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नीतिशास्त्र केस स्टडी
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संजीव के आचरण को आदर्शवादी दृष्टिकोण से देखना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह स्थिति जटिल नैतिक प्रश्न उठाती है। संजीव का विश्वास है कि “सत्य सर्वश्रेष्ठ सद्गुण है” और वह किसी भी परिस्थिति में सत्य से समझौता नहीं करना चाहता। उसने सही रूप में बताकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी पूरी की। लेकिन, उसकी सच्चाई की घोषणा ने हिंसात्मक परिणाम उत्पन्न किए, जिसमें व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं।
इस संदर्भ में, संजीव का आचरण सत्यवादी था, लेकिन यह आवश्यक है कि सत्य की घोषणा के साथ-साथ उसके संभावित परिणामों पर भी विचार किया जाए। सामाजिक संदर्भ और परिस्थितियों की जाँच की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सत्य का खुलासा किसी की जान को खतरे में न डाले। संजीव की स्थिति में, यह महत्वपूर्ण था कि वह जानकारी देने के साथ-साथ भीड़ को हिंसा से रोकने के उपाय भी करता।
इस प्रकार, आदर्शवाद का पालन करते हुए भी, संजीव को नैतिक जिम्मेदारी का संतुलन बनाए रखना चाहिए था। सत्य का मूल्यांकन करते समय सामाजिक सुरक्षा और हिंसा के संभावित खतरे पर भी ध्यान देना आवश्यक है।
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सामाजिक प्रभाव का तात्पर्य समाज के विभिन्न समूहों, व्यक्तियों या सांस्कृतिक मान्यताओं द्वारा किसी के विचार, व्यवहार और निर्णयों पर पड़ने वाले प्रभाव से है। यह प्रभाव कई रूपों में हो सकता है, जैसे कि परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों या समाज के अन्य तत्वों के माध्यम से। सामाजिक प्रभाव और अनुनय (persuasion)Read more
सामाजिक प्रभाव का तात्पर्य समाज के विभिन्न समूहों, व्यक्तियों या सांस्कृतिक मान्यताओं द्वारा किसी के विचार, व्यवहार और निर्णयों पर पड़ने वाले प्रभाव से है। यह प्रभाव कई रूपों में हो सकता है, जैसे कि परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों या समाज के अन्य तत्वों के माध्यम से।
सामाजिक प्रभाव और अनुनय (persuasion) के माध्यम से व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सकता है। सामाजिक प्रभाव के उदाहरणों में सामाजिक मानदंड, सांस्कृतिक अपेक्षाएँ, और समूह दबाव शामिल हैं, जो व्यक्ति को विशेष प्रकार के व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यदि कोई व्यवहार समाज में मान्यता प्राप्त हो, तो लोग स्वाभाविक रूप से उसे अपनाने की कोशिश करते हैं।
अनुनय एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति को विचारों या दृष्टिकोणों को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह प्रभावी ढंग से किया जा सकता है जब किसी संदेश को सही ढंग से प्रस्तुत किया जाए और उसके पीछे ठोस तर्क हो। अनुनय के माध्यम से, व्यक्तियों को उनके पुराने विचारों या आदतों को बदलने के लिए प्रेरित किया जा सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य संबंधित सुझावों को अपनाना या पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना।
इस प्रकार, सामाजिक प्रभाव और अनुनय व्यक्ति के व्यवहार और निर्णयों में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव संभव हो सकते हैं।
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