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सार्वभौमिक पौरोहित्य का अर्थ स्पष्ट कीजिये । (उत्तर सीमा: 15 शब्द,अंक 02) [RPSC 2023]
परिभाषा: सार्वभौमिक पौरोहित्य का तात्पर्य है ऐसा धार्मिक सेवा या पुजारी का कार्य, जो सभी समुदायों और धर्मों के लिए समान रूप से उपलब्ध हो। विशेषताएँ: समानता: यह सभी लोगों को बिना भेदभाव के पूजा-अर्चना की सुविधा प्रदान करता है। उदाहरण: किसी सार्वजनिक उत्सव में सभी धर्मों के लोग एक साथ पूजा कर सकते हैंRead more
परिभाषा: सार्वभौमिक पौरोहित्य का तात्पर्य है ऐसा धार्मिक सेवा या पुजारी का कार्य, जो सभी समुदायों और धर्मों के लिए समान रूप से उपलब्ध हो।
विशेषताएँ:
निष्कर्ष: सार्वभौमिक पौरोहित्य का उद्देश्य सामाजिक एकता और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना है। यह सभी के लिए एक समान सेवा का माध्यम है।
See lessतिन-कथिया क्या है ? (उत्तर सीमा: 15 शब्द,अंक 02) [RPSC 2023]
परिभाषा: तिन-कथिया, जिसे तिन-कठिया भी कहा जाता है, एक कृषि प्रणाली है। इसमें तीन प्रकार की फसलों को एक साथ उगाया जाता है। विशेषताएँ: कृषि लाभ: इस प्रणाली से अधिक फसल उत्पादन होता है, क्योंकि विभिन्न फसलों के साथ उगाने से भूमि का बेहतर उपयोग होता है। उदाहरण: जैसे, धान, गेहूँ, और तिल को एक साथ उगाना।Read more
परिभाषा: तिन-कथिया, जिसे तिन-कठिया भी कहा जाता है, एक कृषि प्रणाली है। इसमें तीन प्रकार की फसलों को एक साथ उगाया जाता है।
विशेषताएँ:
निष्कर्ष: तिन-कथिया कृषि प्रणाली से किसानों को बेहतर उत्पादन और आर्थिक लाभ मिलता है। यह एक सतत कृषि पद्धति है, जो पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है।
See lessबौद्ध और जैन मत संहिताओं में वर्णित धर्म से किस प्रकार भिन्न थे ? दो मुख्य भिन्नताओं को रेखांकित कीजिए । (उत्तर सीमा: 15 शब्द,अंक 02) [RPSC 2023]
मुख्य भिन्नताएँ: अहिंसा का दृष्टिकोण: जैन धर्म: जैन धर्म में अहिंसा (अहिंसा) का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण है। जैन लोग सभी जीवों की रक्षा करते हैं, यहां तक कि कीड़ों को भी नहीं मारते। बौद्ध धर्म: बौद्ध धर्म भी अहिंसा को मानता है, लेकिन इसमें थोड़ी लचीलापन है। बौद्ध भिक्षु आमतौर पर जीव-जंतु के प्रति अधिकRead more
मुख्य भिन्नताएँ:
निष्कर्ष
इस प्रकार, बौद्ध और जैन मत संहिताओं में अहिंसा और मोक्ष की परिभाषा जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण भिन्नताएँ हैं।
See lessमध्य-पूर्वी राजस्थानी अथवा ढूँढाड़ी के अन्तर्गत सम्मिलित किन्हीं दो बोलियों के नाम लिखिए । (उत्तर सीमा: 15 शब्द,अंक 02) [RPSC 2023]
बोलियों के नाम: रांगड़ यह बोली मुख्यतः रांगड़ समुदाय द्वारा बोली जाती है। इसे खासकर दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में बोलते हैं। सोड़वाड़ी यह बोली सोड़वाड़ा क्षेत्र के लोगों द्वारा प्रयोग की जाती है। इसे विशेष रूप से उदयपुर और आसपास के क्षेत्रों में बोला जाता है। निष्कर्ष मध्य-पूर्वी राजस्थानी में रांगड़ औRead more
बोलियों के नाम:
निष्कर्ष
मध्य-पूर्वी राजस्थानी में रांगड़ और सोड़वाड़ी जैसी बोलियाँ शामिल हैं, जो क्षेत्रीय विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं।
See lessड्योढ़ीदार किन्हें कहा जाता था ? (उत्तर सीमा: 15 शब्द,अंक 02) [RPSC 2023]
परिभाषा: ड्योढ़ीदार एक ऐसा व्यक्ति होता है जो किसी विशेष स्थान या भवन के द्वार की देखरेख करता है। विशेषताएँ: द्वार का रक्षक: ड्योढ़ीदार मुख्यतः द्वार पर निगरानी रखता है। अतिथियों का स्वागत: वह आगंतुकों का स्वागत करता है और उनकी पहचान करता है। उदाहरण: पुराने समय में राजा-महाराजाओं के दरवाजे पर ड्योढ़Read more
परिभाषा: ड्योढ़ीदार एक ऐसा व्यक्ति होता है जो किसी विशेष स्थान या भवन के द्वार की देखरेख करता है।
विशेषताएँ:
उदाहरण:
इस प्रकार, ड्योढ़ीदार का कार्य महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी भरा होता था।
See less73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत शक्तियों के हस्तांतरण पर चर्चा करें। क्या आपको लगता है कि हस्तांतरण की प्रक्रिया अब तक संतोषजनक स्तर तक नहीं पहुंची है? (200 words)
73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम ने स्थानीय स्वशासन को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए। 73वां संशोधन अधिनियम ग्रामीण स्वशासन: यह अधिनियम पंचायतों को अधिकार देता है, जैसे कि विकास कार्यों की योजना बनाना। निर्वाचन: पंचायतों के लिए चुनावों को अनिवार्य बनाया गया। 74वां संशोधन अधिनियम शहरी सRead more
73वें और 74वें संविधान संशोधन अधिनियम ने स्थानीय स्वशासन को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए।
73वां संशोधन अधिनियम
74वां संशोधन अधिनियम
हस्तांतरण की प्रक्रिया का मूल्यांकन
हालांकि ये संशोधन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हस्तांतरण की प्रक्रिया अभी तक संतोषजनक स्तर पर नहीं पहुंची है:
चुनौतियाँ
निष्कर्ष
इसलिए, जबकि 73वें और 74वें संशोधन ने स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा दिया है, कार्यान्वयन में कई बाधाएँ हैं, जिन्हें दूर करना आवश्यक है।
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