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चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सी० पी० ई० सी०) को चीन की अपेक्षाकृत अधिक विशाल 'एक पट्टी एक सड़क' पहल के एक मूलभूत भाग के रूप में देखा जा रहा है। सी० पी० ई० सी० का एक संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत कीजिए और भारत द्वारा उससे किनारा करने के कारण गिनाइए। (150 words) [UPSC 2018]
प्रस्तावना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), चीन की 'एक पट्टी एक सड़क' पहल का एक प्रमुख घटक है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में बुनियादी ढाँचा विकसित करना और चीन को पाकिस्तान के माध्यम से पश्चिम एशिया से जोड़ना है। CPEC की प्रमुख विशेषताएँ बुनियादी ढाँचा विकास: CPEC में $60 बिलियन से अधिक का निवेश शRead more
प्रस्तावना
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), चीन की ‘एक पट्टी एक सड़क’ पहल का एक प्रमुख घटक है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान में बुनियादी ढाँचा विकसित करना और चीन को पाकिस्तान के माध्यम से पश्चिम एशिया से जोड़ना है।
CPEC की प्रमुख विशेषताएँ
भारत द्वारा किनारा करने के कारण
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, जबकि CPEC आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है, भारत की संप्रभुता, सामरिक चिंताओं और पारदर्शिता की कमी के कारण इससे किनारा करने की स्थिति स्पष्ट है।
The China-Pakistan Economic Corridor (CPEC) is viewed as a cardinal subset of China's larger 'One Belt One Road' initiative. Give a brief description of CPEC and enumerate the reasons why India has distanced itself from the same. (150 words) [UPSC 2018]
Introduction The China-Pakistan Economic Corridor (CPEC) is a flagship project under China's 'One Belt One Road' (OBOR) initiative, aimed at enhancing connectivity between China and Pakistan through infrastructure development, including roads, railways, and energy projects. Key Features of CPEC InfrRead more
Introduction
The China-Pakistan Economic Corridor (CPEC) is a flagship project under China’s ‘One Belt One Road’ (OBOR) initiative, aimed at enhancing connectivity between China and Pakistan through infrastructure development, including roads, railways, and energy projects.
Key Features of CPEC
Reasons for India’s Distance from CPEC
Conclusion
See lessIn summary, while CPEC aims to foster economic growth, India’s concerns over sovereignty, strategic implications, and transparency have led to its distancing from this initiative.
सिक्किम भारत में प्रथम 'जैविक राज्य' है। जैविक राज्य के पारिस्थितिक एवं आर्थिक लाभ क्या-क्या होते हैं? (150 words) [UPSC 2018]
प्रस्तावना सिक्किम, जिसे भारत का पहला 'जैविक राज्य' माना जाता है, ने जैविक खेती को अपनाकर पारिस्थितिक और आर्थिक स्थिरता को बढ़ाया है। पारिस्थितिक लाभ जैव विविधता का संरक्षण: जैविक खेती प्रथाएँ जैव विविधता को बढ़ावा देती हैं, जिससे स्थानीय पौधों और जीवों की प्रजातियाँ सुरक्षित रहती हैं। सिक्किम की विRead more
प्रस्तावना
सिक्किम, जिसे भारत का पहला ‘जैविक राज्य’ माना जाता है, ने जैविक खेती को अपनाकर पारिस्थितिक और आर्थिक स्थिरता को बढ़ाया है।
पारिस्थितिक लाभ
आर्थिक लाभ
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, सिक्किम की जैविक खेती न केवल पारिस्थितिक लाभ प्रदान करती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाती है, जिससे यह भारत में सतत विकास का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनता है।
Sikkim is the first 'Organic State' in India. What are the ecological and economical benefits of Organic State? (150 words) [UPSC 2018]
Introduction Sikkim, recognized as India's first 'Organic State', has embraced organic farming to enhance both ecological and economic sustainability. Ecological Benefits Biodiversity Conservation: Organic farming practices promote biodiversity, preserving native plant and animal species. Sikkim's dRead more
Introduction
Sikkim, recognized as India’s first ‘Organic State’, has embraced organic farming to enhance both ecological and economic sustainability.
Ecological Benefits
Economic Benefits
Conclusion
See lessIn summary, Sikkim’s commitment to organic farming yields significant ecological advantages while boosting local economies, making it a model for sustainable development in India.
फलों, सब्ज़ियों और खाद्य पदार्थों के आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में सुपरबाज़ारों की भूमिका की जाँच कीजिए। वे बिचौलियों की संख्या को किस प्रकार खत्म कर देते हैं? (150 words) [UPSC 2018]
प्रस्तावना सुपरबाज़ारों का आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान है, विशेषकर फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के मामले में। सुपरबाज़ारों की भूमिका प्रत्यक्ष सोर्सिंग: सुपरबाज़ार अक्सर किसानों से प्रत्यक्ष सोर्सिंग करते हैं, जिससे बिचौलियों की संख्या कम होती है। उदाहरण के लिए, BigBasket ने कRead more
प्रस्तावना
सुपरबाज़ारों का आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान है, विशेषकर फलों, सब्जियों और खाद्य पदार्थों के मामले में।
सुपरबाज़ारों की भूमिका
बिचौलियों की संख्या में कमी
प्रत्यक्ष संबंधों और तकनीकी उपयोग के माध्यम से, सुपरबाज़ार बिचौलियों की संख्या को कम करते हैं, जो उपभोक्ताओं के लिए कम लागत और किसानों के लिए अधिक लाभ सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
See lessइस प्रकार, सुपरबाज़ार आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता बढ़ाते हैं, जिससे दोनों पक्षों को लाभ होता है और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
Examine the role of supermarkets in supply chain management of fruits, vegetables and food items. How do they eliminate number of intermediaries? (150 words) [UPSC 2018]
Introduction Supermarkets play a crucial role in the supply chain management of fruits, vegetables, and food items by streamlining processes and reducing costs. Role of Supermarkets Direct Sourcing: Supermarkets often engage in direct sourcing from farmers, minimizing the number of intermediaries. FRead more
Introduction
Supermarkets play a crucial role in the supply chain management of fruits, vegetables, and food items by streamlining processes and reducing costs.
Role of Supermarkets
Elimination of Intermediaries
By establishing direct relationships with producers and leveraging technology, supermarkets significantly reduce the number of intermediaries, leading to lower costs for consumers and higher margins for farmers.
Conclusion
See lessIn summary, supermarkets enhance efficiency in the supply chain, benefiting both producers and consumers while ensuring quality and freshness in food items.
Distinguish between Capital Budget and Revenue Budget. Explain the components of both these Budgets. (150 words) [UPSC 2021]
Capital Budget और Revenue Budget के बीच अंतर **1. मुख्य अंतर: Capital Budget: यह बजट दीर्घकालिक निवेश और पूंजीगत खर्चों को दर्शाता है, जैसे कि विकास परियोजनाएँ, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अस्थायी संपत्तियों की खरीद। इसका उद्देश्य स्थायी संपत्ति का निर्माण और मौजूदा संपत्तियों का नवीनीकरण है। Revenue BudgetRead more
Capital Budget और Revenue Budget के बीच अंतर
**1. मुख्य अंतर:
**2. Capital Budget के घटक:
**3. Revenue Budget के घटक:
उदाहरण: वित्तीय वर्ष 2021-22 में, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन योजना के तहत सड़क निर्माण और आवास परियोजनाएँ Capital Budget का हिस्सा थीं, जबकि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए खर्च Revenue Budget में शामिल थे।
निष्कर्ष: Capital Budget दीर्घकालिक निवेश और स्थायी विकास को फंड करता है, जबकि Revenue Budget रोजमर्रा के खर्चों और सेवाओं के लिए आवंटित होता है। दोनों बजट सरकार की वित्तीय योजनाओं और प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं।
See lessभारत की सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के वर्ष 2015 के पूर्व तथा वर्ष 2015 के पश्चात् परिकलन विधि में अन्तर की व्याख्या कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) गणना में 2015 के पूर्व और 2015 के पश्चात् का अंतर **1. 2015 के पूर्व की विधि: पुराना आधार वर्ष: GDP की गणना के लिए 2004-05 को आधार वर्ष के रूप में अपनाया गया था, जो कि अब पुराना हो चुका था। सर्वेक्षण आधारित डेटा: औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और कृषि डेटा जैसे मुख्य सRead more
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) गणना में 2015 के पूर्व और 2015 के पश्चात् का अंतर
**1. 2015 के पूर्व की विधि:
**2. 2015 के पश्चात की विधि:
उदाहरण: GST के लागू होने के बाद, व्यापार और सेवा डेटा का डिजिटल संग्रहण GDP गणना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे विवादों और त्रुटियों की संभावना कम हो गई है।
निष्कर्ष: 2015 के बाद की गणना विधि ने GDP के आकलन को अद्यतन किया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को अधिक सटीक रूप से दर्शाया जा सकता है।
See lessExplain the difference between the computing methodology of India’s Gross Domestic Product (GDP) before the year 2015 and after the year 2015. (150 words) [UPSC 2021]
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की गणना विधि में 2015 के पहले और बाद का अंतर **1. 2015 के पहले की गणना विधि: पुराना आधार वर्ष: GDP की गणना के लिए भारत 2004-05 को आधार वर्ष मानता था। इस आधार पर डेटा संकलित कर मौजूदा मूल्य निर्धारण किया जाता था। सर्वेक्षण आधारित डेटा: GDP की गणना के लिए बड़े पैमाने परRead more
भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की गणना विधि में 2015 के पहले और बाद का अंतर
**1. 2015 के पहले की गणना विधि:
**2. 2015 के बाद की गणना विधि:
उदाहरण: 2015 से पहले GDP वृद्धि दर की गणना में अधिक त्रुटियाँ और डेटा की अपूर्णता की समस्या थी। नए आधार वर्ष के साथ, GST और डिजिटल लेनदेन के डेटा का उपयोग कर GDP की गणना अधिक सटीक और अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को दर्शाने लगी है।
निष्कर्ष: 2015 के बाद की गणना विधि ने GDP की गणना को अद्यतन और सटीक बनाया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति का बेहतर आकलन संभव हो सका है।
See lessनक्सलवाद एक सामाजिक, आर्थिक और विकासात्मक मुद्दा है जो एक हिंसक आन्तरिक सुरक्षा ख़तरे के रूप में प्रकट होता है। इस संदर्भ में उभरते हुए मुद्दों की चर्चा कीजिए और नक्सलवाद के ख़तरे से निपटने की बहुस्तरीय रणनीति का सुझाव दीजिए। (250 words) [UPSC 2022]
नक्सलवाद: उभरते मुद्दे और बहुस्तरीय रणनीति **1. उभरते मुद्दे: सामाजिक असंतोष: नक्सलवाद मुख्यतः आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में गहराते सामाजिक असंतोष से उभरता है। छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे क्षेत्रों में भ्रष्टाचार, सामाजिक विषमताएँ और शासन की कमी इस समस्या को बढ़ावा देती हैं। उदाहरण के लिए, छत्तीसगढ़Read more
नक्सलवाद: उभरते मुद्दे और बहुस्तरीय रणनीति
**1. उभरते मुद्दे:
**2. नक्सलवाद से निपटने के लिए बहुस्तरीय रणनीति:
निष्कर्ष: नक्सलवाद एक जटिल सामाजिक, आर्थिक, और विकासात्मक मुद्दा है जो एक हिंसात्मक आंतरिक सुरक्षा खतरा उत्पन्न करता है। इसे प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति की आवश्यकता है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक विकास, सुरक्षा उपाय, मानवाधिकार सम्मान, और जन जागरूकता शामिल होनी चाहिए। इस प्रकार की रणनीति नक्सलवाद के प्रभाव को कम कर सकती है और स्थिरता सुनिश्चित कर सकती है।
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