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हिमनदों के संचलन से उत्पन्न विभिन्न अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
हिमनदों से उत्पन्न भू-आकृतियाँ हिमनदों के संचलन से अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियाँ बनती हैं, जो भूगोल और जलवायु अध्ययन में महत्वपूर्ण हैं। 1. अपरदित भू-आकृतियाँ सर्क (Cirque): अर्द्धगोलाकार घाटियाँ, जैसे हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर। यू-आकार की घाटी: हिमनदों द्वारा काटी गई चौड़ी घाटियाँ। उदाहरण: कश्Read more
हिमनदों से उत्पन्न भू-आकृतियाँ
हिमनदों के संचलन से अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियाँ बनती हैं, जो भूगोल और जलवायु अध्ययन में महत्वपूर्ण हैं।
1. अपरदित भू-आकृतियाँ
2. निक्षेपित भू-आकृतियाँ
निष्कर्ष
ग्लेशियरों का पिघलना (IPCC, 2021) इन आकृतियों को प्रभावित कर रहा है। इनके अध्ययन से जलवायु परिवर्तन का पता चलता है।
See lessविभिन्न प्रकार की भूकंपीय तरंगों का वर्णन करते हुए, छाया क्षेत्रों के गठन का विश्लेषण कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
परिचय भूकंपीय तरंगें भूकंप के दौरान ऊर्जा के संचार का माध्यम हैं। ये पृथ्वी की आंतरिक संरचना समझने में मदद करती हैं। भूकंपीय तरंगों के प्रकार आंतरित तरंगें (Body Waves): P-तरंगें (Primary Waves): सबसे तेज़, ठोस, तरल और गैस में यात्रा करती हैं। S-तरंगें (Secondary Waves): केवल ठोस में चलने वाली धीमीRead more
परिचय
भूकंपीय तरंगें भूकंप के दौरान ऊर्जा के संचार का माध्यम हैं। ये पृथ्वी की आंतरिक संरचना समझने में मदद करती हैं।
भूकंपीय तरंगों के प्रकार
सतह पर चलने वाली ये तरंगें अधिक विनाशकारी होती हैं। उदाहरण: 2023 तुर्की भूकंप।
छाया क्षेत्रों का गठन
इससे वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के कोर की स्थिति और घनत्व का पता लगाया।
निष्कर्ष
छाया क्षेत्रों का अध्ययन पृथ्वी की आंतरिक बनावट समझने का महत्वपूर्ण साधन है।
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