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वस्तु एवं सेवा कर (GST) की प्रमुख विशेषताओं को विस्तार से बताइए। इसके लागू होने के बाद प्राप्त उपलब्धियों और सामने आई चुनौतियों का वर्णन कीजिए।(200 शब्द)
वस्तु एवं सेवा कर (GST) की प्रमुख विशेषताएँ एकीकृत कर प्रणाली: GST ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को समाहित कर एक एकीकृत कर प्रणाली स्थापित की है, जिससे 'एक राष्ट्र, एक कर' का सिद्धांत लागू हुआ है। गंतव्य-आधारित कर: यह उपभोग के स्थान पर कर लागू करता है, अर्थात् जहाRead more
वस्तु एवं सेवा कर (GST) की प्रमुख विशेषताएँ
GST लागू होने के बाद प्राप्त उपलब्धियाँ
सामने आई चुनौतियाँ
GST के कार्यान्वयन के बाद से, सरकार ने इन चुनौतियों के समाधान के लिए समय-समय पर सुधार किए हैं, जिससे यह कर प्रणाली अधिक प्रभावी और व्यापार-अनुकूल बन सके।
See lessमुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण क्या होता है? भारत में मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण प्रणाली कैसे कार्य करती है? (200 शब्द)
मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण: परिभाषा और भारत में कार्यान्वयन मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण एक मौद्रिक नीति ढांचा है, जिसमें केंद्रीय बैंक एक विशिष्ट मुद्रास्फीति दर को अपने मध्यकालिक लक्ष्य के रूप में निर्धारित करता है और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी मौद्रिक नीतियों, जैसे ब्याज दरों, को समायोजित करताRead more
मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण: परिभाषा और भारत में कार्यान्वयन
मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण एक मौद्रिक नीति ढांचा है, जिसमें केंद्रीय बैंक एक विशिष्ट मुद्रास्फीति दर को अपने मध्यकालिक लक्ष्य के रूप में निर्धारित करता है और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी मौद्रिक नीतियों, जैसे ब्याज दरों, को समायोजित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य मूल्य स्थिरता बनाए रखना है, जिससे आर्थिक स्थिरता और विकास को बढ़ावा मिलता है।
भारत में मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण ढांचा
भारत ने 2016 में लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (Flexible Inflation Targeting – FIT) ढांचे को अपनाया। इस ढांचे के तहत, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति को 4% पर बनाए रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें ±2% की सहिष्णुता सीमा है, अर्थात मुद्रास्फीति 2% से 6% के बीच रहनी चाहिए। यह लक्ष्य सरकार और RBI के बीच एक समझौते के रूप में स्थापित किया गया है।
हाल के घटनाक्रम
निष्कर्ष
मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण भारत में मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए एक प्रभावी ढांचा है। हालांकि, यह घरेलू और वैश्विक कारकों के संयोजन पर निर्भर करता है, जिससे मुद्रास्फीति नियंत्रण और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
See lessआर्द्रभूमियों को जीवंत बनाए रखना जलवायु शमन, अनुकूलन, जैव विविधता संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इस पर चर्चा करें और यह सुनिश्चित करने के लिए भारत में कौन-कौन से उपाय उपलब्ध हैं? (200 शब्द)
आर्द्रभूमियां जलवायु शमन, अनुकूलन, जैव विविधता संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। वे जल चक्र संतुलित करती हैं, जैव विविधता के लिए आवास प्रदान करती हैं और आजीविका का स्रोत हैं। आर्द्रभूमियों का महत्व जलवायु शमन और अनुकूलन: आर्द्रभूमियां कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर जलवायु परिवर्तनRead more
आर्द्रभूमियां जलवायु शमन, अनुकूलन, जैव विविधता संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। वे जल चक्र संतुलित करती हैं, जैव विविधता के लिए आवास प्रदान करती हैं और आजीविका का स्रोत हैं।
आर्द्रभूमियों का महत्व
भारत में संरक्षण उपाय
निष्कर्ष
आर्द्रभूमियों का संरक्षण न केवल जैव विविधता और पर्यावरण को बचाने के लिए बल्कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी अनिवार्य है।
See lessतेल और गैस पाइपलाइन को अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा के रूप में देखा जाता है। इस संदर्भ में, भारत में तेल और गैस पाइपलाइन की वर्तमान स्थिति पर चर्चा कीजिए। साथ ही, पाइपलाइन परिवहन के लाभ और हानियों को भी सूचीबद्ध करें। (200 शब्द)
भारत में तेल और गैस पाइपलाइन की वर्तमान स्थिति भारत में तेल और गैस पाइपलाइनों का नेटवर्क 17,000 किलोमीटर से अधिक है और देशभर में तेल और गैस का परिवहन सुनिश्चित करता है। प्रमुख पाइपलाइनों में हज़ीरा-विजयपुर-जयदिशपुर पाइपलाइन शामिल है। 2023 में, भारत सरकार ने पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार के लिए कई परियRead more
भारत में तेल और गैस पाइपलाइन की वर्तमान स्थिति
भारत में तेल और गैस पाइपलाइनों का नेटवर्क 17,000 किलोमीटर से अधिक है और देशभर में तेल और गैस का परिवहन सुनिश्चित करता है। प्रमुख पाइपलाइनों में हज़ीरा-विजयपुर-जयदिशपुर पाइपलाइन शामिल है। 2023 में, भारत सरकार ने पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार के लिए कई परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
पाइपलाइन परिवहन के लाभ
पाइपलाइन परिवहन की हानियाँ
भारत में तेल और गैस पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार से ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो रही है।
See lessयह अनुमान लगाया गया है कि आर्कटिक 2040 की गर्मियों तक हिम-मुक्त हो सकता है। इसके महासागरों पर संभावित प्रभावों का वर्णन कीजिए और यह भी विश्लेषण कीजिए कि भारत पर इस स्थिति का क्या प्रभाव पड़ेगा। (200 शब्द)
आर्कटिक के हिम-मुक्त होने के महासागरों पर प्रभाव 2040 तक आर्कटिक की गर्मियों में बर्फ-मुक्त होने की संभावना महासागरों पर कई प्रभाव डाल सकती है: महासागरीय धाराओं में बदलाव: हिम पिघलने से अटलांटिक और प्रशांत धाराओं की शक्ति कमजोर हो सकती है, जिससे वैश्विक जलवायु असंतुलित हो जाएगी। समुद्री स्तर में वृदRead more
आर्कटिक के हिम-मुक्त होने के महासागरों पर प्रभाव
2040 तक आर्कटिक की गर्मियों में बर्फ-मुक्त होने की संभावना महासागरों पर कई प्रभाव डाल सकती है:
भारत पर प्रभाव
राष्ट्रीय आय लेखांकन के महत्व को समझाइए। किसी देश की जी.डी.पी. को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों पर चर्चा कीजिए। (200 words)
राष्ट्रीय आय लेखांकन किसी देश की आर्थिक गतिविधियों का मापन और विश्लेषण करने की प्रणाली है, जो नीति निर्माण और आर्थिक विकास के आकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जी.डी.पी. को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक: उपभोग व्यय (Consumption Expenditure): घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा वस्तुओं और सेवाओं पर किया गयाRead more
राष्ट्रीय आय लेखांकन किसी देश की आर्थिक गतिविधियों का मापन और विश्लेषण करने की प्रणाली है, जो नीति निर्माण और आर्थिक विकास के आकलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जी.डी.पी. को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक:
उदाहरण के लिए, 2023 में भारत की जी.डी.पी. वृद्धि दर 6.5% रही, जिसमें उपभोग व्यय और सरकारी निवेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इन कारकों का संयोजन किसी देश की जी.डी.पी. निर्धारित करता है, जो अर्थव्यवस्था की समग्र उत्पादन क्षमता और विकास दर का संकेतक है।
See lessप्राचीन हड़प्पा स्थापत्य कला में एक आधुनिक और शहरी सभ्यता के अस्तित्व को कैसे परिलक्षित किया जाता है? उदाहरणों के साथ इसकी चर्चा कीजिए।
प्राचीन हड़प्पा स्थापत्य कला में शहरी और आधुनिक सभ्यता के अस्तित्व को विभिन्न उदाहरणों से समझा जा सकता है: 1. शहरी योजना हड़प्पा नगरों में सड़कों का आयताकार ग्रिड सिस्टम था, जो आधुनिक शहरी योजना का प्रारंभिक रूप था। उदाहरण: मोहेंजो-दारो और हड़प्पा में सड़कें व्यवस्थित और समांतर बनी थीं। 2. जल निकासीRead more
प्राचीन हड़प्पा स्थापत्य कला में शहरी और आधुनिक सभ्यता के अस्तित्व को विभिन्न उदाहरणों से समझा जा सकता है:
1. शहरी योजना
2. जल निकासी प्रणाली
3. निर्माण सामग्री
इन विशेषताओं से यह सिद्ध होता है कि हड़प्पा सभ्यता में एक व्यवस्थित और आधुनिक शहरी जीवन का अस्तित्व था।
See lessमहासागरीय जल धाराएं जलवायु नियंत्रण और पृथ्वी पर समुद्री जीवन को समर्थन देने में महत्वपूर्ण कैसे योगदान करती हैं? इस पर चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
महासागरीय जल धाराओं का जलवायु नियंत्रण में योगदान ऊष्मा वितरण: महासागरीय धाराएँ भूमध्य रेखा से ध्रुवों तक ऊष्मा का वितरण करती हैं, जिससे पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों का तापमान नियंत्रित रहता है। उदाहरणस्वरूप, गल्फ स्ट्रीम जैसी गर्म धाराएँ उत्तरी यूरोप के तटीय क्षेत्रों को गर्म रखती हैं, जबकि ठंडी धारRead more
महासागरीय जल धाराओं का जलवायु नियंत्रण में योगदान
समुद्री जीवन के लिए महासागरीय धाराओं का महत्व
वर्तमान घटनाएँ और डेटा
निष्कर्ष
महासागरीय जल धाराएँ जलवायु नियंत्रण और समुद्री जीवन के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, जलवायु परिवर्तन के कारण इन धाराओं में परिवर्तन हो रहा है, जिससे जलवायु और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए, महासागरीय धाराओं के अध्ययन और संरक्षण की आवश्यकता है।
See lessविभिन्न प्रकार की भूकंपीय तरंगों का वर्णन करते हुए, छाया क्षेत्रों के गठन का विश्लेषण कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भूकंपीय तरंगों के प्रकार भूकंप के दौरान ऊर्जा के प्रसार से भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं, जिन्हें दो प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है: आंतरित तरंगें (Body Waves) P-तरंगें (Primary Waves): यह सबसे तेज़ तरंगें हैं जो ठोस, तरल और गैस में यात्रा कर सकती हैं। ये अनुदैर्ध्य (longitudinal) होतRead more
भूकंपीय तरंगों के प्रकार
भूकंप के दौरान ऊर्जा के प्रसार से भूकंपीय तरंगें उत्पन्न होती हैं, जिन्हें दो प्रमुख प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
छाया क्षेत्र का गठन
छाया क्षेत्र वे क्षेत्र होते हैं जहां भूकंपीय तरंगें नहीं पहुंच पातीं। इसका कारण पृथ्वी की आंतरिक संरचना और तरंगों का अपवर्तन (refraction) है:
निष्कर्ष
छाया क्षेत्र पृथ्वी की आंतरिक संरचना को समझने में सहायक हैं। ये तरंगों के व्यवहार और कोर की स्थिति का सटीक ज्ञान प्रदान करते हैं।
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