वर्तमान सरकार विभिन्न राज्यों में स्मार्ट शहर विकसित करने के लिये प्रयासरत है। स्मार्ट शहरों के बारे में आपकी क्या हैं? आदर्श स्मार्ट शहर के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका की व्याख्या कीजिये। परिकल्पनाएँ [64वीं बीपीएससी मुख्य परीक्षा 2018]
स्मार्ट शहर: भारत के शहरीकरण में नया दृष्टिकोण
भारत में शहरीकरण की तीव्र गति को देखते हुए, वर्तमान सरकार ने स्मार्ट शहरों के निर्माण पर जोर दिया है। स्मार्ट शहरों की अवधारणा एक आधुनिक, टिकाऊ और तकनीकी दृष्टिकोण पर आधारित है, जो शहरों की जीवनशैली को बेहतर बनाने के साथ-साथ शहरी समस्याओं का हल भी प्रदान करती है। स्मार्ट शहरों में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और इन्फ्रास्ट्रक्चर का बेहतर उपयोग किया जाता है, जिससे नगरों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
स्मार्ट शहर की परिकल्पना
स्मार्ट शहरों का लक्ष्य केवल आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं है, बल्कि यह स्मार्ट तकनीकों का उपयोग करके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। इसमें जन्म दर, मृत्यु दर, और आबादी के साथ पर्यावरणीय समावेशन का ध्यान रखा जाता है। स्मार्ट शहरों के विकास का उद्देश्य समग्र रूप से न्यायपूर्ण और समृद्ध शहरी जीवन के लिए एक ठोस आधार तैयार करना है।
मुख्य विशेषताएँ:
आदर्श स्मार्ट शहर के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका
विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्मार्ट शहरों के विकास में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। इन क्षेत्रों का उपयोग स्मार्ट शहरों के निर्माण के प्रत्येक पहलू को प्रभावी और दक्ष बनाने के लिए किया जा रहा है। नीचे दी गई कुछ प्रमुख भूमिका हैं, जिनमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी का योगदान देखा जा सकता है:
1. सूचना प्रौद्योगिकी और डेटा संग्रहण
उदाहरण: Bhopal और Surat जैसे स्मार्ट शहरों में नागरिक सेवाओं की डिलीवरी और बुनियादी ढांचे की निगरानी के लिए IoT (Internet of Things) का उपयोग किया जा रहा है।
2. स्मार्ट परिवहन
3. ऊर्जा प्रबंधन
उदाहरण: Delhi और Chandigarh में सौर ऊर्जा के उपयोग से न केवल प्रदूषण कम हो रहा है, बल्कि बिजली की आपूर्ति भी सुरक्षित और सस्ती हो रही है।
4. जल प्रबंधन और अपशिष्ट निपटान
उदाहरण: Pune और Chennai में जल पुनर्चक्रण प्रणाली का सफल प्रयोग किया जा रहा है।
5. स्मार्ट सुरक्षा
उदाहरण: Kochi और Hyderabad में स्मार्ट कैमरे और आपातकालीन सेवाओं का नेटवर्क नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ावा दे रहा है।
निष्कर्ष
स्मार्ट शहरों का उद्देश्य केवल शहरीकरण की प्रक्रिया को बेहतर बनाना नहीं है, बल्कि यह एक समर्थ और पर्यावरणीय रूप से स्थिर शहरी जीवन को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से इन शहरों में ऊर्जा, जल, परिवहन, सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार किया जा सकता है।