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गरीबी की रेखा' से क्या अभिप्राय है? भारत में 'गरीकी निवारण' के लिये चालू किये गये कार्यक्रम समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2020]
गरीबी की रेखा और भारत में गरीबी निवारण कार्यक्रम गरीबी की रेखा से अभिप्राय: परिभाषा: गरीबी की रेखा (Poverty Line) एक आर्थिक मानक है, जिसे निर्धारण करने के लिए उपयोग किया जाता है कि कोई व्यक्ति या परिवार कितनी न्यूनतम आय या संसाधनों के साथ जीवन जी रहा है। यह रेखा यह तय करती है कि कौन लोग गरीबी में हैRead more
गरीबी की रेखा और भारत में गरीबी निवारण कार्यक्रम
गरीबी की रेखा से अभिप्राय:
भारत में गरीबी निवारण कार्यक्रम:
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य गरीबों के जीवन स्तर को सुधारना और सामाजिक-आर्थिक असमानता को कम करना है। इनके प्रभावी कार्यान्वयन से गरीबी में कमी और सामाजिक कल्याण में सुधार हो सकता है।
See lessभारत में गरीबी और असमानता को कम करने में प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं? (200 Words) [UPPSC 2020]
भारत में गरीबी और असमानता को कम करने में प्रमुख चुनौतियाँ आर्थिक असमानता: संबंध: भारत में अमीर और गरीब के बीच आर्थिक अंतर बढ़ रहा है, जिससे गरीबी और असमानता में वृद्धि हो रही है। 2023 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह दर्शाया गया कि शीर्ष 10% लोग राष्ट्रीय आय का बड़ा हिस्सा कमा रहे हैं, जबकि निचले 50% का हRead more
भारत में गरीबी और असमानता को कम करने में प्रमुख चुनौतियाँ
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए समन्वित प्रयासों, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक योजनाओं, और सामाजिक न्याय के सुधार की आवश्यकता है।
See lessआप एक सरकारी विभाग में सार्वजनिक जनसूचना अधिकारी (पी.आई.ओ.) हैं। आप जानते हैं कि 2005 का आर.टी.आई. अधिनियम प्रशासनिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही की परिकल्पना करता है । अधिनियम आमतौर पर कदाचित मनमाना प्रशासनिक व्यवहार एवं कार्यों पर रोक लगाने में कार्यरत है । किन्तु एक पी.आई. ओ. के स्वरूप में आपने देखा है कि कुछ ऐसे नागरिक हैं जो अपने लिए याचिका फाइल करने के बजाय दूसरे हितधारकों के लिए याचिका फाइल करते हैं और इसके द्वारा अपने स्वार्थ को आगे करते हैं। साथ-साथ ऐसे आर.टी.आई. भरने वाले कुछ लोग भी हैं जो नियमित रूप से आर.टी.आई. याचिकाएँ भरते रहते हैं और निर्णयकर्ताओं से पैसा निकलवाने का प्रयास करते हैं । इस प्रकार की आर.टी.आई. गतिविधियों ने प्रशासन के कार्यकलापों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और सम्भवतः विशुद्ध याचिकाओं को जोखिम में डाल दिया है जिनका लक्ष्य न्याय प्राप्त करना है । वास्तविक और अवास्तविक याचिकाओं को अलग करने के लिए आप क्या उपाय सुझाएँगे ? अपने सुझावों के गुणों और दोषों का वर्णन कीजिए। (250 words) [UPSC 2017]
वास्तविक और अवास्तविक आर.टी.आई. याचिकाओं को अलग करने के उपाय 1. याचिका की पहचान और सत्यापन प्रणाली: सुझाव: याचिकाओं की पहचान के लिए एक प्रणाली विकसित की जाए जिसमें याचिकाकर्ता की पहचान और उनके हित की पुष्टि की जाए। इसके तहत याचिकाकर्ता का व्यक्तिगत और संपर्क विवरण सत्यापित किया जाए। गुण: यह प्रणालीRead more
वास्तविक और अवास्तविक आर.टी.आई. याचिकाओं को अलग करने के उपाय
1. याचिका की पहचान और सत्यापन प्रणाली:
2. याचिका की ट्रैकिंग और विश्लेषण प्रणाली:
3. प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम:
4. कानूनी सुधार और दंड:
निष्कर्ष: इन उपायों के संयोजन से वास्तविक और अवास्तविक आर.टी.आई. याचिकाओं को अलग करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, प्रत्येक उपाय के अपने गुण और दोष हैं, और एक संतुलित दृष्टिकोण से प्रभावी कार्यान्वयन किया जा सकता है।
See lessEthics Case Study
Separating Genuine and Non-Genuine RTI Applications Measures to Separate Genuine and Non-Genuine Applications: Stricter Verification Process: Suggestion: Implement a verification process to ensure that RTI applications are genuinely filed by the concerned stakeholders or affected parties. This couldRead more
Separating Genuine and Non-Genuine RTI Applications
Measures to Separate Genuine and Non-Genuine Applications:
Conclusion: Implementing a combination of these measures can help in distinguishing between genuine and non-genuine RTI applications. While each measure has its advantages and limitations, a balanced approach focusing on verification, registration, training, and legal reforms can enhance the effectiveness and integrity of the RTI process.
See lessआप एक स्पेयर पार्ट कम्पनी ए के मैनेजर हैं और आपको एक बड़ी उत्पादक कम्पनी बी के मैनेजर से सौदे के लिए बातचीत करनी है । सौदा अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक है तथा आपकी कम्पनी के लिए यह सौदा प्राप्त करना बहुत महत्त्वपूर्ण है। डिनर पर सौदा किया जा रहा है । डिनर के पश्चात् उत्पादक कम्पनी बी के मैनेजर ने आपको आपके होटल अपनी गाड़ी से छोड़ने का प्रस्ताव किया । होटल जाते समय कम्पनी बी के मैनेजर से एक मोटरसाइकिल को टक्कर लग गई जिससे मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो गया। आप जानते हैं कि मैनेजर तीव्र गति से गाड़ी चला रहा था और वह गाड़ी पर नियंत्रण खो बैठा था। विधि-प्रवर्तन अधिकारी इस घटना की जाँच करने के लिए आते हैं और आप इस घटना के एकमात्र प्रत्यक्षसाक्षी हैं। सड़क दुर्घटनाओं के कड़े क़ानूनों को जानते हुए आप इस बात से अवगत हैं कि आपके इस घटना के सच्चे बयान से कम्पनी बी के मैनेजर पर अभियोग चलाया जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप सौदा होना ख़तरे में पड़ सकता है और यह सौदा आपकी कम्पनी के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। आप किस प्रकार की दुविधाओं का सामना करेंगे? इस परिस्थिति के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी ? (250 words) [UPSC 2017]
दुविधाएँ और प्रतिक्रिया दुविधाएँ: व्यक्तिगत और पेशेवर संघर्ष: सच्चाई बनाम सौदा: आपको एक ओर नैतिक जिम्मेदारी का पालन करना है, जो कि घटना की सच्चाई को सामने लाने से जुड़ी है, और दूसरी ओर सौदे को सुरक्षित रखने की पेशेवर जिम्मेदारी है। सच्चाई की रिपोर्टिंग से कम्पनी बी के मैनेजर पर अभियोग चल सकता है, जिRead more
दुविधाएँ और प्रतिक्रिया
दुविधाएँ:
प्रतिक्रिया:
इन उपायों से आप नैतिकता और पेशेवर जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाए रख सकते हैं और सामाजिक न्याय का समर्थन कर सकते हैं।
See lessEthics Case Study
Ethical Dilemmas and Response to the Situation Dilemmas Faced: Conflicting Loyalties: Personal vs. Professional: As a manager, you face a conflict between your professional duty to your company and personal integrity. Reporting the truth could lead to the prosecution of the manager from company B, jRead more
Ethical Dilemmas and Response to the Situation
Dilemmas Faced:
Response to the Situation:
By maintaining integrity and prioritizing ethical considerations, you uphold the principles of fairness and justice while also ensuring that your company adheres to high ethical standards.
See lessएक मकान जिसे तीन मंज़िल बनाने की अनुमति मिली थी, उसे अवैध रूप से निर्माणकर्ता द्वारा छः मंज़िला बनाया जा रहा था और वह ढह गया। इसके कारण कई निर्दोष मज़दूर जिनमें महिलाएँ व बच्चे भी शामिल थे, मारे गए। ये सब मज़दूर भिन्न-भिन्न स्थानों से आए हुए थे । सरकार द्वारा तुरंत मृतक परिवारों को नकद-मुआवज़ा घोषित किया गया और निर्माणकर्ता को गिरफ़्तार कर लिया गया । देश में होने वाली इस प्रकार की घटनाओं के कारण बताइए। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अपने सुझाव दीजिए । (250 words) [UPSC 2017]
भवन ढहने की घटनाओं के कारण और रोकथाम के सुझाव घटनाओं के कारण: नियमों का उल्लंघन और भ्रष्टाचार: उदाहरण: 2024 में बेंगलुरु में एक इमारत के ढहने की घटना ने अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार को उजागर किया। निर्माणकर्ता ने निर्माण अनुमतियों का उल्लंघन करके अतिरिक्त मंजिलें जोड़ दीं और अधिकारियों को रिश्वत देकरRead more
भवन ढहने की घटनाओं के कारण और रोकथाम के सुझाव
घटनाओं के कारण:
रोकथाम के सुझाव:
इन उपायों को लागू करके, भवन ढहने की घटनाओं को रोका जा सकता है और सुरक्षित निर्माण प्रथाओं को सुनिश्चित किया जा सकता है।
See lessEthics Case Study
Causes and Prevention of Building Collapses Reasons for Such Incidents: Regulatory Lapses and Corruption: Example: In 2024, a building collapse in Bengaluru resulted from illegal construction due to bribery and corruption in the permit approval process. Builders often bypass safety regulations by brRead more
Causes and Prevention of Building Collapses
Reasons for Such Incidents:
Measures to Prevent Occurrences:
By addressing these factors, the frequency of such tragic incidents can be reduced, ensuring safer working conditions and adherence to building regulations.
See lessआधुनिक भारतीय समाज में परिवार के आकार, संरचना और संबंधों की गतिशीलता को आकार देने में वैश्वीकरण के प्रभाव को उजागर कीजिए।(250 शब्दों में उत्तर दें)
वैश्वीकरण ने आधुनिक भारतीय समाज में परिवार के आकार, संरचना और संबंधों की गतिशीलता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। यह प्रभाव विभिन्न स्तरों पर देखा जा सकता है, जिसमें परिवार की संरचना, पारिवारिक संबंध, और सामाजिक आदतें शामिल हैं। परिवार के आकार और संरचना: वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप भारतीय परिवारों में पRead more
वैश्वीकरण ने आधुनिक भारतीय समाज में परिवार के आकार, संरचना और संबंधों की गतिशीलता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। यह प्रभाव विभिन्न स्तरों पर देखा जा सकता है, जिसमें परिवार की संरचना, पारिवारिक संबंध, और सामाजिक आदतें शामिल हैं।
परिवार के आकार और संरचना: वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप भारतीय परिवारों में पारंपरिक संयुक्त परिवार की बजाय न्यूक्लियर (परमाणु) परिवारों की प्रवृत्ति बढ़ी है। आर्थिक अवसरों और रोजगार के लिए लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, जिससे परिवार छोटे और अधिक स्वतंत्र बन रहे हैं। यह बदलाव परिवार की परंपरागत संरचना को चुनौती देता है और परिवारों को अधिक व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रदान करता है।
पारिवारिक संबंध: वैश्वीकरण ने पारिवारिक संबंधों में भी परिवर्तन लाया है। पश्चिमी जीवनशैली, जिसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को महत्व दिया जाता है, ने पारंपरिक भारतीय परिवारों में बदलाव किया है। पारिवारिक संरचनाओं में अधिक लचीलापन और आधुनिक दृष्टिकोण देखने को मिलते हैं। इससे संयुक्त परिवारों की परंपरा में कमी आई है और परिवार के सदस्यों के बीच रिश्ते अधिक व्यक्तिगत और स्वतंत्र हो गए हैं।
सामाजिक आदतें: वैश्वीकरण ने भी पारिवारिक सामाजिक आदतों में परिवर्तन किया है। पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव से परिवारों में आधुनिक शिक्षा, जीवनशैली, और उपभोक्तावाद का प्रचलन बढ़ा है। शादी के प्रथाओं, परिवार के भूमिकाओं और कर्तव्यों में बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जो वैश्वीकरण के प्रभाव को दर्शाते हैं।
समग्र रूप से, वैश्वीकरण ने भारतीय परिवारों में संरचनात्मक और सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित किया है, जिससे परिवार के आकार, रिश्ते, और आदतों में व्यापक परिवर्तन हुए हैं। इन बदलावों ने भारतीय समाज की पारंपरिक धारा को नई दिशा दी है, जिसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आधुनिक जीवनशैली के तत्व प्रमुख हैं।
See lessआर्थिक विकास के चालक के रूप में आर्कटिक क्षेत्र में स्थित प्राकृतिक संसाधनों की क्षमता पर चर्चा कीजिए। साथ ही, उनके दोहन के पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों पर भी विचार कीजिए।(250 शब्दों में उत्तर दें)
आर्कटिक क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की समृद्धि आर्थिक विकास के एक महत्वपूर्ण चालक के रूप में उभरी है। इस क्षेत्र में तेल, गैस, खनिज, और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की विशाल मात्रा है, जो वैश्विक ऊर्जा और खनिज आपूर्ति को बढ़ाने की संभावना प्रदान करती है। आर्कटिक के सीसामानिक क्षेत्र में विशाल तेल और गRead more
आर्कटिक क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की समृद्धि आर्थिक विकास के एक महत्वपूर्ण चालक के रूप में उभरी है। इस क्षेत्र में तेल, गैस, खनिज, और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की विशाल मात्रा है, जो वैश्विक ऊर्जा और खनिज आपूर्ति को बढ़ाने की संभावना प्रदान करती है। आर्कटिक के सीसामानिक क्षेत्र में विशाल तेल और गैस के भंडार हैं, जो ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, खनिज जैसे कि प्लेटिनम, चांदी, और तांबा, जो आर्कटिक में पाए जाते हैं, वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण हैं।
हालांकि, इन संसाधनों का दोहन पर्यावरणीय और सामाजिक दृष्टिकोण से कई चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, आर्कटिक क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिक तंत्र अत्यधिक संवेदनशील हैं। तेल और गैस के रिसाव, खनन गतिविधियों से प्रदूषण, और जलवायु परिवर्तन की गति को तेज करने के परिणामस्वरूप, आर्कटिक पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर क्षति हो सकती है। ग्लेशियरों का पिघलना, समुद्री जीवन पर असर, और स्थायी वन्य जीवों का खतरा इन प्रभावों में शामिल हैं।
सामाजिक दृष्टिकोण से, आर्कटिक संसाधनों का दोहन स्थानीय स्वदेशी समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। ये समुदाय पारंपरिक जीवनशैली पर निर्भर होते हैं, और संसाधन खनन से उनकी भूमि और सांस्कृतिक स्थल प्रभावित हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
इसलिए, आर्कटिक क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते समय, सतत विकास के सिद्धांतों और पर्यावरणीय संरक्षण को प्राथमिकता देना आवश्यक है। इसके लिए प्रभावी नियामक ढांचे, पारदर्शिता, और स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा।
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