परिचय
- यह संपादकीय हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित “The health leadership opportunity for India” पर आधारित है।
- अमेरिका के WHO से हटने के बाद वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
भारत की प्रमुख उपलब्धियाँ
- स्वास्थ्य सेवा का लोकतंत्रीकरण:
- आयुष्मान भारत योजना (2018) ने 36 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कवर किया।
- यह योजना गरीब परिवारों को मुफ्त अस्पताल में भर्ती कराने की सुविधा प्रदान करती है।
- टीकाकरण कवरेज:
- पोलियो और नवजात टेटनस समाप्त कर दिए गए हैं।
- कोविड-19 टीकाकरण में 97% लाभार्थियों ने एक खुराक प्राप्त की है।
- ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना:
- 1.72 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित किए गए हैं, जो प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करते हैं।
- स्वास्थ्य डिजिटलीकरण:
- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) ने इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड और टेलीमेडिसिन सेवाओं को सक्षम किया है।
- पारंपरिक चिकित्सा पर ध्यान:
- भारत का AYUSH क्षेत्र सालाना 17% की वृद्धि कर रहा है।
- अभिनव स्वास्थ्य वित्तपोषण:
- सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय 2.1% जीडीपी तक पहुँचा है।
भारत के वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व में बाधाएँ
- अपर्याप्त स्वास्थ्य व्यय:
- भारत का सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय WHO की 5% की सिफारिश से कम है।
- कमज़ोर अनुसंधान एवं विकास:
- भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 40वें स्थान पर है।
- विनियामक ढाँचे का अभाव:
- दवा अनुमोदन में खामियाँ और गुणवत्ता आश्वासन में अंतराल।
- स्वास्थ्य अवसंरचना में असमानताएँ:
- दक्षिणी राज्यों की तुलना में उत्तरी राज्यों में उच्च शिशु मृत्यु दर।
- महामारी की तैयारी में कमज़ोरी:
- खंडित निगरानी प्रणालियों के कारण महामारी की तैयारी में अंतराल।
- संचारी और गैर-संचारी रोगों का बोझ:
- गैर-संचारी रोगों के कारण होने वाली मौतों का अनुपात 61.8% हो गया है।
भारत को वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व में कैसे उभरना चाहिए?
- अनुसंधान एवं विकास को मज़बूत करना:
- मेडिकल तकनीकों और स्वदेशी टीकों के विकास में निवेश।
- डिजिटल स्वास्थ्य का लाभ उठाना:
- टेलीमेडिसिन सेवाओं का विस्तार और स्वास्थ्य तकनीक स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देना।
- आयुष का एकीकरण:
- पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल के साथ एकीकृत करना।
- सस्ती वैक्सीन और दवाओं की पहुँच बढ़ाना:
- वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम का विस्तार करना।
- स्वास्थ्य अवसंरचना में सुधार:
- स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे में निवेश और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देना।
भारत की वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व में उभरने की क्षमता उसके स्वास्थ्य नवाचार, टीकाकरण कूटनीति और पारंपरिक चिकित्सा में उपलब्धियों पर निर्भर करती है। स्वास्थ्य व्यय, अवसंरचना और अनुसंधान में अंतराल को संबोधित करना आवश्यक है।