आर्द्रता की आवश्यकता होती है, जिससे बादल और संघनन की प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिलतRead more
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ:
उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण चक्रवातों के बीच अंतर: