प्रमुख बिंदु
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): GenAI वैश्विक नौकरी बाजार को नया आयाम दे रहा है, जिससे भारत के IT श्रमबल को चुनौती मिल रही है।
- शिक्षा में सुधार: AI के अवसरों के साथ तालमेल स्थापित करने के लिए व्यावहारिक कौशल पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
AI में हाल की उपलब्धियाँ
- जनरेटिव AI:
- OpenAI के GPT-4 और Google के Bard ने कंटेंट जेनरेशन में क्रांति ला दी है।
- मल्टीमॉडल AI:
- Meta का LLaMA और OpenAI का DALL·E 3 टेक्स्ट, इमेज और वीडियो को जोड़ते हैं।
- औषधि खोज में AI:
- DeepMind के AlphaFold ने प्रोटीन की संरचना का पूर्वानुमान किया है।
- कोड के लिए जनरेटिव AI:
- GitHub के Copilot X सॉफ्टवेयर विकास को स्वचालित करते हैं।
भारत की आर्थिक संवृद्धि के अवसर
- उत्पादकता बढ़ाना:
- AI कृषि, विनिर्माण और रसद में प्रक्रियाओं को अनुकूलित करता है।
- NITI आयोग का अनुमान: AI 2035 तक भारत के GDP में 957 बिलियन डॉलर जोड़ सकता है।
- IT क्षेत्र का विस्तार:
- भारतीय IT कंपनियाँ AI में भारी निवेश कर रही हैं।
- 2027 तक वैश्विक AI सेवा बाजार में 297 बिलियन डॉलर का हिस्सा।
AI द्वारा उत्पन्न चुनौतियाँ
- नौकरी का विस्थापन:
- AI-संचालित स्वचालन से 69% नौकरियाँ खतरे में हैं।
- कौशल अंतर:
- केवल 48.7% स्नातक रोजगार योग्य माने जाते हैं।
- परंपरागत व्यवसायों का क्षरण:
- ई-कॉमर्स और AI प्लेटफॉर्म छोटे व्यवसायों को प्रभावित कर रहे हैं।
समाधान और उपाय
- AI कौशल इको-सिस्टम का निर्माण:
- स्किल इंडिया मिशन के साथ AI कौशल कार्यक्रम।
- स्वदेशी AI अनुसंधान:
- विदेशी तकनीकों पर निर्भरता कम करने के लिए निवेश।
- कृषि में AI का एकीकरण:
- परिशुद्ध कृषि और फसल रोग पहचान में AI का उपयोग।
AI क्रांति भारत के लिए आर्थिक विकास में तेजी लाने का एक अवसर है। हालाँकि, नौकरी विस्थापन, कौशल अंतर और डिजिटल अपवर्जन जैसी चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है। AI का सही उपयोग समावेशी विकास सुनिश्चित कर सकता है।