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लोक प्रशासन में सत्यनिष्ठा क्यों आवश्यक है ?
लोक प्रशासन में सत्यनिष्ठा का महत्व लोक प्रशासन में सत्यनिष्ठा (Integrity) एक महत्वपूर्ण गुण है क्योंकि यह: विश्वास निर्माण: नागरिकों के बीच प्रशासन का विश्वास बढ़ाता है। न्याय सुनिश्चित करता है: भ्रष्टाचार को रोकता है और पारदर्शिता बनाए रखता है। सामाजिक सुरक्षा: शासन में धोखाधड़ी से बचने और निष्पक्Read more
लोक प्रशासन में सत्यनिष्ठा का महत्व
लोक प्रशासन में सत्यनिष्ठा (Integrity) एक महत्वपूर्ण गुण है क्योंकि यह:
उदाहरण: महात्मा गांधी का सत्याग्रह और सरकारी अधिकारियों की ईमानदारी से नागरिकों में विश्वास बढ़ा। सत्यनिष्ठा प्रशासन की सफलता और लोकतंत्र की मजबूती का आधार है।
See lessभारत में 19वीं शताब्दी में प्रचलित सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन में समाज सुधारकों के योगदान का संक्षिप्त वर्णन करें। (200 words)
19वीं शताब्दी में भारत में समाज सुधारकों ने सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय, सती प्रथा, जातिवाद, बाल विवाह और महिलाओं की शिक्षा की कमी जैसी समस्याएँ आम थीं। राजा राम मोहन राय ने 1829 में सती प्रथा के खिलाफ कानून बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई और उन्होंने ब्रह्म समाज कRead more
19वीं शताब्दी में भारत में समाज सुधारकों ने सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय, सती प्रथा, जातिवाद, बाल विवाह और महिलाओं की शिक्षा की कमी जैसी समस्याएँ आम थीं। राजा राम मोहन राय ने 1829 में सती प्रथा के खिलाफ कानून बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई और उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना की, जो मूर्तिपूजा और जातिवाद का विरोध करता था।
ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने महिलाओं के लिए शिक्षा की राह प्रशस्त की, बेथ्यून स्कूल की स्थापना की और विधवा पुनर्विवाह अधिनियम (1856) को लागू करने में मदद की। स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की, जो जातिविहीन समाज का समर्थन करता था और अंधविश्वास का विरोध करता था।
ज्योतिराव फुले ने महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया और सामाजिक समानता के लिए संघर्ष किया। श्री नारायण गुरु ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और SNDP आंदोलन की शुरुआत की। इन सभी सुधारकों ने न केवल सामाजिक कुरीतियों को चुनौती दी, बल्कि भारतीय समाज में जागरूकता और ज्ञान का प्रकाश फैलाया, जिससे एक नई सामाजिक चेतना का उदय हुआ। उनके प्रयासों ने भारतीय समाज को एक प्रगतिशील दिशा में आगे बढ़ाने में मदद की।
See lessसभ्यता का टकराव क्या है ?
सभ्यता का टकराव क्या है? सभ्यता का टकराव (Clash of Civilizations) अमेरिकी राजनीतिक वैज्ञानिक सैमुअल पी. हंटिंगटन द्वारा प्रस्तावित एक सिद्धांत है। इसमें यह बताया गया है कि भविष्य में दुनिया में होने वाले संघर्षों का कारण राष्ट्रों के बीच आर्थिक या विचारधारा का अंतर नहीं, बल्कि विभिन्न सभ्यताओं और संRead more
सभ्यता का टकराव क्या है?
सभ्यता का टकराव (Clash of Civilizations) अमेरिकी राजनीतिक वैज्ञानिक सैमुअल पी. हंटिंगटन द्वारा प्रस्तावित एक सिद्धांत है। इसमें यह बताया गया है कि भविष्य में दुनिया में होने वाले संघर्षों का कारण राष्ट्रों के बीच आर्थिक या विचारधारा का अंतर नहीं, बल्कि विभिन्न सभ्यताओं और संस्कृतियों के बीच के मतभेद होंगे।
मुख्य बिंदु
सभ्यता का मतलब एक समुदाय की सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान से है। उदाहरण: पश्चिमी, इस्लामी, भारतीय और चीनी सभ्यताएं।
सभ्यताओं के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का अंतर उनके मूल्यों और जीवनशैली में मतभेद पैदा करता है, जिससे संघर्ष का खतरा बढ़ता है। जैसे कि इस्लामी और पश्चिमी सभ्यताओं के बीच टकराव।
हंटिंगटन के सिद्धांत की विशेषताएं
हंटिंगटन ने आठ प्रमुख सभ्यताओं की पहचान की है: पश्चिमी, इस्लामी, कन्फ़्यूशियस, जापानी, हिंदू, स्लाविक-ऑर्थोडॉक्स, लैटिन अमेरिकी, और अफ्रीकी। ये सभ्यताएं वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
निष्कर्ष
सभ्यता का टकराव सिद्धांत इस बात पर जोर देता है कि भविष्य में संघर्ष सांस्कृतिक और धार्मिक मतभेदों के कारण होंगे। दुनिया में स्थिरता लाने के लिए सभ्यताओं के बीच संवाद और समझ विकसित करना आवश्यक है |
See lessवरिष्ठ नागरिकों पर राष्ट्रीय नीति, 2011 में उल्लेखित हस्तक्षेप के विभिन्न पहलुओं की विवेचना कीजिए।
वरिष्ठ नागरिकों पर राष्ट्रीय नीति, 2011 में हस्तक्षेप के पहलू 1. स्वास्थ्य सेवाएँ उद्देश्य: वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाएँ उपलब्ध कराना, जैसे विशेष स्वास्थ्य जांच और चिकित्सा सेवाएँ। 2. सामाजिक सुरक्षा आर्थिक सहायता: वृद्धावस्था पेंशन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से आर्थRead more
वरिष्ठ नागरिकों पर राष्ट्रीय नीति, 2011 में हस्तक्षेप के पहलू
1. स्वास्थ्य सेवाएँ
2. सामाजिक सुरक्षा
3. विधिक सहायता
4. मानसिक स्वास्थ्य
5. सामुदायिक भागीदारी
मध्यप्रदेश की महिला नीति, 2015 के तहत म. प्र. सरकार द्वारा उठाए गये प्रमुख कदमों का उल्लेख कीजिए।
मध्यप्रदेश की महिला नीति, 2015 के प्रमुख कदम 1. शिक्षा और कौशल विकास महिलाओं की शिक्षा: महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई गई हैं, जिससे वे बेहतर रोजगार अवसर प्राप्त कर सकें। 2. स्वास्थ्य सेवाएँ स्वास्थ्य योजनाएँ: महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए विशेष स्वास्थ्य योजनाएँ लागू की गईRead more
मध्यप्रदेश की महिला नीति, 2015 के प्रमुख कदम
1. शिक्षा और कौशल विकास
2. स्वास्थ्य सेवाएँ
3. आर्थिक सशक्तिकरण
4. सुरक्षा और अधिकार
इन पहलों के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं के विकास और सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।
See lessभारत में क्षेत्रीय असन्तुलनों के कारण लिखिए।
भारत में क्षेत्रीय असंतुलनों के कारण 1. आर्थिक विकास में असमानता विकास की गति: कुछ राज्यों में औद्योगीकरण तेजी से हुआ, जबकि अन्य पिछड़ गए। जैसे, महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक उद्योग हैं, जबकि उत्तर-पूर्वी राज्यों में विकास धीमा है। 2. प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण संसाधनों की कमी: कुछ क्षेत्रोंRead more
भारत में क्षेत्रीय असंतुलनों के कारण
1. आर्थिक विकास में असमानता
2. प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण
3. अवसंरचना की कमी
4. राजनीतिक अस्थिरता
इन कारणों से भारत में क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ता जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं:
See lessभारत में क्षेत्रीय असन्तुलनों के कारण लिखिए।
भारत में क्षेत्रीय असंतुलनों के कारण 1. आर्थिक विकास में असमानता विकास की गति: कुछ राज्यों में औद्योगीकरण तेजी से हुआ, जबकि अन्य पिछड़ गए। जैसे, महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक उद्योग हैं, जबकि उत्तर-पूर्वी राज्यों में विकास धीमा है। 2. प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण संसाधनों की कमी: कुछ क्षेत्रोंRead more
भारत में क्षेत्रीय असंतुलनों के कारण
1. आर्थिक विकास में असमानता
2. प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण
3. अवसंरचना की कमी
4. राजनीतिक अस्थिरता
इन कारणों से भारत में क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ता जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं:
See lessवह एक और ओंकार स्वरूप है, आदिपुरुष और अकाल है' यह किसका भाव है ?
"वह एक और ओंकार स्वरूप है, आदिपुरुष और अकाल है" का भाव परिभाषा यह वाक्यांश दर्शन और आध्यात्मिकता के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जिसमें भगवान के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन किया गया है। भावार्थ ओंकार स्वरूप: यह ब्रह्मा के सबसे उच्च और अद्वितीय रूप को दर्शाता है। आदिपुरुष: इसे सर्वोच्च आत्मा या सृष्टि केRead more
“वह एक और ओंकार स्वरूप है, आदिपुरुष और अकाल है” का भाव
परिभाषा
भावार्थ
उदाहरण
इस तरह, यह वाक्यांश आध्यात्मिक सन्देश देता है कि ईश्वर का स्वरूप सर्वव्यापी है और हमें हर परिस्थिति में उसकी ओर देखना चाहिए।
See lessपारंपरिक जल प्रदूषण को नियंत्रित करने बाली नीति की व्याख्या करें।
पारंपरिक जल प्रदूषण को नियंत्रित करने वाली नीति परिभाषा जल प्रदूषण नीति: यह नीतियाँ हैं जो जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई हैं। मुख्य बिंदु निर्माण और निगरानी: जल प्रदूषण को रोकने के लिए कारखानों और उद्योगों को पानी में अपशिष्ट छोड़ने के लिए मानक तय किए जाते हैंRead more
पारंपरिक जल प्रदूषण को नियंत्रित करने वाली नीति
परिभाषा
मुख्य बिंदु
उदाहरण
इस प्रकार, पारंपरिक जल प्रदूषण को नियंत्रित करने वाली नीतियाँ जल संसाधनों को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
See lessभू-स्थिर उपग्रह का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
भू-स्थिर उपग्रह का वर्णन परिभाषा भू-स्थिर उपग्रह एक प्रकार का उपग्रह है जो पृथ्वी के साथ एक निश्चित स्थिति में रहता है। इसका मतलब है कि यह हमेशा एक ही स्थान पर, पृथ्वी के समान गति से घूमता है। विशेषताएँ उचाई: ये उपग्रह लगभग 36,000 किलोमीटर की ऊँचाई पर होते हैं। उपयोग: मौसम की निगरानी, संचार, और गुप्Read more
भू-स्थिर उपग्रह का वर्णन
परिभाषा
भू-स्थिर उपग्रह एक प्रकार का उपग्रह है जो पृथ्वी के साथ एक निश्चित स्थिति में रहता है। इसका मतलब है कि यह हमेशा एक ही स्थान पर, पृथ्वी के समान गति से घूमता है।
विशेषताएँ
उदाहरण
भू-स्थिर उपग्रह हमारे लिए महत्वपूर्ण डेटा और सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिससे संचार और मौसम की भविष्यवाणी में सहायता मिलती है।
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