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प्रमुख व्यक्तित्वों में, सरदार वल्लभभाई पटेल का भारत की एकता में योगदान निर्विवाद है। चर्चा कीजिए।(150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
**सरदार वल्लभभाई पटेल** का भारत की एकता में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और निर्विवाद है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और 'सहयोगी' के रूप में पटेल ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं: 1. **राज्य विलय**: स्वतंत्रता के समय, भारत में 562 स्वतंत्र राज्य थे। पटेल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और वजीर हैदर कRead more
**सरदार वल्लभभाई पटेल** का भारत की एकता में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण और निर्विवाद है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और ‘सहयोगी’ के रूप में पटेल ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं:
1. **राज्य विलय**: स्वतंत्रता के समय, भारत में 562 स्वतंत्र राज्य थे। पटेल ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और वजीर हैदर के साथ मिलकर सभी राज्यों को भारतीय संघ में समाहित करने की प्रक्रिया को सुगम और सफलतापूर्वक संपन्न किया। उन्होंने अपनी कूटनीति और दबाव की रणनीति से लगभग सभी रियासतों को भारत में विलीन किया।
2. **संगठनात्मक क्षमताएँ**: पटेल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर संगठनात्मक सुधार किए और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एकता बनाए रखने के लिए विभिन्न धार्मिक और जातीय समूहों को एकत्रित किया।
3. **सार्वभौम विकास**: पटेल ने भूमि सुधार और सामाजिक न्याय के प्रयासों को बल दिया, जिससे भारतीय समाज में एकता और स्थिरता को बढ़ावा मिला।
इन प्रयासों के लिए, पटेल को ‘सरदार’ (देश का सरदार) की उपाधि मिली, और उनका योगदान आज भी भारतीय एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
See less"विदेशी मामलों का संचालन घरेलू बाध्यताओं और मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय परिवेश के बीच दोतरफा अंतर्संबंध का एक परिणाम है।" 1960 के दशक में भारत के बाह्य संबंधों के संदर्भ में इस कथन पर चर्चा कीजिए।(250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
**1960 के दशक में भारत के बाह्य संबंध** और घरेलू बाध्यताओं के बीच अंतर्संबंध को समझने के लिए हमें उस समय के ऐतिहासिक, राजनीतिक, और सामाजिक संदर्भ को ध्यान में रखना होगा। **घरेलू बाध्यताएँ:** 1. **विकास और गरीबी**: 1960 के दशक में भारत ने स्वतंत्रता के बाद आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में कई प्रयाRead more
**1960 के दशक में भारत के बाह्य संबंध** और घरेलू बाध्यताओं के बीच अंतर्संबंध को समझने के लिए हमें उस समय के ऐतिहासिक, राजनीतिक, और सामाजिक संदर्भ को ध्यान में रखना होगा।
**घरेलू बाध्यताएँ:**
1. **विकास और गरीबी**: 1960 के दशक में भारत ने स्वतंत्रता के बाद आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में कई प्रयास किए। गरीबी उन्मूलन, औद्योगिकीकरण, और कृषि सुधार प्राथमिक लक्ष्यों में थे, जो संसाधनों और विदेशी सहायता की मांग को प्रभावित कर रहे थे।
2. **आंतरिक अस्थिरता**: इस समय भारत में कई आंतरिक चुनौतियाँ थीं, जैसे जातीय और धार्मिक तनाव, नक्सल आंदोलन, और राजनीतिक अस्थिरता। ये घरेलू समस्याएँ विदेशी नीति पर ध्यान देने की प्राथमिकताओं को प्रभावित करती थीं।
**अंतर्राष्ट्रीय परिवेश:**
1. **भारत-चीन युद्ध (1962)**: भारत और चीन के बीच युद्ध ने भारतीय सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया और भारत को सोवियत संघ के साथ समीकरण को मजबूत करने की दिशा में प्रेरित किया। यह घटना भारत की विदेश नीति में बदलाव का एक प्रमुख बिंदु थी।
2. **शीत युद्ध का प्रभाव**: 1960 के दशक में शीत युद्ध ने वैश्विक राजनीति को प्रभावित किया। भारत ने निरपेक्षता की नीति अपनाई, लेकिन उसकी विदेश नीति सोवियत संघ के प्रति झुकाव और पश्चिमी शक्तियों के साथ संतुलन बनाने के प्रयासों को दर्शाती थी।
3. **गैर-संरेखित आंदोलन**: भारत ने इस आंदोलन की अगुवाई की, जिसका उद्देश्य उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष था। यह विदेश नीति में एक स्वतंत्र और तटस्थ रुख अपनाने के प्रयास को प्रदर्शित करता था।
**दोतरफा अंतर्संबंध:**
भारत की विदेश नीति 1960 के दशक में घरेलू बाध्यताओं और अंतर्राष्ट्रीय परिवेश के बीच संतुलन बनाने का प्रयास थी। घरेलू चुनौतियों ने भारत की विदेश नीति को आंतरिक सुरक्षा और आर्थिक विकास के संदर्भ में नया दिशा दिया, जबकि अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं ने भारत को वैश्विक राजनीति में अपनी भूमिका को फिर से परिभाषित करने पर मजबूर किया। इस प्रकार, 1960 के दशक में भारत के विदेश मामलों का संचालन घरेलू जरूरतों और अंतर्राष्ट्रीय परिवेश के बीच जटिल अंतर्संबंध को दर्शाता है।
See less1962 का भारत-चीन युद्ध अनेक कारकों का परिणाम था जिनके कारण युद्ध हुआ। सविस्तार वर्णन कीजिए। इसके अतिरिक्त, भारत के लिए इस युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।(250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
**1962 का भारत-चीन युद्ध** कई जटिल कारकों का परिणाम था। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं: 1. **सार्वभौम सीमा विवाद**: भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर ऐतिहासिक मतभेद थे। चीन ने अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश (तिब्बत क्षेत्र में भारतीय हिस्से) को अपने क्षेत्र के रूप में दावा किया, जबकि भारत ने इन क्षेत्रोRead more
**1962 का भारत-चीन युद्ध** कई जटिल कारकों का परिणाम था। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
1. **सार्वभौम सीमा विवाद**: भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर ऐतिहासिक मतभेद थे। चीन ने अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश (तिब्बत क्षेत्र में भारतीय हिस्से) को अपने क्षेत्र के रूप में दावा किया, जबकि भारत ने इन क्षेत्रों को अपनी संप्रभुता का हिस्सा माना।
2. **तिब्बत पर चीनी नियंत्रण**: 1950 में तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद, भारत ने तिब्बती शरणार्थियों को आश्रय दिया और तिब्बत के स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया, जिससे चीन असंतुष्ट था।
3. **कश्मीर मुद्दा**: भारत ने कश्मीर पर चीन के दावे को स्वीकार नहीं किया और इसका समर्थन किया कि यह भारत का हिस्सा है, जिससे चीन ने नाराजगी व्यक्त की।
4. **सीमावर्ती सड़क निर्माण**: चीन ने अक्साई चिन में सड़क निर्माण शुरू किया, जो भारत के लिए सुरक्षा खतरा था। भारत ने इसका विरोध किया, जिससे तनाव बढ़ा।
5. **अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य**: युद्ध के समय में, चीन ने भारत को पश्चिमी समर्थन की उम्मीद के चलते अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की।
**भारत के लिए युद्ध के महत्व**:
1. **सुरक्षा और रणनीतिक सीख**: युद्ध ने भारत को सीमा सुरक्षा और सैन्य रणनीति में सुधार की आवश्यकता का एहसास कराया। इसे देखते हुए, भारत ने अपने सैन्य बलों की ताकत और सीमा बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया।
2. **राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव**: युद्ध ने भारत की विदेश नीति को पुनः परिभाषित किया और नेहरू की कूटनीतिक दृष्टिकोण में बदलाव लाया। भारत ने चीन के साथ संबंधों को संतुलित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सक्रिय भागीदारी की।
3. **सार्वभौम मुद्दों का समाधान**: इस युद्ध के परिणामस्वरूप, भारत ने सीमा मुद्दों के समाधान के लिए चीन के साथ बातचीत और समझौतों की प्रक्रिया को महत्व देना शुरू किया।
4. **सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव**: युद्ध ने भारतीय जनता में राष्ट्रवाद और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई, और इसे भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक अनुभव के रूप में देखा गया।
इस प्रकार, 1962 का भारत-चीन युद्ध केवल एक सैन्य संघर्ष नहीं था, बल्कि यह भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और सामरिक सोच के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
See lessBiodiversity and environment
### 1. How does habitat destruction affect biodiversity in different ecosystems? **Habitat destruction** leads to the loss of living spaces for many species, directly affecting their populations. In different ecosystems: - **Forests**: Deforestation reduces habitat for many species, disrupts food chRead more
### 1. How does habitat destruction affect biodiversity in different ecosystems?
**Habitat destruction** leads to the loss of living spaces for many species, directly affecting their populations. In different ecosystems:
– **Forests**: Deforestation reduces habitat for many species, disrupts food chains, and causes loss of plant and animal species.
– **Wetlands**: Drainage and pollution reduce breeding grounds for fish and amphibians, and disrupt migratory patterns.
– **Grasslands**: Conversion to agriculture or urban areas depletes biodiversity and disrupts ecosystem functions like soil fertility.
– **Coral Reefs**: Coastal development, pollution, and climate change damage reefs, leading to loss of species dependent on this habitat.
### 2. What are the primary threats to global biodiversity today?
Primary threats include:
– **Habitat Destruction**: Urbanization, deforestation, and agriculture reduce living spaces.
– **Climate Change**: Alters temperature and weather patterns, impacting species survival.
– **Overexploitation**: Overfishing, hunting, and logging deplete species.
– **Pollution**: Contaminants affect air, water, and soil quality, harming organisms.
– **Invasive Species**: Non-native species outcompete or prey on native species.
– **Disease**: Emerging diseases can decimate populations.
### 3. Explain the concept of ecosystem services and their relationship to biodiversity.
**Ecosystem services** are benefits that ecosystems provide to humans, including:
– **Provisioning**: Supply of resources like food, water, and medicine.
– **Regulating**: Climate regulation, flood control, and disease regulation.
– **Supporting**: Nutrient cycling, soil formation, and primary production.
– **Cultural**: Recreational, aesthetic, and spiritual benefits.
**Biodiversity** supports these services by maintaining ecosystem functionality and resilience. Diverse ecosystems are more robust and can better sustain these services.
### 4. What are the major biodiversity hotspots in the world, and why are they important for conservation?
**Biodiversity hotspots** are regions with exceptionally high levels of species richness and endemism that are also under significant threat. Major hotspots include:
– **The Amazon Rainforest**: Rich in species but threatened by deforestation.
– **Madagascar**: Unique species found nowhere else, facing habitat loss.
– **The Himalayas**: Diverse flora and fauna under threat from climate change and human activities.
– **Coral Triangle**: Marine biodiversity hotspot threatened by overfishing and bleaching.
They are crucial for conservation because they contain a significant proportion of Earth’s biodiversity and are often more vulnerable to extinction.
### 5. How do protected areas like national parks and wildlife reserves contribute to biodiversity conservation?
Protected areas:
– **Preserve Habitat**: They safeguard crucial habitats from development and exploitation.
– **Conserve Species**: They provide refuges for threatened and endangered species.
– **Maintain Ecosystem Services**: They help in sustaining ecological functions like water purification and soil conservation.
– **Research and Education**: They offer opportunities for scientific research and public education on conservation.
### 6. Can biodiversity help ecosystems adapt to climate change? If so, how?
Yes, **biodiversity** helps ecosystems adapt to climate change by:
– **Increasing Resilience**: Diverse species can offer a range of responses to changing conditions, enhancing ecosystem stability.
– **Facilitating Ecosystem Functioning**: Various species contribute to critical functions like nutrient cycling, which can help ecosystems recover from disturbances.
– **Providing Adaptive Potential**: A wide genetic pool allows for more adaptive responses to environmental changes.
### 7. How do ecosystem restoration projects contribute to mitigating climate change and enhancing biodiversity?
**Ecosystem restoration**:
– **Reduces Carbon Emissions**: Restoring forests and wetlands can sequester carbon dioxide from the atmosphere.
– **Improves Biodiversity**: It helps rebuild habitats, supporting the recovery of plant and animal species.
– **Enhances Ecosystem Services**: Restoration often improves water quality, soil fertility, and flood regulation.
### 8. How does overfishing affect marine biodiversity and the health of ocean ecosystems?
**Overfishing**:
– **Depletes Fish Stocks**: Reduces populations of target species, impacting the food chain.
– **Disrupts Ecosystems**: Alters predator-prey relationships and can lead to ecosystem imbalances.
– **Bycatch**: Non-target species are often caught unintentionally, affecting biodiversity.
– **Habitat Damage**: Practices like trawling damage seafloor habitats, further impacting marine life.
### 9. In what ways can individuals and communities contribute to preserving biodiversity?
Individuals and communities can:
– **Adopt Sustainable Practices**: Reduce waste, recycle, and consume sustainably.
– **Support Conservation Efforts**: Engage with and donate to conservation organizations.
– **Promote Native Species**: Use native plants in gardening to support local wildlife.
– **Advocate for Policies**: Support and advocate for environmental protection policies.
– **Educate Others**: Raise awareness about the importance of biodiversity and conservation.
### 10. What are the predicted impacts of global warming on species distribution and migration patterns?
**Global warming** is expected to:
– **Shift Species Ranges**: Many species will move toward higher latitudes or altitudes as temperatures rise.
See less– **Alter Migration Patterns**: Changes in temperature and food availability will affect the timing and routes of migratory species.
– **Increase Extinction Risk**: Species unable to migrate or adapt quickly may face higher extinction risks.
– **Disrupt Ecosystems**: Altered species distributions can lead to changes in community structures and interactions.
विसर्प की अवधारणा की व्याख्या करते हुए, बाढ़ के मैदानों से जुड़ी विभिन्न भू-आकृतियों को वर्णित कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
**विसर्प (Meandering)** की अवधारणा नदी के बहाव में होने वाली वक्रता को दर्शाती है, जिसमें नदी का मार्ग लहरदार और घुमावदार बन जाता है। यह प्रक्रिया तब होती है जब नदी का प्रवाह धीमा हो जाता है और उसकी धारा धीरे-धीरे अपने मार्ग को मोड़ती है। **बाढ़ के मैदानों** में विसर्प से जुड़ी प्रमुख भू-आकृतियाँ निRead more
**विसर्प (Meandering)** की अवधारणा नदी के बहाव में होने वाली वक्रता को दर्शाती है, जिसमें नदी का मार्ग लहरदार और घुमावदार बन जाता है। यह प्रक्रिया तब होती है जब नदी का प्रवाह धीमा हो जाता है और उसकी धारा धीरे-धीरे अपने मार्ग को मोड़ती है।
**बाढ़ के मैदानों** में विसर्प से जुड़ी प्रमुख भू-आकृतियाँ निम्नलिखित हैं:
1. **मेन्डर**: नदी के प्रवाह द्वारा बनते कर्व या मोड़, जो एक सर्पिल पैटर्न बनाते हैं।
2. **ऑक्सबो झीलें**: जब दो मेन्डर मिलकर एक दूसरे को काटते हैं, तो बीच में एक बंद चैनल के रूप में झील बनती है।
3. **बाढ़ के मैदान**: ये निम्न क्षेत्र होते हैं जहां नदी के पानी का फैलाव होता है, जिससे उपजाऊ मिट्टी जमा होती है।
4. **पारत**: नदी के एक ओर जमा होने वाली परतदार मृदा जो नदी के बहाव की दिशा के अनुसार बदलती है।
ये आकृतियाँ नदी की गतिशीलता और उसके परिवेश को दर्शाती हैं, और प्राकृतिक पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
See lessदिल्ली और उसके आसपास यमुना नदी में शीत ऋतु के प्रारंभ में उत्पन्न झाग सुर्खियों में रहा है। इसके पीछे के कारणों की पहचान करते हुए इसके व्यापक प्रभाव पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
दिल्ली और उसके आसपास यमुना नदी में शीत ऋतु के प्रारंभ में उत्पन्न झाग मुख्यतः जल प्रदूषण के कारण होता है। यह झाग आमतौर पर उद्योगों से निकलने वाले रसायनों, साबुन और अन्य रासायनिक अपशिष्टों की वजह से बनता है, जो नदी के पानी में घुल जाते हैं। सर्दी के मौसम में, ठंड और कम हवा की गति के कारण झाग का संचयRead more
दिल्ली और उसके आसपास यमुना नदी में शीत ऋतु के प्रारंभ में उत्पन्न झाग मुख्यतः जल प्रदूषण के कारण होता है। यह झाग आमतौर पर उद्योगों से निकलने वाले रसायनों, साबुन और अन्य रासायनिक अपशिष्टों की वजह से बनता है, जो नदी के पानी में घुल जाते हैं। सर्दी के मौसम में, ठंड और कम हवा की गति के कारण झाग का संचय बढ़ जाता है और यह अधिक स्पष्ट हो जाता है।
इसके व्यापक प्रभावों में शामिल हैं:
1. **स्वास्थ्य समस्याएँ**: झाग में मौजूद विषैले रसायन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे त्वचा की समस्याएं और सांस की बीमारियाँ हो सकती हैं।
2. **पारिस्थितिकी तंत्र का नुकसान**: झाग और प्रदूषित जल जलीय जीवन के लिए हानिकारक होते हैं, जिससे मछलियों और अन्य जलजीवों की मौत हो सकती है।
3. **सामाजिक प्रभाव**: झाग के कारण पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठता है, जो लोगों के जीवन और पेयजल स्रोतों को प्रभावित करता है।
इस समस्या के समाधान के लिए प्रदूषण नियंत्रण और बेहतर जल प्रबंधन की आवश्यकता है।
See lessमहासागरीय अधस्तल के मानचित्रण पर आधारित उत्तरवर्ती प्रवाह सिद्धांत ने महासागरों और महाद्वीपों के वितरण के अध्ययन को नए आयाम प्रदान किए हैं। सविस्तार वर्णन कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
महासागरीय अधस्तल के मानचित्रण पर आधारित उत्तरवर्ती प्रवाह सिद्धांत (Subsequent Flow Theory) ने महासागरों और महाद्वीपों के वितरण के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह सिद्धांत इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे महासागरीय अधस्तल पर जल प्रवाह की प्रक्रिया ने स्थलाकृतिक विशेषताओं को आकार दियRead more
महासागरीय अधस्तल के मानचित्रण पर आधारित उत्तरवर्ती प्रवाह सिद्धांत (Subsequent Flow Theory) ने महासागरों और महाद्वीपों के वितरण के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह सिद्धांत इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे महासागरीय अधस्तल पर जल प्रवाह की प्रक्रिया ने स्थलाकृतिक विशेषताओं को आकार दिया है।
सिद्धांत के अनुसार, महासागरीय अधस्तल के मानचित्रण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि महासागरीय तल में समुद्री धाराओं और प्रवाहों की दिशा ने महाद्वीपों और महासागरों के बीच एक गतिशील संबंध स्थापित किया है। महासागरीय प्रवाह और धाराएँ महासागरीय तल की संरचना को प्रभावित करती हैं, जिससे समुद्री चट्टानों और प्लेटों की स्थिति और उनका वितरण बदलता है। उदाहरण के लिए, महासागरीय प्लेटों की टकराहट और अलगाव ने महाद्वीपीय रेखाओं और महासागरीय रेखाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस सिद्धांत के तहत, महासागरीय धाराओं के प्रवाह और उनके द्वारा उत्पन्न बल महाद्वीपों के निर्माण और उनके आकार को प्रभावित करते हैं। इससे यह समझने में मदद मिली है कि कैसे महासागर और महाद्वीपों के बीच की इंटरैक्शन ने भूगर्भीय संरचनाओं को आकार दिया है। महासागरीय तल पर जल प्रवाह की पहचान और विश्लेषण से भूगर्भीय घटनाओं, जैसे कि भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधियों, की भविष्यवाणी और अध्ययन में भी सहायता मिली है।
इस प्रकार, महासागरीय अधस्तल के मानचित्रण पर आधारित उत्तरवर्ती प्रवाह सिद्धांत ने महाद्वीपों और महासागरों के वितरण और उनके भूगर्भीय प्रक्रियाओं की समझ को नई दिशा प्रदान की है, जिससे पृथ्वी की सतह के विकास और परिवर्तनों का अध्ययन और भी सटीक और गहरा हो गया है।
See lessडिजिटल कृषि से आप क्या समझते हैं ? इससे प्राप्त होने वाले लाभों पर टिप्पणी कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2022]
**डिजिटल कृषि** का तात्पर्य कृषि प्रबंधन में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग से है, जिसमें डेटा विश्लेषण, सेंसर्स, ड्रोन, और मोबाइल एप्लिकेशन शामिल हैं। इसका उद्देश्य फसल उत्पादन, जल प्रबंधन, और कृषि प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और सटीक बनाना है। **लाभ:** 1. **सटीकता:** डेटा और सेंसर्स के माधRead more
**डिजिटल कृषि** का तात्पर्य कृषि प्रबंधन में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग से है, जिसमें डेटा विश्लेषण, सेंसर्स, ड्रोन, और मोबाइल एप्लिकेशन शामिल हैं। इसका उद्देश्य फसल उत्पादन, जल प्रबंधन, और कृषि प्रक्रियाओं को अधिक कुशल और सटीक बनाना है।
**लाभ:**
1. **सटीकता:** डेटा और सेंसर्स के माध्यम से फसलों की स्थिति की निगरानी और विश्लेषण से संसाधनों का कुशल उपयोग होता है।
2. **उत्पादकता में वृद्धि:** बेहतर पूर्वानुमान और प्रबंधन से फसल की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ती है।
3. **खर्च में कमी:** संसाधनों के सही उपयोग से लागत कम होती है।
4. **जोखिम प्रबंधन:** मौसम की पूर्वसूचना और अन्य डेटा से किसानों को संभावित जोखिमों से निपटने में मदद मिलती है।
डिजिटल कृषि किसानों को स्मार्ट निर्णय लेने में सहायता प्रदान करती है, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास होता है।
See lessभारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति का 'मेक इन इन्डिया' तथा 'स्टैण्ड अप इन्डिया' के विशेष संदर्भ में मूल्यांकन कीजिए । (125 Words) [UPPSC 2022]
भारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति 'मेक इन इंडिया' और 'स्टैण्ड अप इंडिया' के तहत उद्यमिता और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। **'मेक इन इंडिया'** पहल का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। यह विदेशी निवेश को आकर्षित करने, बुनियादी ढांचे को सुधारने और औद्योगिक उत्पादनRead more
भारत सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टैण्ड अप इंडिया’ के तहत उद्यमिता और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
**’मेक इन इंडिया’** पहल का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। यह विदेशी निवेश को आकर्षित करने, बुनियादी ढांचे को सुधारने और औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाने के लिए है। इसके तहत, स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन की दिशा में कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं।
**’स्टैण्ड अप इंडिया’** का उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता और समर्थन प्रदान करना है। यह योजना नए उद्यमों की स्थापना और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करती है।
इन पहलों ने भारत में औद्योगिक विकास को गति दी है, लेकिन अभी भी चुनौतियां जैसे बुनियादी ढांचे की कमी और कानूनी बाधाएं बनी हुई हैं।
See lessट्रिपल डिप ला नीना परिघटना क्या है? विश्व के विभिन्न क्षेत्रों पर इसके संभावित प्रभाव की विवेचना कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
**ट्रिपल डिप ला नीना** परिघटना वह स्थिति है जब ला नीना, एक ठंडी समुद्री सतह का तापमान परिघटना, लगातार तीन सर्दियों तक बनी रहती है। सामान्यतः, ला नीना हर कुछ वर्षों में एक बार होती है, लेकिन "ट्रिपल डिप" के मामले में यह असामान्य रूप से लंबी अवधि तक जारी रहती है। **प्रभाव:** 1. **अमेरिका:** दक्षिणी अमRead more
**ट्रिपल डिप ला नीना** परिघटना वह स्थिति है जब ला नीना, एक ठंडी समुद्री सतह का तापमान परिघटना, लगातार तीन सर्दियों तक बनी रहती है। सामान्यतः, ला नीना हर कुछ वर्षों में एक बार होती है, लेकिन “ट्रिपल डिप” के मामले में यह असामान्य रूप से लंबी अवधि तक जारी रहती है।
**प्रभाव:**
1. **अमेरिका:** दक्षिणी अमेरिका में सूखा और उत्तरी अमेरिका में ठंडी और गीली सर्दियां हो सकती हैं। कृषि और जल आपूर्ति प्रभावित हो सकती हैं।
2. **ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण-पूर्व एशिया:** भारी वर्षा और बाढ़ का खतरा बढ़ता है, जिससे फसलों को नुकसान हो सकता है और जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
3. **पूर्वी अफ्रीका:** सूखा और खाद्यान्न की कमी की संभावना होती है, जिससे खाद्य सुरक्षा पर संकट उत्पन्न हो सकता है।
4. **भारत:** मॉनसून पर असर पड़ सकता है, जिससे कृषि उत्पादन में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
ट्रिपल डिप ला नीना वैश्विक जलवायु पैटर्न को प्रभावित करती है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में मौसम संबंधी असामान्यताएं उत्पन्न होती हैं।
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