Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
भूमिगत जल के पुनर्भरण के प्रमुख तीन स्रोत क्या हैं?
भूमिगत जल के पुनर्भरण के प्रमुख स्रोत भूजल पुनर्भरण के मुख्य तीन स्रोत हैं: 1. वर्षा जल विवरण: वर्षा का पानी सीधे भूमि में समाहित किया जाता है। 2. बंद कुएँ विवरण: पुराने और बेकार पड़े कुएँ, जहाँ बारिश का पानी जमा होता है। 3. पुनर्भरण पिट विवरण: विशेष गड्ढे जो वर्षा के पानी को एकत्र करके उसे भूमि मेंRead more
भूमिगत जल के पुनर्भरण के प्रमुख स्रोत
भूजल पुनर्भरण के मुख्य तीन स्रोत हैं:
1. वर्षा जल
2. बंद कुएँ
3. पुनर्भरण पिट
इन स्रोतों से भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।
See lessमध्य प्रदेश के दो जिलों के नाम लिखिए जहाँ पवन उर्जा की क्षमता सर्वाधिक है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख जिले पवन ऊर्जा में मध्य प्रदेश में पवन ऊर्जा की क्षमता वाले प्रमुख जिले निम्नलिखित हैं: 1. इंदौर उत्पादन क्षमता: इंदौर जिले में सबसे अधिक पवनचक्कियों की स्थापना की गई है। विशेषता: यहाँ हवा की गति अधिक होने के कारण पवन ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। 2. देवास पहली स्थापना: देवRead more
मध्य प्रदेश के प्रमुख जिले पवन ऊर्जा में
मध्य प्रदेश में पवन ऊर्जा की क्षमता वाले प्रमुख जिले निम्नलिखित हैं:
1. इंदौर
2. देवास
इन दोनों जिलों में पवन ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं, जिससे मध्य प्रदेश एक प्रमुख पवन ऊर्जा केंद्र बन सकता है।
See lessकन्हान घाटी कोयला क्षेत्र कहाँ स्थित है?
कन्हान घाटी कोयला क्षेत्र कन्हान घाटी कोयला क्षेत्र मध्य प्रदेश में स्थित है। यह क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले के महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्रों में से एक है। विशेषताएँ: स्थान: छिंदवाड़ा के उत्तर-पश्चिम में। महत्वपूर्ण क्षेत्र: राखीखोल, दानवा, कालीछापर और नंदन। इस क्षेत्र में कोयले का कुल भंडार लगभग 2,411.28 मRead more
कन्हान घाटी कोयला क्षेत्र
कन्हान घाटी कोयला क्षेत्र मध्य प्रदेश में स्थित है। यह क्षेत्र छिंदवाड़ा जिले के महत्वपूर्ण कोयला क्षेत्रों में से एक है।
विशेषताएँ:
इस क्षेत्र में कोयले का कुल भंडार लगभग 2,411.28 मिलियन टन है।
See lessमध्य प्रदेश के वनों के तीन प्रकार लिखिए।
मध्य प्रदेश के वनों के तीन प्रकार मध्य प्रदेश के वनों की विविधता उन्हें खास बनाती है। यहां तीन प्रमुख प्रकार के वन पाए जाते हैं: 1. साल के वन स्थान: मंडला, डिण्डोरी, शहडोल। विशेषता: साल के वृक्ष, जिनकी लकड़ी बहुत मजबूत होती है। 2. मिश्रित वन स्थान: विभिन्न क्षेत्रों में। विशेषता: विभिन्न प्रकार के वRead more
मध्य प्रदेश के वनों के तीन प्रकार
मध्य प्रदेश के वनों की विविधता उन्हें खास बनाती है। यहां तीन प्रमुख प्रकार के वन पाए जाते हैं:
1. साल के वन
2. मिश्रित वन
3. शुष्क पतझड़ वाले वन
इन वनों की संरचना और विविधता प्रदेश के पारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध करती है।
See lessभारत में ताँबा भंडार वाले तीन प्रमुख राज्य कौन-से हैं?
भारत में ताँबा भंडार वाले तीन प्रमुख राज्य भारत में ताँबा भंडार वाले तीन प्रमुख राज्य हैं: 1. मध्य प्रदेश उत्पादन: 46% ताँबा। प्रमुख क्षेत्र: बालघाट। 2. राजस्थान उत्पादन: 33% ताँबा। प्रमुख क्षेत्र: खेतड़ी खदान (अलवर और झुनझुनु जिलें)। 3. झारखंड उत्पादन: 21% ताँबा। प्रमुख क्षेत्र: सिंहभूम क्षेत्र। इनRead more
भारत में ताँबा भंडार वाले तीन प्रमुख राज्य
भारत में ताँबा भंडार वाले तीन प्रमुख राज्य हैं:
1. मध्य प्रदेश
2. राजस्थान
3. झारखंड
इन राज्यों में ताँबे की अच्छी मात्रा उपलब्ध है, जो देशभर में उपयोग के लिए सप्लाई की जाती है।
See lessआग्नेय चट्टानों के तीन उदाहरण दीजिए।
आग्नेय चट्टानों के उदाहरण आग्नेय चट्टानें ऐसी चट्टानें होती हैं जो ज्वालामुखी गतिविधियों से बनती हैं। इनके प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं: 1. ग्रेनाइट विशेषताएँ: हल्का रंग, कड़ा और दानेदार। उदाहरण: भवनों और स्मारकों में उपयोग किया जाता है। 2. बेसाल्ट विशेषताएँ: गहरा रंग, अधिक घना। उदाहरण: ज्वालामुखी कRead more
आग्नेय चट्टानों के उदाहरण
आग्नेय चट्टानें ऐसी चट्टानें होती हैं जो ज्वालामुखी गतिविधियों से बनती हैं। इनके प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:
1. ग्रेनाइट
2. बेसाल्ट
3. एंडेसाइट
इन चट्टानों का निर्माण तब होता है जब मैग्मा ठंडा होकर ठोस रूप धारण करता है।
See lessभूमध्यरेखीय प्रदेशों में किस प्रकार की वर्षा होती है?
भूमध्यरेखीय प्रदेशों में वर्षा प्रकार की वर्षा संवहनीय वर्षा: यह वर्षा रोजाना होती है, विशेषकर सायं में। विशेषताएँ तेज और मूसलधार: वर्षा अक्सर बहुत तेज होती है। वार्षिक औसत: तटीय और पर्वतीय क्षेत्रों में 200 से 300 सेंटीमीटर होती है। इस प्रकार की वर्षा भूमध्यरेखीय जलवायु को विशेष बनाती है।
भूमध्यरेखीय प्रदेशों में वर्षा
प्रकार की वर्षा
विशेषताएँ
इस प्रकार की वर्षा भूमध्यरेखीय जलवायु को विशेष बनाती है।
See lessजाग्रत ज्वालामुखी के तीन उदाहरण लिखिए।
जाग्रत ज्वालामुखी के उदाहरण यहाँ तीन प्रमुख जाग्रत ज्वालामुखियों के उदाहरण दिए गए हैं: 1. एटना (इटली) स्थान: सिसिली विशेषता: यह यूरोप का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। 2. स्ट्राम्बोली (इटली) स्थान: लिपारी द्वीप विशेषता: इसे "भूमध्य सागर का प्रकाश स्तम्भ" कहा जाता है। 3. सेंट हेलेंस (यूएसए) स्थान: वाशिंगRead more
जाग्रत ज्वालामुखी के उदाहरण
यहाँ तीन प्रमुख जाग्रत ज्वालामुखियों के उदाहरण दिए गए हैं:
1. एटना (इटली)
2. स्ट्राम्बोली (इटली)
3. सेंट हेलेंस (यूएसए)
ये ज्वालामुखी नियमित रूप से लावा और गैसें निकालते हैं।
See lessआल्प्स पर्वत किस महाद्वीप में स्थित है?
आल्प्स पर्वत का महाद्वीप महाद्वीप आल्प्स पर्वत मध्य यूरोप में स्थित है। विशेषताएँ यह पर्वतमाला सात देशों से होकर गुजरती है: फ़्रांस स्विट्ज़रलैंड ऑस्ट्रिया जर्मनी इटली स्लोवेनिया लichtenstein आल्प्स यूरोप का सबसे बड़ा पर्वतमाला है।
आल्प्स पर्वत का महाद्वीप
महाद्वीप
विशेषताएँ
आल्प्स यूरोप का सबसे बड़ा पर्वतमाला है।
See lessअवंती बाई की स्वाधीनता आंदोलन में क्या भूमिका थी? वर्णन कीजिए।
अवंती बाई की स्वाधीनता आंदोलन में भूमिका परिचय अवंती बाई लोधी 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख वीरांगना थीं। उनका योगदान स्वतंत्रता आंदोलन में अत्यधिक महत्वपूर्ण था। मुख्य भूमिका राजनीतिक संघर्ष: रानी अवंती बाई ने अपने राज्य रामगढ़ की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया। उन्होंRead more
अवंती बाई की स्वाधीनता आंदोलन में भूमिका
परिचय
अवंती बाई लोधी 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख वीरांगना थीं। उनका योगदान स्वतंत्रता आंदोलन में अत्यधिक महत्वपूर्ण था।
मुख्य भूमिका
निष्कर्ष
अवंती बाई की वीरता और नेतृत्व ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका साहस आज भी प्रेरणा देता है।
See less