जनसंख्या में बहुमुखी वृद्धि एवं अ-योजना के फलस्वरूप असंगत कचरा उत्पन्न हुआ है। विभिन्न प्रकार के कचरे की विवचेना कीजिये। इस समस्या को देश किस प्रकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की सहायता से दूर कर सकता है? विस्तार से वर्णन कीजिये। [64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2018]
भारत में कचरा समस्या:
भारत में बढ़ती जनसंख्या और अ-योजनाओं के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले कचरे की समस्या एक गंभीर चुनौती बन गई है। यह समस्या न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और संसाधनों के उपभोग पर भी प्रभाव डालती है। भारत में कचरे के विभिन्न प्रकार हैं, जिनका विश्लेषण करना और उनके निवारण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना आवश्यक है।
कचरे के प्रकार
कचरा मुख्य रूप से चार प्रमुख प्रकार का होता है:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा समाधान
कचरे की समस्या को समाधान देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग आवश्यक है। निम्नलिखित उपायों से इस समस्या का निवारण किया जा सकता है:
1. कचरे का पुनर्चक्रण (Recycling) और पुनः उपयोग
2. जैविक अपशिष्ट (Biodegradable waste) का निपटान
3. इलेक्ट्रॉनिक कचरे का निपटान (E-waste Management)
4. आधुनिक कचरा प्रबंधन प्रणाली (Smart Waste Management)
5. नवाचार और विज्ञान आधारित नीतियाँ
निष्कर्ष
भारत में कचरे की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है, और इसे सुलझाने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि हम तकनीकी समाधान जैसे कि कचरे का पुनर्चक्रण, इलेक्ट्रॉनिक कचरे का निपटान, और स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट को सही तरीके से लागू करें तो हम इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इसके साथ ही, सामाजिक जागरूकता और नीति निर्माण में सुधार करके हम कचरे के उत्पादन को भी कम कर सकते हैं।