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भारत में जंगल की आग की बढ़ती आवृत्ति में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों पर चर्चा करें और पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर उनके प्रभाव को कम करने के उपाय सुझाएं। (200 शब्द)
भारत में जंगल की आग की बढ़ती आवृत्ति के प्रमुख कारणों में जलवायु परिवर्तन, मानव गतिविधियाँ, और वन प्रबंधन की कमी शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते उच्च तापमान और सूखे के कारण आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में 84% जंगल की आग मानव गतिविधियों के कारण होती है। इन आग के पर्यावरणRead more
भारत में जंगल की आग की बढ़ती आवृत्ति के प्रमुख कारणों में जलवायु परिवर्तन, मानव गतिविधियाँ, और वन प्रबंधन की कमी शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन के चलते उच्च तापमान और सूखे के कारण आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में 84% जंगल की आग मानव गतिविधियों के कारण होती है।
इन आग के पर्यावरणीय प्रभावों में वायु गुणवत्ता का खराब होना और वन्यजीवों का आवास नष्ट होना शामिल है। आर्थिक दृष्टिकोण से, आग से संपत्ति का नुकसान और स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ती हैं।
इन प्रभावों को कम करने के लिए, सक्रिय वन प्रबंधन, जैसे कि नियंत्रित जलन और आक्रमणकारी प्रजातियों को नियंत्रित करना आवश्यक है। साथ ही, समुदायों में जागरूकता बढ़ाना और सुरक्षित आग प्रबंधन उपायों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है।
See lessदेश में बदलते सामाजिक परिपेक्ष्य को देखते हुए, यह तर्क किया जा सकता है कि युवाओं के लिए मूल्यों की शिक्षा, तकनीकी शिक्षा के समान, न केवल एक कुशल पेशेवर बनने के लिए बल्कि नैतिक रूप से मजबूत व्यक्तित्व निर्माण के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। इस पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
बदलते सामाजिक परिप्रेक्ष्य में, युवाओं के लिए मूल्यों की शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा उन्हें एक कुशल पेशेवर बनाने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, 2005 की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) ने समावेशी शिक्षा पर जोर दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा मेंRead more
बदलते सामाजिक परिप्रेक्ष्य में, युवाओं के लिए मूल्यों की शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा उन्हें एक कुशल पेशेवर बनाने के लिए आवश्यक है। उदाहरण के लिए, 2005 की राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) ने समावेशी शिक्षा पर जोर दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा में सभी छात्रों की विविधताओं को समझना और सम्मान करना जरूरी है।
शोध से पता चलता है कि शिक्षकों के सकारात्मक रवैये से कमजोर समुदायों के बच्चों की भागीदारी और उपलब्धि बढ़ सकती है। इसके अलावा, शिक्षा का अधिकार कानून (2009) सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करता है, जिससे वे सामाजिक असमानताओं को पार कर सकें।
इस प्रकार, मूल्यों की शिक्षा युवाओं को न केवल सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाती है, बल्कि उन्हें एक नैतिक और संवेदनशील नागरिक भी बनाती है।
See less“भारत की हरित अर्थव्यवस्था और तकनीकी प्रगति में परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण खनिज आवश्यक हैं।” भारत में महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा करें और उनकी टिकाऊ और रणनीतिक उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय सुझाएं। (200 शब्द)
भारत की हरित अर्थव्यवस्था और तकनीकी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण खनिज जैसे लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी तत्व आवश्यक हैं। वर्तमान में, भारत 60% से अधिक दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के लिए चीन पर निर्भर है, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में जोखिम बढ़ता है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, भारत को एक केंद्रीकृत रRead more
भारत की हरित अर्थव्यवस्था और तकनीकी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण खनिज जैसे लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी तत्व आवश्यक हैं। वर्तमान में, भारत 60% से अधिक दुर्लभ पृथ्वी खनिजों के लिए चीन पर निर्भर है, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में जोखिम बढ़ता है।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, भारत को एक केंद्रीकृत राष्ट्रीय प्राधिकरण स्थापित करना चाहिए जो खनन और प्रसंस्करण को संभाले। इसके अलावा, सरकार को अन्वेषण और प्रसंस्करण के लिए अग्रिम वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने चाहिए, जैसे सब्सिडी और कर छूट।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देकर, भारत को विदेशी विशेषज्ञता और निवेश को आकर्षित करना चाहिए। इसके अलावा, रिसाइक्लिंग तकनीकों में निवेश से ई-कचरे से महत्वपूर्ण खनिज प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस तरह के उपाय भारत को अपने खनिज संसाधनों के लिए आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
See lessकपि-26 शिखर सम्मेलन के अनुसार, भारत तक 'नेट जीरो' कार्बन उत्सर्जर का लक्ष्य प्राप्त करेगा?
कपि-26 शिखर सम्मेलन में भारत का 'नेट जीरो' लक्ष्य लक्ष्य की घोषणा नेट जीरो का लक्ष्य: भारत ने कपि-26 शिखर सम्मेलन में 2070 तक 'नेट जीरो' कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रमुख बिंदु नवीकरणीय ऊर्जा: भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापना करेगा। ऊर्जा दक्षता: ऊर्जा की खपत मेंRead more
कपि-26 शिखर सम्मेलन में भारत का ‘नेट जीरो’ लक्ष्य
लक्ष्य की घोषणा
प्रमुख बिंदु
उदाहरण
इस तरह, भारत का लक्ष्य जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
See lessएल्ट्रोपी को विस्तार से परिभाषित करें।
एल्ट्रोपी की परिभाषा क्या है एल्ट्रोपी? एल्ट्रोपी: यह एक भौतिकी का सिद्धांत है जो ऊर्जा के अनुपात और अस्थिरता को मापता है। इसे अक्सर अराजकता या अव्यवस्था के माप के रूप में समझा जाता है। मुख्य बिंदु ऊर्जा का प्रवाह: जब कोई प्रक्रिया होती है, जैसे कि गर्म पानी का ठंडा होना, ऊर्जा का प्रवाह होता है औरRead more
एल्ट्रोपी की परिभाषा
क्या है एल्ट्रोपी?
मुख्य बिंदु
उदाहरण
इस प्रकार, एल्ट्रोपी का सिद्धांत ऊर्जा के वितरण और भौतिक प्रक्रियाओं की दिशा को समझने में सहायक है।
See lessपवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के समय पवन की प्रकृति को प्रभावित करने बाले कारक क्या है ?
पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में पवन की प्रकृति को प्रभावित करने वाले कारक 1. स्थान का चयन ऊँचाई: ऊँचे स्थानों पर पवन की गति अधिक होती है। उदाहरण: पहाड़ी क्षेत्रों में पवन टर्बाइन अधिक प्रभावी होते हैं। 2. मौसम के परिवर्तन मौसमी प्रभाव: वर्षा, तूफान और गर्मी का पवन पर प्रभाव पड़ता है। उदाहरण: मानसूनRead more
पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में पवन की प्रकृति को प्रभावित करने वाले कारक
1. स्थान का चयन
2. मौसम के परिवर्तन
3. भौगोलिक स्थिति
4. मानव निर्माण
इन कारकों का ध्यान रखते हुए, पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की जाती है ताकि अधिकतम ऊर्जा प्राप्त की जा सके।
See lessभारत के "परिवार नियोजन" कार्यक्रम की संक्षिप्त व्याख्या करें।
भारत के "परिवार नियोजन" कार्यक्रम की संक्षिप्त व्याख्या परिचय भारत का परिवार नियोजन कार्यक्रम एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना और परिवारों को स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सक्षम बनाना है। मुख्य उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण: संतुलित जनसंख्या वृद्धि के लिए उपाय। स्वास्थ्य सRead more
भारत के “परिवार नियोजन” कार्यक्रम की संक्षिप्त व्याख्या
परिचय
भारत का परिवार नियोजन कार्यक्रम एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना और परिवारों को स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सक्षम बनाना है।
मुख्य उद्देश्य
लाभ
उपाय
भारत का यह कार्यक्रम लोगों को स्वस्थ जीवन जीने और अपने परिवार का सही आकार चुनने में मदद करता है।
See less"डिजी लॉकर" उपयोग करने से नागरिकों को क्या लाभ हैं?
"डिजी लॉकर" के लाभ डिजी लॉकर एक डिजिटल प्लेटफार्म है, जो नागरिकों को अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित रखने और प्रबंधित करने में मदद करता है। लाभ सुरक्षा: सभी दस्तावेज़ सुरक्षित रहते हैं, जिससे चोरी या खोने का डर नहीं होता। सुविधा: नागरिक कहीं भी और कभी भी अपने दस्तावेज़ एक्सेस कर सकते हैं। जैसे, आधRead more
“डिजी लॉकर” के लाभ
डिजी लॉकर एक डिजिटल प्लेटफार्म है, जो नागरिकों को अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज सुरक्षित रखने और प्रबंधित करने में मदद करता है।
लाभ
डिजी लॉकर से नागरिकों का जीवन सरल और सुविधाजनक बनता है।
See lessअपदलनी कायांतरण क्या है ?
अपदलनी कायांतरण क्या है? अपदलनी कायांतरण एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें एक जीव के शरीर की कोशिकाएं और संरचना परिवर्तित होती हैं। यह मुख्य रूप से विकास या स्वास्थ्य संबंधी बदलावों के दौरान होता है। मुख्य बिंदु: परिवर्तन का कारण: जैसे कि वंशानुगत गुण, पर्यावरणीय प्रभाव। उदाहरण: कीटों में लार्वा से वयस्कRead more
अपदलनी कायांतरण क्या है?
अपदलनी कायांतरण एक जैविक प्रक्रिया है जिसमें एक जीव के शरीर की कोशिकाएं और संरचना परिवर्तित होती हैं। यह मुख्य रूप से विकास या स्वास्थ्य संबंधी बदलावों के दौरान होता है।
मुख्य बिंदु:
यह प्रक्रिया जीवों की अनुकूलन क्षमता को बढ़ाती है और उनके जीवन चक्र का हिस्सा होती है।
See lessतेलीय जाल को परिभाषित कीजिए।
तेलीय जाल क्या है? तेलीय जाल एक भौगोलिक संरचना है, जिसमें तेल और गैस का संचय होता है। यह सामान्यतः चट्टानों के भीतर मौजूद होते हैं और उनका उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है। मुख्य विशेषताएँ तेल का भंडार: तेलीय जालों में बहुत सारा तेल और गैस होती है। संरचना: ये आमतौर पर ढलान वाली चट्टानों मेंRead more
तेलीय जाल क्या है?
तेलीय जाल एक भौगोलिक संरचना है, जिसमें तेल और गैस का संचय होता है। यह सामान्यतः चट्टानों के भीतर मौजूद होते हैं और उनका उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है।
मुख्य विशेषताएँ
तेलीय जाल प्राकृतिक संसाधनों का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जिसका उपयोग ऊर्जा उत्पादन में किया जाता है।
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