आपदा जोखिम न्यूनीकरण में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालिए। साथ ही, आपदाओं को कम करने में क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा प्रारंभ की गई पहलों का भी उल्लेख कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
बाढ़ प्रबंधन में पारंपरिक दृष्टिकोणों का त्याग: सद्भावनात्मक संवेदनशीलता: अब लोग जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझ रहे हैं और सहयोग कर रहे हैं। प्रौद्योगिकी समर्थन: नए और उन्नत तकनीकी समाधानों का उपयोग किया जा रहा है। वैकल्पिक दृष्टिकोण: हरित क्षेत्राधिकार: भूमि का अनुप्रयोग और वन्यजीव संरक्षण बाढ़Read more
बाढ़ प्रबंधन में पारंपरिक दृष्टिकोणों का त्याग:
- सद्भावनात्मक संवेदनशीलता: अब लोग जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझ रहे हैं और सहयोग कर रहे हैं।
- प्रौद्योगिकी समर्थन: नए और उन्नत तकनीकी समाधानों का उपयोग किया जा रहा है।
वैकल्पिक दृष्टिकोण:
- हरित क्षेत्राधिकार: भूमि का अनुप्रयोग और वन्यजीव संरक्षण बाढ़ प्रबंधन में महत्वपूर्ण है।
- जल संचयन: वर्षा का पानी संचित करने और उपयोग करने की प्रणालियों का विस्तार किया जा रहा है।
- सामुदायिक सहयोग: सामुदायिक संगठनों को बाढ़ प्रबंधन में सहयोग करने के लिए सक्षम बनाना जा रहा है।
ये दृष्टिकोण व्यवस्थित और सहयोगपूर्ण बाढ़ प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व: संयुक्त प्रयास: अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आपदा प्रबंधन में संयुक्त प्रयासों को मजबूत करता है। तकनीकी ज्ञान साझा करना: विभिन्न देशों के तकनीकी ज्ञान का साझा करना आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाता है। भारत की पहलें: साथी अब्याहता अभियान: भारत ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में "साथी अRead more
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व:
भारत की पहलें:
इन पहलों के माध्यम से भारत ने आपदा प्रबंधन में क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
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