डॉ. ‘एक्स’ शहर के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं। उन्होंने एक धर्मार्थ न्यास स्थापित कर लिया है जिसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, वे एक उच्च-विशेषज्ञता अस्पताल स्थापित करना चाहते हैं। संयोग से, राज्य के उस क्षेत्र की वर्षों से उपेक्षा रही है। प्रस्तावित अस्पताल उस क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगा । आप उस क्षेत्र की कर अन्वेषण इकाई के प्रमुख हैं। डॉक्टर के क्लीनिक के निरीक्षण के दौरान आपके अधिकारियों को कुछ बड़ी अनियमितताएँ ज्ञात हुई हैं। उनमें से कुछ बहुत गंभीर हैं जिनके कारण बड़ी मात्रा में करों से प्राप्य धनराशि रुकी रही, जिसका भुगतान डॉक्टर को अब करना चाहिए । डॉक्टर सहयोग के लिए तैयार है। वे तुरंत कर की राशि को अदा करने का वायदा करते हैं। लेकिन उनके कर भुगतान में कुछ और भी ख़ामियाँ हैं जो पूर्ण रूप से तकनीकी हैं। यदि अभिकरण द्वारा इन तकनीकी खामियों का पीछा किया जाता है, तो डॉक्टर का बहुत सारा समय और उसकी ऊर्जा कुछ ऐसे मुद्दों की तरफ मुड़ जाएगी जो न तो बहुत गंभीर हैं, न ही अत्यावश्यक और न ही कर भुगतान कराने में सहायक हैं। इसके अतिरिक्त, पूरी संभावना है कि इसके कारण अस्पताल के खोले जाने की प्रक्रिया भी बाधित होगी। आपके समक्ष दो विकल्प हैं: (i) व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए, अधिकाधिक कर भुगतान अनुपालन सुनिश्चित करें और ऐसी कमियों को नज़रअंदाज़ करें जो केवल तकनीकी प्रकृति की हों। (ii) मामले को सख्ती से देखें और सभी पहलुओं पर आगे बढ़ें, चाहे वे गंभीर हों या केवल तकनीकी । कर अभिकरण के प्रमुख होने के नाते, आप कौन-से कार्य दिशा का विकल्प अपनाएँगे और क्यों ? (250 words) [UPSC 2018]
कर अनुपालन पर दृष्टिकोण: धर्मार्थ पहल के संदर्भ में
डॉ. ‘एक्स’ द्वारा प्रस्तावित उच्च-विशेषज्ञता अस्पताल का सामाजिक लाभ स्पष्ट है। इस स्थिति में, दो प्रमुख विकल्प हैं:
1. व्यापक दृष्टिकोण: तकनीकी खामियों को नजरअंदाज करना
हालिया उदाहरण: 2021 में, भारत सरकार ने “विवाद से विश्वास” योजना शुरू की, जिसमें छोटे तकनीकी मुद्दों को नजरअंदाज करते हुए मुख्य कर विवादों को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसने कर अनुपालन को प्रोत्साहित किया और दीर्घकालिक विवादों को समाप्त किया।
2. सख्त दृष्टिकोण: सभी खामियों पर कार्यवाही
हालिया उदाहरण: कोविड-19 महामारी के दौरान जीएसटी अनुपालन पर सख्ती से छोटे व्यवसायों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जिससे उनका कामकाज प्रभावित हुआ और वे समस्याओं का सामना करने लगे।
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वृहत दृष्टिकोण अपनाएँ: प्रमुख कर अनुपालन को प्राथमिकता दें और केवल तकनीकी खामियों को नजरअंदाज करें। इस दृष्टिकोण से सामाजिक लाभ के साथ-साथ तात्कालिक कर अनुपालन सुनिश्चित होगा, जो समाज के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह एक व्यावहारिक और लाभकारी दृष्टिकोण है जो दोनों, करदाता और समाज, के हित में है।