भारत में डिजिटल पहल ने किस प्रकार से देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन में योगदान किया है ? विस्तृत उत्तर दीजिए । ( 250 words ) [UPSC 2020]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
भारत में डिजिटल पहल और शिक्षा व्यवस्था में उनका योगदान
परिचय
भारत में डिजिटल पहल ने शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने और उसे सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये पहल विशेष रूप से शिक्षा की गुणवत्ता, पहुंच, और नवाचार को बढ़ाने में सहायक रही हैं।
मुख्य डिजिटल पहल
DIKSHA (Digital Infrastructure for Knowledge Sharing) और SWAYAM जैसी प्लेटफार्मों ने व्यापक शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई है। DIKSHA शिक्षकों और छात्रों को पाठ्यक्रम से जुड़ी सामग्री प्रदान करती है, जबकि SWAYAM MOOCs के माध्यम से विभिन्न विषयों पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराती है। COVID-19 महामारी के दौरान, SWAYAM ने स्कूल बंद होने के बावजूद शिक्षा को जारी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
NPTEL (National Programme on Technology Enhanced Learning) और ePathshala उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक सामग्री प्रदान करते हैं। NPTEL विशेष रूप से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी छात्रों के लिए वीडियो लेक्चर और ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराता है, जबकि ePathshala स्कूल के छात्रों के लिए पाठ्यपुस्तकें और सहायक सामग्री प्रदान करता है।
NETF का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और डेटा-संचालित नीति निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। यह शैक्षिक योजना, कार्यान्वयन, और मूल्यांकन में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देता है।
BharatNet और National Knowledge Network (NKN) ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाया है, जिससे डिजिटल कक्षाओं, ऑनलाइन संसाधनों, और वर्चुअल सहयोग को समर्थन मिला है।
हाल के उदाहरण
शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव
निष्कर्ष
भारत में डिजिटल पहल ने शिक्षा व्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें पहुंच में सुधार, शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि, और नवाचार को बढ़ावा देना शामिल है। ये प्रयास एक मजबूत और समावेशी शैक्षिक ढांचे की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।