प्रश्न का उत्तर अधिकतम 200 शब्दों में दीजिए। यह प्रश्न 11 अंक का है। [MPPSC 2021]
प्राग्वैदिककालीन राजनीतिक संगठन की विवेचना कीजिए।
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प्राग्वैदिककालीन राजनीतिक संगठन की विवेचना
परिचय
प्राग्वैदिक काल का समय लगभग 1500 से 600 ईसा पूर्व का है, जिसमें वेदों का विकास हुआ। इस समय की राजनीतिक संरचना काफी महत्वपूर्ण थी और इसे कई हिस्सों में बांटा जा सकता है।
राजनीतिक संगठन
1. जन और जनपद
उदाहरण: आर्य लोग एक जन के रूप में रहते थे।
उदाहरण: इन जनपदों के आधार पर छोटे-छोटे राज्य बनते थे।
2. राजा और सभा
उदाहरण: राजा को युद्ध के समय सामरिक नेतृत्व देना होता था।
उदाहरण: विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करने के लिए राजा सभा का आयोजन करता था।
3. अर्थव्यवस्था और समाज
उदाहरण: कृषि पर निर्भरता ने जनपदों को आर्थिक रूप से मजबूत किया।
निष्कर्ष
प्राग्वैदिककालीन राजनीतिक संगठन ने भारतीय सभ्यता की नींव रखी। राजा, सभा और जनपदों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक ढांचे ने इस काल में स्थिरता और विकास को बढ़ावा दिया। यह संगठनात्मक ढांचा भविष्य की राजनीतिक प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण रहा।