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मध्य प्रदेश में सीमेंट उद्योग के स्थानीयकरण एवं वितरण को स्पष्ट कीजिए।
मध्य प्रदेश में सीमेंट उद्योग का स्थानीयकरण एवं वितरण मध्य प्रदेश का सीमेंट उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ सीमेंट उत्पादन का स्थानीयकरण और वितरण कुछ खास कारणों से होता है। स्थानीयकरण के कारण कच्चा माल: मध्य प्रदेश में चूना पत्थर, बलुई मिट्टी और अन्य कच्चे माल की पRead more
मध्य प्रदेश में सीमेंट उद्योग का स्थानीयकरण एवं वितरण
मध्य प्रदेश का सीमेंट उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहाँ सीमेंट उत्पादन का स्थानीयकरण और वितरण कुछ खास कारणों से होता है।
स्थानीयकरण के कारण
प्रमुख क्षेत्रों का वितरण
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में सीमेंट उद्योग का स्थानीयकरण और वितरण कच्चे माल, जलवायु और भौगोलिक विशेषताओं पर निर्भर करता है। यह उद्योग न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करता है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देता है।
See lessप्रवास क्या है? भारत में ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर प्रवास के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
प्रवास क्या है? प्रवास का अर्थ है लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना। यह आमतौर पर बेहतर जीवनस्तर, रोजगार और शिक्षा की तलाश में किया जाता है। भारत में ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर प्रवास के प्रभाव सकारात्मक प्रभाव आर्थिक अवसर: ग्रामीण लोग शहरों में बेहतर नौकरी की तलाश में जाते हैं, जिससे उनRead more
प्रवास क्या है?
प्रवास का अर्थ है लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना। यह आमतौर पर बेहतर जीवनस्तर, रोजगार और शिक्षा की तलाश में किया जाता है।
भारत में ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर प्रवास के प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव
नकारात्मक प्रभाव
निष्कर्ष
ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर प्रवास भारत की आर्थिक और सामाजिक संरचना को प्रभावित करता है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है।
See lessभारत के उत्तरी मैदान की प्रमुख भौगोलिक विशेषताओं का विवरण दीजिए।
भारत के उत्तरी मैदान की प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ भारत के उत्तरी मैदान, जिसे "गंगा-यमुना का मैदान" भी कहा जाता है, अनेक भौगोलिक विशेषताओं से संपन्न है। प्रमुख विशेषताएँ स्थान: यह मैदान हिमालय पर्वत के दक्षिण में स्थित है और भारत के उत्तर-पश्चिम से पूर्वी क्षेत्रों तक फैला हुआ है। आकार और विस्तार: यहRead more
भारत के उत्तरी मैदान की प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ
भारत के उत्तरी मैदान, जिसे “गंगा-यमुना का मैदान” भी कहा जाता है, अनेक भौगोलिक विशेषताओं से संपन्न है।
प्रमुख विशेषताएँ
निष्कर्ष
उत्तरी मैदान भारत की कृषि और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी भौगोलिक विशेषताएँ इस क्षेत्र के विकास में योगदान करती हैं।
See lessचक्रवात क्या है? उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
चक्रवात क्या है? चक्रवात एक तीव्र वायुमंडलीय तूफान है जो घूर्णन करने वाले बादलों और तेज़ हवाओं के साथ जुड़ा होता है। यह मुख्यतः समुद्र में उत्पन्न होता है और इसमें शक्तिशाली वायु धाराएँ होती हैं, जो भारी बारिश और तूफान का कारण बन सकती हैं। उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की मुख्य विशेषताएँ उत्पत्ति: ये चक्रRead more
चक्रवात क्या है?
चक्रवात एक तीव्र वायुमंडलीय तूफान है जो घूर्णन करने वाले बादलों और तेज़ हवाओं के साथ जुड़ा होता है। यह मुख्यतः समुद्र में उत्पन्न होता है और इसमें शक्तिशाली वायु धाराएँ होती हैं, जो भारी बारिश और तूफान का कारण बन सकती हैं।
उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की मुख्य विशेषताएँ
निष्कर्ष
उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों का मौसम और पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इनकी विशेषताओं को समझना, इनसे होने वाले नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है।
See lessज्वालामुखी क्या है? विश्व में ज्वालामुखियों का वितरण समझाइए।
विश्व में ज्वालामुखियों का वितरण विभाजन: ज्वालामुखी मुख्यतः टेक्टोनिक प्लेटों के सीमाओं पर पाए जाते हैं। प्रमुख क्षेत्र: पैसिफिक रिंग: यहाँ पर कई सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जैसे कि माउंट फिजी। आइसलैंड: यह ज्वालामुखी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। इंडोनेशिया: यहाँ कई सक्रिय ज्वालामुखी, जैसे कि माउंट क्रकRead more
विश्व में ज्वालामुखियों का वितरण
निष्कर्ष
ज्वालामुखी पृथ्वी की भूगर्भीय गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनका अध्ययन जलवायु और पर्यावरण पर प्रभाव डाल सकता है।
भूस्थैतिक उपग्रह की ऊँचाई एवं गति लिखिए।
भूस्थैतिक उपग्रह की ऊँचाई एवं गति ऊँचाई: लगभग 35,786 किलोमीटर। गति: लगभग 11,000 किलोमीटर प्रति घंटा। उदाहरण ये उपग्रह मौसम की जानकारी और संचार सेवाओं के लिए स्थिर रहते हैं। इस ऊँचाई पर, उपग्रह पृथ्वी के घूर्णन के साथ तालमेल रखते हैं।
भूस्थैतिक उपग्रह की ऊँचाई एवं गति
उदाहरण
ये उपग्रह मौसम की जानकारी और संचार सेवाओं के लिए स्थिर रहते हैं। इस ऊँचाई पर, उपग्रह पृथ्वी के घूर्णन के साथ तालमेल रखते हैं।
See lessसुदूर संवेदन में कितने प्रकार के प्लेटफॉर्म होते हैं?
सुदूर संवेदन में प्लेटफॉर्म के प्रकार सुदूर संवेदन में मुख्यतः तीन प्रकार के प्लेटफॉर्म होते हैं: 1. उपग्रह प्लेटफॉर्म उदाहरण: मौसम उपग्रह, जो मौसम की जानकारी प्रदान करते हैं। 2. हवाई प्लेटफॉर्म उदाहरण: ड्रोन, जो विशेष क्षेत्रों की उच्च गुणवत्ता वाली छवियाँ लेते हैं। 3. भूमि आधारित प्लेटफॉर्म उदाहरणRead more
सुदूर संवेदन में प्लेटफॉर्म के प्रकार
सुदूर संवेदन में मुख्यतः तीन प्रकार के प्लेटफॉर्म होते हैं:
1. उपग्रह प्लेटफॉर्म
2. हवाई प्लेटफॉर्म
3. भूमि आधारित प्लेटफॉर्म
इन प्लेटफार्मों का उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों में किया जाता है।
See lessएन०डी०एम०ए० क्या है?
एन०डी०एम०ए० क्या है? परिभाषा एन०डी०एम०ए० का अर्थ है राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण। उद्देश्य आपदाओं का प्रबंधन: यह प्राधिकरण आपदाओं के प्रभाव को कम करने और राहत कार्यों को संचालित करने के लिए जिम्मेदार है। नीतियों का निर्माण: आपदा प्रबंधन के लिए नीतियाँ और योजनाएँ बनाना। उदाहरण जब भूकंप या बाढ़ आतRead more
एन०डी०एम०ए० क्या है?
परिभाषा
एन०डी०एम०ए० का अर्थ है राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण।
उद्देश्य
उदाहरण
भूमिगत जल के पुनर्भरण के प्रमुख तीन स्रोत क्या हैं?
भूमिगत जल के पुनर्भरण के प्रमुख स्रोत भूजल पुनर्भरण के मुख्य तीन स्रोत हैं: 1. वर्षा जल विवरण: वर्षा का पानी सीधे भूमि में समाहित किया जाता है। 2. बंद कुएँ विवरण: पुराने और बेकार पड़े कुएँ, जहाँ बारिश का पानी जमा होता है। 3. पुनर्भरण पिट विवरण: विशेष गड्ढे जो वर्षा के पानी को एकत्र करके उसे भूमि मेंRead more
भूमिगत जल के पुनर्भरण के प्रमुख स्रोत
भूजल पुनर्भरण के मुख्य तीन स्रोत हैं:
1. वर्षा जल
2. बंद कुएँ
3. पुनर्भरण पिट
इन स्रोतों से भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।
See lessमध्य प्रदेश के दो जिलों के नाम लिखिए जहाँ पवन उर्जा की क्षमता सर्वाधिक है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख जिले पवन ऊर्जा में मध्य प्रदेश में पवन ऊर्जा की क्षमता वाले प्रमुख जिले निम्नलिखित हैं: 1. इंदौर उत्पादन क्षमता: इंदौर जिले में सबसे अधिक पवनचक्कियों की स्थापना की गई है। विशेषता: यहाँ हवा की गति अधिक होने के कारण पवन ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। 2. देवास पहली स्थापना: देवRead more
मध्य प्रदेश के प्रमुख जिले पवन ऊर्जा में
मध्य प्रदेश में पवन ऊर्जा की क्षमता वाले प्रमुख जिले निम्नलिखित हैं:
1. इंदौर
2. देवास
इन दोनों जिलों में पवन ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं, जिससे मध्य प्रदेश एक प्रमुख पवन ऊर्जा केंद्र बन सकता है।
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