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उत्तल दर्पण के उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तल दर्पण एक प्रकार का दर्पण होता है जिसकी सतह बाहर की ओर उगती होती है, यानी इसका आंतरिक कोण सकारात्मक होता है। इसके उपयोगों का वर्णन निम्नलिखित है: दृष्टि सुधारने के लिए: उत्तल दर्पण का प्रयोग दृष्टि सुधारने के लिए किया जा सकता है। जैसे कि दृष्टिहीनता या दृष्टिकोण सुधारने के लिए, जब व्यक्ति दर्पणRead more
उत्तल दर्पण एक प्रकार का दर्पण होता है जिसकी सतह बाहर की ओर उगती होती है, यानी इसका आंतरिक कोण सकारात्मक होता है। इसके उपयोगों का वर्णन निम्नलिखित है:
इन विभिन्न उपयोगों के माध्यम से, उत्तल दर्पण विभिन्न प्रकार की समस्याओं को सुलझाने और कई क्षेत्रों में सहायक साबित होता है।
See lessभारत के संविधान में समानता के मूलाधिकार की समीक्षा कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]
भारत के संविधान में समानता के मूलाधिकार भारत के संविधान में समानता के मूलाधिकार अनुभाग 14 से 18 के अंतर्गत आते हैं और ये नागरिकों को समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रावधान करते हैं: अनुभाग 14: समानता का अधिकार - यह संविधान का एक मूल अधिकार है जो हर व्यक्ति को कानूनी समानता और समान सुरकRead more
भारत के संविधान में समानता के मूलाधिकार
भारत के संविधान में समानता के मूलाधिकार अनुभाग 14 से 18 के अंतर्गत आते हैं और ये नागरिकों को समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रावधान करते हैं:
निष्कर्ष: भारतीय संविधान के समानता के मूलाधिकार सभी नागरिकों को कानूनी सुरक्षा और समान अवसर की गारंटी प्रदान करते हैं। ये अधिकार भेदभाव, सामाजिक असमानता, और अभाव को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जो सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देते हैं।
See lessराज्य सभा की उन विशिष्ट शक्तियों का वर्णन कीजिये, जो की भारतीय संविधान के अंतर्गत लोकसभा को प्राप्त नहीं हैं।(125 Words) [UPPSC 2018]
राज्य सभा की विशिष्ट शक्तियाँ संकल्प और संशोधन प्रस्ताव: राज्य सभा केवल संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर प्रस्तावना और सहमति देने में सक्रिय भूमिका निभाती है। लोकसभा इस प्रक्रिया में स्वतंत्र होती है, लेकिन राज्य सभा के बिना संशोधन लागू नहीं हो सकता। नियुक्ति की शक्ति: राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त सदस्योंRead more
राज्य सभा की विशिष्ट शक्तियाँ
निष्कर्ष: राज्य सभा की विशिष्ट शक्तियाँ संविधान संशोधन, नियुक्तियाँ, और वित्तीय बिलों पर सीमित भूमिका निभाती हैं, जो लोकसभा के अधिकारों से भिन्न हैं।
See lessभारत की संघीय व्यवस्था किस प्रकार से अमरीकी (यू.एस.ए.) संघीय व्यवस्था से भिन्न है? व्याख्या करें। (125 Words) [UPPSC 2018]
भारत और अमेरिका की संघीय व्यवस्थाओं में भिन्नताएँ: संविधानिक संरचना: भारत: संघीय व्यवस्था में संविधान के अंतर्गत, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्ति का वितरण होता है। केंद्र की शक्ति अधिक होती है और संविधान में राज्यक्षेत्र की सूची (सारणी) होती है, जिसमें शक्तियों का विभाजन होता है। अमेरिका: संघीयRead more
भारत और अमेरिका की संघीय व्यवस्थाओं में भिन्नताएँ:
निष्कर्ष: भारत की संघीय व्यवस्था केंद्र की अधिक शक्ति और एकल संविधान की विशेषता से अमेरिकी संघीय व्यवस्था से भिन्न है, जहां राज्यों को अधिक स्वायत्तता और शक्ति का विभाजन होता है।
See lessनीतिशास्त्र क्या हैं? मानव जीवन में इसकी भूमिका की विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2019]
नीतिशास्त्र: नीतिशास्त्र (Ethics) उन मूल्य और नियमों का अध्ययन है जो मानव व्यवहार को सही और गलत के दृष्टिकोण से परिभाषित करते हैं। यह सिद्धांतों और मानदंडों का संग्रह है, जो यह तय करता है कि व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर क्या उचित है। मानव जीवन में भूमिका: निर्णय निर्माण: नीतिशास्त्र सही निर्णय लेनेRead more
नीतिशास्त्र:
नीतिशास्त्र (Ethics) उन मूल्य और नियमों का अध्ययन है जो मानव व्यवहार को सही और गलत के दृष्टिकोण से परिभाषित करते हैं। यह सिद्धांतों और मानदंडों का संग्रह है, जो यह तय करता है कि व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर क्या उचित है।
मानव जीवन में भूमिका:
निष्कर्ष: नीतिशास्त्र मानव जीवन में सही निर्णय, सामाजिक नैतिकता, व्यक्तिगत विकास, और संस्थागत नैतिकता के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो समाज को एक सुसंगठित और नैतिक दिशा प्रदान करता है।
See lessप्रौद्योगिकी स्थानांतरण से आप क्या समझते हैं? यह जटिल प्रौद्योगिकी के प्रसार में कैसे सहायक हो सकती है? समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2019]
प्रौद्योगिकी स्थानांतरण: प्रौद्योगिकी स्थानांतरण (Technology Transfer) का तात्पर्य एक संगठन से दूसरे संगठन या एक देश से दूसरे देश में प्रौद्योगिकी के ज्ञान, कौशल, और नवाचारों के हस्तांतरण से है। यह अनुसंधान और विकास (R&D) की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उद्योगों और विकसित देशों में पRead more
प्रौद्योगिकी स्थानांतरण:
प्रौद्योगिकी स्थानांतरण (Technology Transfer) का तात्पर्य एक संगठन से दूसरे संगठन या एक देश से दूसरे देश में प्रौद्योगिकी के ज्ञान, कौशल, और नवाचारों के हस्तांतरण से है। यह अनुसंधान और विकास (R&D) की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उद्योगों और विकसित देशों में प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देता है।
जटिल प्रौद्योगिकी के प्रसार में सहायकता:
निष्कर्ष: प्रौद्योगिकी स्थानांतरण जटिल प्रौद्योगिकियों के प्रसार को ज्ञान, कौशल, और उत्पादन क्षमता में सुधार करके सहायक बनाता है। यह वैश्विक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
See less"सोशल मीडिया को राष्ट्रीय सुरक्षा संवर्धन के एक महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में किस तरह उपयोग में लाया जा सकता है?" समझाइये। (200 Words) [UPPSC 2019]
सोशल मीडिया और राष्ट्रीय सुरक्षा 1. सुरक्षा जागरूकता: सोशल मीडिया को सुरक्षा जागरूकता फैलाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। सरकारी एजेंसियाँ और सुरक्षा बल सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर सुरक्षा सलाहकार नोटिफिकेशन, सतर्कता संदेश, और सामाजिक समर्पण अभियान चला सकते हैं, जिससे नागरिकों को आतंकवाद, साइबर हमRead more
सोशल मीडिया और राष्ट्रीय सुरक्षा
1. सुरक्षा जागरूकता: सोशल मीडिया को सुरक्षा जागरूकता फैलाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। सरकारी एजेंसियाँ और सुरक्षा बल सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर सुरक्षा सलाहकार नोटिफिकेशन, सतर्कता संदेश, और सामाजिक समर्पण अभियान चला सकते हैं, जिससे नागरिकों को आतंकवाद, साइबर हमलों और अन्य सुरक्षा खतरे के प्रति सतर्क किया जा सके।
2. संकट प्रबंधन और आपातकालीन सूचना: आपातकालीन स्थिति में सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण संचार चैनल के रूप में कार्य करता है। उदाहरण के लिए, प्राकृतिक आपदाओं या सुरक्षा संकटों के दौरान, यह तत्काल सूचना और संकट प्रबंधन निर्देश प्रदान करने में सहायक हो सकता है, जिससे जनता और सुरक्षा बलों के बीच सूचना का आदान-प्रदान त्वरित और प्रभावी होता है।
3. आतंकवाद और अपराध की निगरानी: सोशल मीडिया पर आतंकवादी प्रचार और उग्रवादी गतिविधियों की निगरानी की जा सकती है। साइबर इंटेलिजेंस का उपयोग करके, सुरक्षा एजेंसियाँ धमकीपूर्ण संदेशों और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर सकती हैं, जिससे समय पर सुरक्षा उपाय किए जा सकते हैं।
4. सामाजिक सद्भावना और आतंकवाद विरोधी प्रचार: सोशल मीडिया का उपयोग सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देने और आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया जा सकता है। सकारात्मक प्रचार और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से, यह अस्वीकृत विचारधाराओं और कट्टरपंथी गतिविधियों के खिलाफ काम कर सकता है।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया को राष्ट्रीय सुरक्षा में एक प्रभावी साधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है, यदि इसे सुरक्षा जागरूकता, आपातकालीन सूचना, आतंकवाद निगरानी, और सामाजिक सद्भावना के क्षेत्रों में सही ढंग से लागू किया जाए।
See less"विगत दो दशकों में अनियंत्रित ढंग से बढ़े अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से विश्वशांति को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। इससे निबटने के लिये प्रत्येक राष्ट्र को वैश्विक स्तर पर एक साथ मिलकर लड़ना होगा।" इस कथन की व्याख्या कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और वैश्विक शांति विगत दो दशकों में, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद ने वैश्विक शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है। आतंकवादी समूहों ने विभिन्न देशों में हिंसा, उग्रवाद और अस्थिरता फैलाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और नेटवर्किंग का उपयोग किया है। 1. आतंकवाद का वैश्विक स्वरूप: आधRead more
अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और वैश्विक शांति
विगत दो दशकों में, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद ने वैश्विक शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है। आतंकवादी समूहों ने विभिन्न देशों में हिंसा, उग्रवाद और अस्थिरता फैलाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और नेटवर्किंग का उपयोग किया है।
1. आतंकवाद का वैश्विक स्वरूप: आधुनिक आतंकवाद ने सार्वभौमिक स्तर पर सीमा पार की है। 9/11 हमले, पेरिस में आईएसआईएस के हमले, और धार्मिक कट्टरपंथ से प्रेरित हिंसक गतिविधियाँ इसका स्पष्ट उदाहरण हैं। आतंकवादी संगठनों की नेटवर्किंग और सूचना साझा करने की क्षमता ने इसे अधिक व्यापक और घातक बना दिया है।
2. वैश्विक सहयोग की आवश्यकता: आतंकवाद का सामना करने के लिए एकल देश की कोशिशें अपर्याप्त हैं। सहयोगात्मक रणनीतियों और सूचना साझा करने की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय समझौतों और संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय पुलिस (इंटरपोल) को सशक्त बनाना अनिवार्य है। देशों को सुरक्षा नीतियों, वित्तीय निगरानी, और गुप्तचर सहयोग के माध्यम से एक साथ काम करना होगा।
3. वैश्विक शांति की रक्षा: आतंकवाद से निपटने के लिए संविधानिक और कानूनी उपाय आवश्यक हैं, जो मानवाधिकार और सामाजिक न्याय की रक्षा करें। वैश्विक स्तर पर सहयोग से ही शांति और सुरक्षा को बनाए रखा जा सकता है।
निष्कर्ष: अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद की बढ़ती चुनौती ने स्पष्ट किया है कि वैश्विक शांति के लिए सभी देशों को सामूहिक प्रयास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, साझा रणनीतियाँ और मजबूत वैश्विक गठबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
See less'डिजिटल अधिकार' क्या होते हैं? इनके उद्देश्यों की विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2019]
डिजिटल अधिकार डिजिटल अधिकार वे अधिकार हैं जो उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सुरक्षित और स्वतंत्र तरीके से जानकारी और संचार तक पहुँच प्रदान करते हैं। उद्देश्य: गोपनीयता और सुरक्षा: डिजिटल अधिकार व्यक्तिगत डेटा और गोपनीयता की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं, जिससे उपयोगकरRead more
डिजिटल अधिकार
डिजिटल अधिकार वे अधिकार हैं जो उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट और डिजिटल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सुरक्षित और स्वतंत्र तरीके से जानकारी और संचार तक पहुँच प्रदान करते हैं।
उद्देश्य:
निष्कर्ष: डिजिटल अधिकार उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा, स्वतंत्रता, समानता और कानूनी संरक्षण प्रदान करते हैं, जो डिजिटल समाज की संरचना और सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
See lessआंतरिक सुरक्षा के प्रति खतरे के रूप में भ्रष्टाचार का विवेचना कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2019]
आंतरिक सुरक्षा के प्रति खतरे के रूप में भ्रष्टाचार 1. प्रशासनिक अक्षमता: भ्रष्टाचार कानून प्रवर्तन एजेंसियों और प्रशासनिक कार्यप्रणाली की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। इससे सुरक्षा बलों और सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता कम होती है, जिससे आंतरिक सुरक्षा में कमी आती है। 2. संस्थानिक क्षति: भ्रष्टाचारRead more
आंतरिक सुरक्षा के प्रति खतरे के रूप में भ्रष्टाचार
1. प्रशासनिक अक्षमता: भ्रष्टाचार कानून प्रवर्तन एजेंसियों और प्रशासनिक कार्यप्रणाली की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। इससे सुरक्षा बलों और सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता कम होती है, जिससे आंतरिक सुरक्षा में कमी आती है।
2. संस्थानिक क्षति: भ्रष्टाचार संस्थानों की विश्वसनीयता और अधिकारी की ईमानदारी को कमजोर करता है। इससे मामलों की रिपोर्टिंग और जांच में बाधाएँ उत्पन्न होती हैं।
3. आतंकवाद और अपराध: भ्रष्टाचार आतंकवादी और आपराधिक समूहों को वित्तीय और प्रशासनिक समर्थन प्रदान करता है। यह संविधानिक और कानूनी ढांचे को कमजोर करता है।
उदाहरण: आतंकवादी वित्तपोषण के मामलों में भ्रष्टाचार की भूमिका, जैसे पैसे की तस्करी और वेतन घोटाले, जो आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हैं।
निष्कर्ष: भ्रष्टाचार आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है, क्योंकि यह प्रशासनिक अक्षमता, संस्थानिक क्षति और आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम करता है। इससे निपटने के लिए कठोर नीतियाँ और सुधारात्मक उपाय आवश्यक हैं।
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