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भारत के आर्थिक रूपांतरण में निर्यात-आधारित विकास मॉडल के महत्व पर चर्चा करें। सतत आर्थिक विकास हासिल करने के लिए इस मॉडल को अपनाने में भारत के लिए प्रमुख चुनौतियाँ और अवसर क्या हैं?” (200 शब्द)
निर्यात-आधारित विकास मॉडल का महत्व निर्यात-आधारित विकास मॉडल (ELG) भारत के आर्थिक विकास में एक प्रमुख स्तंभ रहा है। 2022-23 में भारत का वस्त्र और सेवा निर्यात $770 बिलियन तक पहुंचा, जो GDP और रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है। यह मॉडल औद्योगीकरण, विदेशी निवेश और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भागीRead more
निर्यात-आधारित विकास मॉडल का महत्व
निर्यात-आधारित विकास मॉडल (ELG) भारत के आर्थिक विकास में एक प्रमुख स्तंभ रहा है। 2022-23 में भारत का वस्त्र और सेवा निर्यात $770 बिलियन तक पहुंचा, जो GDP और रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है। यह मॉडल औद्योगीकरण, विदेशी निवेश और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भागीदारी को बढ़ाता है।
चुनौतियाँ
अवसर
निष्कर्ष
See lessनिर्यात-आधारित विकास मॉडल सतत और समावेशी आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। चुनौतियों से निपटने और अवसरों का लाभ उठाने से भारत वैश्विक शक्ति बन सकता है।
विश्व में अर्धचालक की गंभीर कमी के दौर में भारत के लिए इस क्षेत्र में प्रगति करने का एक महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न हुआ है। इस संदर्भ में, भारत में चिप डिजाइन उद्योग को किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, इस पर चर्चा कीजिए और इस क्षेत्र में सुधार हेतु संभावित कदमों का उल्लेख कीजिए। (200 शब्द)
विश्व में अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) की गंभीर कमी के इस दौर में, भारत के लिए इस क्षेत्र में प्रगति करने का एक महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न हुआ है। हालांकि, भारतीय चिप डिज़ाइन उद्योग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है: मुख्य चुनौतियाँ: उच्च निवेश लागत: सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र स्थापित करना अत्यधिकRead more
विश्व में अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) की गंभीर कमी के इस दौर में, भारत के लिए इस क्षेत्र में प्रगति करने का एक महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न हुआ है। हालांकि, भारतीय चिप डिज़ाइन उद्योग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है:
मुख्य चुनौतियाँ:
सुधार हेतु संभावित कदम:
इन उपायों के माध्यम से, भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकता है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
See lessभारत में प्रवासी श्रमिकों के सामने सामाजिक सुरक्षा लाभों और समान कार्य स्थितियों तक पहुँच के संबंध में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करें। समावेशी विकास के लिए भारत की आकांक्षा के संदर्भ में उनके कल्याण को बढ़ाने के लिए क्या उपाय लागू किए जा सकते हैं? (200 शब्द)
प्रवासी श्रमिकों के सामने चुनौतियाँ सामाजिक सुरक्षा की कमी: प्रवासी श्रमिकों का 90% असंगठित क्षेत्र में काम करता है। इन श्रमिकों को श्रम कानूनों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं मिलता। कार्यस्थल पर असमानता: लंबे कार्य घंटे, कम वेतन, और असुरक्षित कार्य स्थितियाँ उनकी प्रमुख समस्याएँ हैं। कोविड-Read more
प्रवासी श्रमिकों के सामने चुनौतियाँ
कल्याण के लिए उपाय
निष्कर्ष
See lessसमावेशी विकास के लिए प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों और सुरक्षा में सुधार आवश्यक है। यह भारत की विकास यात्रा को गति देगा।
“भारत के नवीकरणीय ऊर्जा की ओर संक्रमण में प्रमुख चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करें, भंडारण और ग्रिड बुनियादी ढांचे की सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करें। एक टिकाऊ और न्यायसंगत ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित करने के उपाय सुझाएँ।”
भारत का नवीकरणीय ऊर्जा की ओर संक्रमण वैश्विक ऊर्जा बदलाव में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियाँ और अवसर भी जुड़े हुए हैं। प्रमुख चुनौतियाँ भंडारण की कमी: नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर और पवन ऊर्जा के उत्पादन में अस्थिरता होती है। ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के बीच असमानता को नियंत्रित करने केRead more
भारत का नवीकरणीय ऊर्जा की ओर संक्रमण वैश्विक ऊर्जा बदलाव में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके साथ कई चुनौतियाँ और अवसर भी जुड़े हुए हैं।
प्रमुख चुनौतियाँ
अवसर
उपाय
सार्वजनिक ऋण से आपकी क्या समझ है? उच्च सार्वजनिक ऋण को क्यों चिंता का कारण माना जाता है? कृपया भारत के संदर्भ में इसे विस्तार से समझाइए। (200 words)
सार्वजनिक ऋण की समझ सार्वजनिक ऋण वह राशि है, जो सरकारें अपने खर्चों और विकासात्मक परियोजनाओं के लिए उधार लेती हैं। यह आंतरिक (देश के भीतर) और बाह्य (विदेशी स्रोतों से) दोनों प्रकार का हो सकता है। उच्च सार्वजनिक ऋण: चिंता के कारण ब्याज भुगतान का बढ़ता बोझ: उच्च ऋण के साथ, सरकार को ब्याज भुगतान में अधRead more
सार्वजनिक ऋण की समझ
सार्वजनिक ऋण वह राशि है, जो सरकारें अपने खर्चों और विकासात्मक परियोजनाओं के लिए उधार लेती हैं। यह आंतरिक (देश के भीतर) और बाह्य (विदेशी स्रोतों से) दोनों प्रकार का हो सकता है।
उच्च सार्वजनिक ऋण: चिंता के कारण
भारत के संदर्भ में
निष्कर्ष
भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने सार्वजनिक ऋण को नियंत्रित रखते हुए राजकोषीय अनुशासन बनाए रखे, ताकि आर्थिक विकास सुगम हो और वित्तीय स्थिरता बनी रहे।
See less1917 की रूसी क्रांति को प्रेरित करने वाले कारक कौन-से थे और इसके परिणामों की विस्तार से चर्चा कीजिए?(उत्तर 200 शब्दों में दें)
1917 की रूसी क्रांति के प्रमुख कारण और परिणाम निम्नलिखित थे: प्रमुख कारण: निरंकुश राजतंत्र और स्वेच्छाचारी शासन: ज़ार निकोलस II का निरंकुश शासन और भ्रष्ट नौकरशाही ने जनता में असंतोष बढ़ाया। सामाजिक-आर्थिक विषमता: किसानों और मज़दूरों की दयनीय स्थिति, जबकि भूमि का अधिकांश हिस्सा सामंतों और चर्च के पासRead more
1917 की रूसी क्रांति के प्रमुख कारण और परिणाम निम्नलिखित थे:
प्रमुख कारण:
परिणाम:
इन परिवर्तनों ने रूस को एक समाजवादी राज्य में परिवर्तित किया, जिसका वैश्विक राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा।
See lessआप द्वीपसमूह से क्या समझते हैं? इनके निर्माण में योगदान करने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं को उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दें)
द्वीपसमूह की परिभाषा द्वीपसमूह कई द्वीपों का समूह होता है, जो समुद्र या किसी जलधारा में स्थित होते हैं। द्वीपों के निर्माण में प्रक्रियाएँ विवर्तनिक गतिविधियाँ: इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे द्वीपसमूहों में टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव से द्वीपों का निर्माण हुआ है। उदाहरण के तौर पर, प्रशांत और इंडो-ऑस्टRead more
द्वीपसमूह की परिभाषा
द्वीपसमूह कई द्वीपों का समूह होता है, जो समुद्र या किसी जलधारा में स्थित होते हैं।
द्वीपों के निर्माण में प्रक्रियाएँ
इन प्रक्रियाओं का संयोजन द्वीपसमूहों का निर्माण करता है, जैसा कि इंडोनेशिया और फिलीपींस में देखा जाता है।
See lessभारतीय संदर्भ में रासायनिक आपदा को स्पष्ट करते हुए, इसके कारण उत्पन्न समस्याओं का वर्णन करें। साथ ही, ऐसी आपदाओं के शमन में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालें और इन चुनौतियों के समाधान के उपायों पर चर्चा करें। (200 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में रासायनिक आपदाएँ उन घटनाओं को संदर्भित करती हैं, जिनमें खतरनाक रसायनों का अनियंत्रित उत्सर्जन मानव जीवन, पर्यावरण और संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुँचाता है। रासायनिक आपदाओं के कारण उत्पन्न समस्याएँ: स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: विषाक्त रसायनों के संपर्क से श्वसन संबंधी समस्याएँ, आँखों में जलन, उलRead more
भारत में रासायनिक आपदाएँ उन घटनाओं को संदर्भित करती हैं, जिनमें खतरनाक रसायनों का अनियंत्रित उत्सर्जन मानव जीवन, पर्यावरण और संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुँचाता है।
रासायनिक आपदाओं के कारण उत्पन्न समस्याएँ:
शमन में आने वाली चुनौतियाँ:
चुनौतियों के समाधान के उपाय:
इन उपायों के माध्यम से रासायनिक आपदाओं के जोखिम को कम किया जा सकता है और उनके प्रभावी प्रबंधन में सहायता मिल सकती है।
See lessभारत के निचले इलाकों में आकस्मिक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) का विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। भारत में बार-बार होने वाली आकस्मिक बाढ़ के कारणों की विवेचना कीजिए और साथ ही उनके प्रभावों पर भी प्रकाश डालिए। (200 शब्दों में उत्तर दें)
आकस्मिक बाढ़ के कारण भारत में आकस्मिक बाढ़ के कई कारण हैं: भारी वर्षा: मानसून में तीव्र बारिश से नदियाँ ओवरफ्लो होती हैं। मानव निर्मित कारक: तटबंधों, नहरों और निर्माण कार्यों से प्राकृतिक जलप्रवाह अवरुद्ध होते हैं। वृक्षों की अन्धाधुंध कटाई: इससे मिट्टी का कटाव और जल अवशोषण क्षमता में कमी आती है। प्Read more
आकस्मिक बाढ़ के कारण
भारत में आकस्मिक बाढ़ के कई कारण हैं:
प्रभाव
समाधान
हिमनदों के संचलन से उत्पन्न विभिन्न अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
हिमनदों से उत्पन्न अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियाँ हिमनदों का संचलन पृथ्वी की सतह को गहराई तक प्रभावित करता है, जिससे विभिन्न अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियाँ बनती हैं। हिमालय में ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने (UNEP 2022 रिपोर्ट) के कारण इन आकृतियों का अध्ययन आज और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। 1. अपरदितRead more
हिमनदों से उत्पन्न अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियाँ
हिमनदों का संचलन पृथ्वी की सतह को गहराई तक प्रभावित करता है, जिससे विभिन्न अपरदित और निक्षेपित भू-आकृतियाँ बनती हैं। हिमालय में ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने (UNEP 2022 रिपोर्ट) के कारण इन आकृतियों का अध्ययन आज और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
1. अपरदित भू-आकृतियाँ
2. निक्षेपित भू-आकृतियाँ
वर्तमान परिप्रेक्ष्य
ग्लेशियरों का पिघलना बढ़ रहा है। IPCC रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में हिमनद 30% तेजी से पिघल रहे हैं। भारत में गंगोत्री ग्लेशियर हर साल लगभग 22 मीटर सिकुड़ रहा है। इन आकृतियों का अध्ययन जलवायु परिवर्तन को समझने में सहायक है।
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