एक सीमांत राज्य के एक जिले में स्वापकों (नशीले पदार्थों) का खतरा अनियंत्रित हो गया है। इसके परिणामस्वरूप काले धन का प्रचलन, पोस्त की खेती में वृद्धि, हथियारों की तस्करी, व्यापक हो गई है तथा शिक्षा व्यवस्था लगभग ठप्प हो गई है। सम्पूर्ण व्यवस्था एक प्रकार से समाप्ति के कगार पर है। इन अपुष्ट खबरों से कि स्थानीय राजनेता और कुछ पुलिस उच्चाधिकारी भी ड्रग माफिया को गुप्त संरक्षण दे रहे हैं, स्थिति और भी बदतर हो गई है। ऐसे समय में, परिस्थिति को सामान्य करने के लिए, एक महिला पुलिस अधिकारी, जो ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए अपने कौशल के लिए जानी जाती है, को पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया जाता है। यदि आप वही पुलिस अधिकारी हैं, तो संकट के विभिन्न आयामों को चिन्हित कीजिए। अपनी समझ के अनुसार, संकट का सामना करने के उपाय भी सुझाएं। (250 words) [UPSC 2019]
संकट के विभिन्न आयाम
यदि मैं उस महिला पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत होती हूँ, तो संकट के विभिन्न आयाम निम्नलिखित होंगे:
1. नशीले पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग: नशीले पदार्थों का अधिक प्रचलन समाज में स्वास्थ्य समस्याएँ और व्यापारिक अपराधों को जन्म दे रहा है। इससे सामाजिक ताने-बाने और सुरक्षा पर भी असर पड़ रहा है।
2. काले धन का प्रचलन और आर्थिक अस्थिरता: नशीले पदार्थों की तस्करी से उत्पन्न काला धन आर्थिक अस्थिरता को बढ़ा रहा है और सरकारी व्यवस्था को कमजोर कर रहा है।
3. पोस्त की खेती और पर्यावरणीय प्रभाव: अवैध पोस्त की खेती से पर्यावरणीय नुकसान और कृषि संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं, जिससे कृषि के लिए अनुकूल स्थितियाँ बिगड़ रही हैं।
4. हथियारों की तस्करी और हिंसा: ड्रग माफिया से जुड़े हथियारों की तस्करी से क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता बढ़ रही है, जिससे कानून-व्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है।
5. शिक्षा व्यवस्था की ठप्प स्थिति: नशीले पदार्थों के प्रभाव से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है, जिससे भविष्य की पीढ़ी के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
6. भ्रष्टाचार और सांठगांठ: स्थानीय राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों द्वारा गुप्त संरक्षण से भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अक्षम्यता बढ़ रही है।
संकट का सामना करने के उपाय
1. सख्त कानून प्रवर्तन: ड्रग तस्करी और अवैध पोस्त की खेती पर सख्त कार्रवाई करें। विशेष टीमों और उन्नत तकनीकों का उपयोग करके मुख्य तस्करों की पहचान और गिरफ्तारियाँ सुनिश्चित करें।
2. एंटी-नारकोटिक्स अभियान: आंतर-एजेंसी समन्वय के माध्यम से एक कुलीन अभियान चलाएं जिसमें पुलिस, सीमा सुरक्षा बल, और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ शामिल हों।
3. समुदाय जागरूकता और पुनर्वास: स्थानीय समुदायों में नशे के दुष्प्रभावों पर जागरूकता फैलाएँ और पुनर्वास केंद्र स्थापित करें ताकि नशेड़ी व्यक्तियों को सहायता मिल सके।
4. भ्रष्टाचार पर लगाम: भ्रष्ट अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ जांच और कार्रवाई करें। सूचना प्राप्ति और संरक्षण प्रणाली को मजबूत करें।
5. वैकल्पिक आजीविका: पॉपरी किसानों को वैकल्पिक कृषि प्रथाओं और आर्थिक अवसरों की पेशकश करें ताकि वे वैध खेती पर लौट सकें।
6. शिक्षा पुनरुद्धार: शिक्षा व्यवस्था को फिर से सक्रिय करें और शिक्षा पर ध्यान दें ताकि क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
उदाहरण: पंजाब में “ऑपरेशन फीनिक्स” ने ड्रग तस्करी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके तहत व्यापक अभियान, जागरूकता, और सख्त कानून प्रवर्तन ने स्थिति में सुधार लाया।
निष्कर्ष: इस संकट से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें सख्त कानून प्रवर्तन, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, और समुदाय आधारित प्रयास शामिल हों।