बढ़ते खतरे
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और साइबर हमले: 2024 में AI और साइबर हमलों के खतरे में वृद्धि।
- महत्वपूर्ण अवसंरचना पर हमले: डिजिटल हमलों और दुष्प्रचार अभियानों की संभावना बढ़ी है।
प्रमुख साइबर खतरें
- रैनसमवेयर का प्रकोप:
- 48,000 से अधिक WannaCry रैनसमवेयर हमले।
- स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र विशेष रूप से असुरक्षित।
- फिशिंग हमले:
- 2023 में 79 मिलियन से अधिक फिशिंग हमले।
- भारतीय स्टेट बैंक के उपयोगकर्ताओं को लक्षित किया गया।
- क्लाउड सुरक्षा:
- एयर इंडिया में 4.5 मिलियन यात्रियों का डेटा उजागर।
- क्लाउड प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता।
- इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT):
- IoT उपकरणों में सुरक्षा की कमी, स्मार्ट मीटरों में कमजोरियाँ।
- आपूर्ति श्रृंखला के हमले:
- 2023 में सॉफ्टवेयर आपूर्ति श्रृंखला में बढ़ती कमजोरियाँ।
- क्रिप्टो अपराध:
- 2021 में क्रिप्टोकरेंसी चोरी में 3.2 बिलियन डॉलर की वृद्धि।
- डीपफेक वीडियो:
- 2023 में 230% की वृद्धि, राजनीतिक दुष्प्रचार में उपयोग।
- साइबर सुरक्षा पेशेवरों की कमी:
- भारत में 8 लाख साइबर सुरक्षा पेशेवरों की कमी।
- हनी ट्रैपिंग:
- सरकारी और सैन्य अधिकारियों को लक्षित करने वाली धोखाधड़ी का बढ़ता मामला।
सरकारी पहलें
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति: साइबरस्पेस की रक्षा और हमलों से निपटने के लिए रणनीतियाँ।
- भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C): कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए समन्वित ढांचा।
- CERT-In: साइबर घटनाओं पर सूचना संग्रह और चेतावनी जारी करना।
- साइबर सुरक्षित भारत पहल: जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन।
सुधार की रणनीतियाँ
- साइबर फ्यूजन सेंटर: सुरक्षा खुफिया साझा करने के लिए क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना।
- डिजिटल साक्षरता अभियान: सभी वर्गों में साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने का प्रयास।
- सुरक्षित-नियोजित पहल: सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर विकास में सुरक्षा मानकों का पालन।
- AI-संचालित साइबर सुरक्षा: उभरते खतरों का सक्रिय रूप से पता लगाने के लिए निवेश।
आगे की राह
- भारत को अपने साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है, जिसमें नए खतरों का सामना करने के लिए उपयुक्त उपायों का समावेश हो।