- बिजली की मांग में वृद्धि: भारत में बिजली की मांग इस वर्ष 8% बढ़ने की उम्मीद है, जो डिजिटल परिवर्तन और आर्थिक विस्तार को दर्शाता है।
- नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य: भारत ने 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और 2023-24 में 24.2 गीगावाट की वृद्धि की है।
चुनौतियाँ
- ग्रिड अवसंरचना: ग्रिड अवसंरचना, भंडारण क्षमता और न्यायसंगत अभिगम में महत्वपूर्ण चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
- नवीकरणीय ऊर्जा का अस्थायित्व: सौर और पवन ऊर्जा की अस्थायित्व/आंतरायिकता के कारण लगातार बिजली आपूर्ति में बाधाएँ उत्पन्न होती हैं।
विकेंद्रीकृत ऊर्जा समाधान
- सौर मिनी ग्रिड और रूफटॉप सोलर: ये समाधान दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली पहुँचाने में मदद करते हैं।
- PM-कुसुम योजना: सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई से कृषि के लिए बिजली की लागत में कमी आएगी।
ऊर्जा भंडारण
- बैटरी भंडारण प्रणालियाँ: भारत बैटरी भंडारण प्रणालियों में निवेश बढ़ा रहा है, जैसे कि JSW समूह का 50 GWh बैटरी विनिर्माण क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य।
परिवहन क्षेत्र का विद्युतीकरण
- इलेक्ट्रिक वाहनों का समावेश: भारत का लक्ष्य 2030 तक 30% इलेक्ट्रिक वाहनों का समावेश सुनिश्चित करना है।
- FAME II योजना: यह योजना शहरी सार्वजनिक परिवहन में उत्सर्जन को कम करने में मदद कर रही है।
वैश्विक नेतृत्व
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA): भारत का वैश्विक नेतृत्व ISA और COP29 जैसी पहलों के माध्यम से स्पष्ट है।
ऊर्जा सुरक्षा
- कोयला आधारित बिजली: भारत की ऊर्जा रणनीति नवीकरणीय ऊर्जा और विश्वसनीय कोयला आधारित बिजली के बीच संतुलन स्थापित करती है।
ऊर्जा दक्षता में निवेश
- PAT योजना: इस योजना के अंतर्गत 68 मिलियन टन CO₂ उत्सर्जन में कटौती की गई है।
- उजाला योजना: पिछले एक दशक में 36 करोड़ से अधिक LED बल्ब वितरित किए गए हैं।
अपतटीय पवन ऊर्जा
- नई परियोजनाएँ: भारत ने तमिलनाडु और गुजरात में अपनी पहली 1 गीगावाट अपतटीय पवन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
नवीकरणीय ऊर्जा के लिए उपाय
- घरेलू विनिर्माण: आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू नवीकरणीय विनिर्माण को बढ़ावा देना।
- हरित हाइड्रोजन: इस्पात और सीमेंट जैसे क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन का उपयोग करना।
निष्कर्ष
भारत का ऊर्जा परिवर्तन न केवल आर्थिक विकास को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार को चुनौतियों का सामना करने और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।