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वस्तु एवं सेवा कर (GST) की प्रमुख विशेषताओं को विस्तार से बताइए। इसके लागू होने के बाद प्राप्त उपलब्धियों और सामने आई चुनौतियों का वर्णन कीजिए।(200 शब्द)
वस्तु एवं सेवा कर (GST) भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है, जिसने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न करों को एकीकृत कर दिया। यह आपूर्ति-आधारित और गंतव्य-आधारित कराधान प्रणाली है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों समान आधार पर कर लगाते हैं, जिसे क्Read more
वस्तु एवं सेवा कर (GST) भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है, जिसने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न करों को एकीकृत कर दिया। यह आपूर्ति-आधारित और गंतव्य-आधारित कराधान प्रणाली है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों समान आधार पर कर लगाते हैं, जिसे क्रमशः केंद्रीय जीएसटी (CGST) और राज्य जीएसटी (SGST) कहा जाता है। अंतर-राज्य आपूर्ति के लिए एकीकृत जीएसटी (IGST) लागू होता है।
प्रमुख उपलब्धियाँ:
सामने आई चुनौतियाँ:
सुझाव:
GST ने भारत की कर प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार लाए हैं, लेकिन इसके सफल कार्यान्वयन के लिए उपरोक्त चुनौतियों का समाधान आवश्यक है।
See lessआर्द्रभूमियों को जीवंत बनाए रखना जलवायु शमन, अनुकूलन, जैव विविधता संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इस पर चर्चा करें और यह सुनिश्चित करने के लिए भारत में कौन-कौन से उपाय उपलब्ध हैं? (200 शब्द)
आर्द्रभूमियां जलवायु शमन, अनुकूलन, जैव विविधता संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये कार्बन भंडारण, जल चक्र का संतुलन और बाढ़ नियंत्रण में मदद करती हैं। आर्द्रभूमियां जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण आवास प्रदान करती हैं और मछली पालन, कृषि और जल संसाधन के माध्यम से लाखों लोगों की आजीविकाRead more
आर्द्रभूमियां जलवायु शमन, अनुकूलन, जैव विविधता संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये कार्बन भंडारण, जल चक्र का संतुलन और बाढ़ नियंत्रण में मदद करती हैं। आर्द्रभूमियां जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण आवास प्रदान करती हैं और मछली पालन, कृषि और जल संसाधन के माध्यम से लाखों लोगों की आजीविका का स्रोत बनती हैं। साथ ही, ये पानी को शुद्ध करती हैं और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक हैं।
भारत में उपाय
निष्कर्ष
आर्द्रभूमियों का संरक्षण सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने, जलवायु संकट से निपटने और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए अनिवार्य है। भारत के प्रयास इस दिशा में सराहनीय हैं।
See lessतेल और गैस पाइपलाइन को अर्थव्यवस्था की मुख्य धारा के रूप में देखा जाता है। इस संदर्भ में, भारत में तेल और गैस पाइपलाइन की वर्तमान स्थिति पर चर्चा कीजिए। साथ ही, पाइपलाइन परिवहन के लाभ और हानियों को भी सूचीबद्ध करें। (200 शब्द)
भारत में तेल और गैस पाइपलाइनों की स्थिति भारत में तेल और गैस पाइपलाइन नेटवर्क का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में देश में 17,000 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइन नेटवर्क है, जो तेल और गैस के परिवहन को सुनिश्चित करता है। प्रमुख पाइपलाइन जैसे कि हज़ीरा-विजयपुर-जयदिशपुर (HBJ) और नाहरकटिया-बड़ौनी पाइपलाइन, देRead more
भारत में तेल और गैस पाइपलाइनों की स्थिति
भारत में तेल और गैस पाइपलाइन नेटवर्क का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में देश में 17,000 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइन नेटवर्क है, जो तेल और गैस के परिवहन को सुनिश्चित करता है। प्रमुख पाइपलाइन जैसे कि हज़ीरा-विजयपुर-जयदिशपुर (HBJ) और नाहरकटिया-बड़ौनी पाइपलाइन, देश के विभिन्न हिस्सों में ऊर्जा आपूर्ति को स्थिर रखती हैं।
पाइपलाइन परिवहन के लाभ
पाइपलाइन परिवहन की हानियाँ
भारत में पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार से ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो रही है, लेकिन इससे जुड़ी चुनौतियाँ भी बरकरार हैं।
See lessयह अनुमान लगाया गया है कि आर्कटिक 2040 की गर्मियों तक हिम-मुक्त हो सकता है। इसके महासागरों पर संभावित प्रभावों का वर्णन कीजिए और यह भी विश्लेषण कीजिए कि भारत पर इस स्थिति का क्या प्रभाव पड़ेगा। (200 शब्द)
आर्कटिक के हिम-मुक्त होने के महासागरों पर प्रभाव 2040 तक आर्कटिक के गर्मियों में बर्फ-मुक्त होने से समुद्री जीवन और जलवायु पर गहरा असर होगा: महासागरीय जलधाराएँ: बर्फ पिघलने से ताजे और खारे पानी का मिश्रण बदल जाएगा, जिससे अटलांटिक जलधारा कमजोर हो सकती है। समुद्री स्तर वृद्धि: ग्लेशियरों के पिघलने सेRead more
आर्कटिक के हिम-मुक्त होने के महासागरों पर प्रभाव
2040 तक आर्कटिक के गर्मियों में बर्फ-मुक्त होने से समुद्री जीवन और जलवायु पर गहरा असर होगा:
भारत पर प्रभाव
राष्ट्रीय आय लेखांकन के महत्व को समझाइए। किसी देश की जी.डी.पी. को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों पर चर्चा कीजिए। (200 words)
राष्ट्रीय आय लेखांकन का महत्व राष्ट्रीय आय लेखांकन किसी देश की आर्थिक गतिविधियों के मापन की विधियों का समुच्चय है, जो अर्थव्यवस्था के समग्र प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में सहायक होता है। आर्थिक नीति निर्माण: यह सरकार को आर्थिक नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में सहायता प्रदान करता है। अर्थव्यवस्थाRead more
राष्ट्रीय आय लेखांकन का महत्व
राष्ट्रीय आय लेखांकन किसी देश की आर्थिक गतिविधियों के मापन की विधियों का समुच्चय है, जो अर्थव्यवस्था के समग्र प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में सहायक होता है।
देश की जीडीपी को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
वर्तमान उदाहरण
2023 में, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रही, जिसमें उपभोग व्यय और सरकारी निवेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इन कारकों का संयोजन किसी देश की जीडीपी निर्धारित करता है, जो अर्थव्यवस्था की समग्र उत्पादन क्षमता और विकास दर का संकेतक है।
See lessप्राचीन हड़प्पा स्थापत्य कला में एक आधुनिक और शहरी सभ्यता के अस्तित्व को कैसे परिलक्षित किया जाता है? उदाहरणों के साथ इसकी चर्चा कीजिए।
प्राचीन हड़प्पा स्थापत्य कला में एक आधुनिक और शहरी सभ्यता के अस्तित्व को विभिन्न उदाहरणों से सिद्ध किया जा सकता है: शहरी योजना: हड़प्पा नगरों में सड़कों का एक सुव्यवस्थित और आयताकार ग्रिड प्रणाली थी, जो आज के आधुनिक शहरों की तरह थी। मोहेंजो-दारो और हड़प्पा में यह योजना स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।Read more
प्राचीन हड़प्पा स्थापत्य कला में एक आधुनिक और शहरी सभ्यता के अस्तित्व को विभिन्न उदाहरणों से सिद्ध किया जा सकता है:
इन विशेषताओं से यह स्पष्ट होता है कि हड़प्पा सभ्यता में जीवन के उच्चतम शहरी मानकों का पालन किया गया था, जो आज भी आधुनिक शहरी जीवन का आधार हैं।
See lessमहासागरीय जल धाराएं जलवायु नियंत्रण और पृथ्वी पर समुद्री जीवन को समर्थन देने में महत्वपूर्ण कैसे योगदान करती हैं? इस पर चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
महासागरीय जल धाराएं पृथ्वी की जलवायु नियंत्रण और समुद्री जीवन के समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये धाराएं महासागरों में गर्म और ठंडे जल के प्रवाह के माध्यम से ऊष्मा का वितरण करती हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों का तापमान नियंत्रित होता है। उदाहरणस्वरूप, गल्फ स्ट्रीम जैसी गर्म धाराएं उत्तरी यूRead more
महासागरीय जल धाराएं पृथ्वी की जलवायु नियंत्रण और समुद्री जीवन के समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये धाराएं महासागरों में गर्म और ठंडे जल के प्रवाह के माध्यम से ऊष्मा का वितरण करती हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों का तापमान नियंत्रित होता है। उदाहरणस्वरूप, गल्फ स्ट्रीम जैसी गर्म धाराएं उत्तरी यूरोप के तटीय क्षेत्रों को गर्म रखती हैं, जबकि ठंडी धाराएं उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से ठंडा जल ध्रुवीय क्षेत्रों की ओर भेजती हैं, जिससे वैश्विक जलवायु संतुलित रहती है।
समुद्री जीवन के संदर्भ में, महासागरीय धाराएं पोषक तत्वों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती हैं, जिससे समुद्री खाद्य जाल का संतुलन बना रहता है। ये धाराएं अपवेलिंग (upwelling) और डाउनवेलिंग (downwelling) प्रक्रियाओं के माध्यम से समुद्र की सतह और गहरे जल के बीच पोषक तत्वों का आदान-प्रदान करती हैं, जिससे समुद्री जीवन के लिए आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं।
इस प्रकार, महासागरीय धाराएं जलवायु नियंत्रण और समुद्री जीवन के लिए आवश्यक पोषक तत्वों के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे पृथ्वी पर जीवन का संतुलन बना रहता है।
See lessविभिन्न प्रकार की भूकंपीय तरंगों का वर्णन करते हुए, छाया क्षेत्रों के गठन का विश्लेषण कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भूकंपीय तरंगों के प्रकार भूकंप के दौरान उत्पन्न तरंगें ऊर्जा का संचार करती हैं और इन्हें दो प्रमुख प्रकारों में बांटा गया है: आंतरित तरंगें (Body Waves) P-तरंगें (Primary Waves): सबसे तेज़ तरंगें। ठोस, तरल और गैस में यात्रा कर सकती हैं। S-तरंगें (Secondary Waves): केवल ठोस माध्यम में यात्रा करती हैंRead more
भूकंपीय तरंगों के प्रकार
भूकंप के दौरान उत्पन्न तरंगें ऊर्जा का संचार करती हैं और इन्हें दो प्रमुख प्रकारों में बांटा गया है:
छाया क्षेत्रों का गठन
छाया क्षेत्र वे क्षेत्र हैं जहां भूकंपीय तरंगें नहीं पहुंचतीं:
वैज्ञानिक महत्व
छाया क्षेत्रों का अध्ययन पृथ्वी की संरचना समझने में सहायक है। हाल ही में, जापान और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने गहराई में पाई जाने वाली असमानताओं को इन तरंगों से मापा है।
निष्कर्ष
भूकंपीय तरंगों और छाया क्षेत्रों का अध्ययन पृथ्वी के आंतरिक ढांचे को जानने का सटीक माध्यम है।
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