लोक निधियों का प्रभावी उपयोग विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु निर्णायक है। लोक निधियों के अल्प उपयोग एवं दुरुपयोग के कारणों का समालोचनात्मक परीक्षण करते हुए उनके निहितार्थों की समीक्षा कीजिए। (150 words) [UPSC 2019]
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लोक निधियों के अल्प उपयोग एवं दुरुपयोग के कारण और निहितार्थ
**1. अल्प उपयोग और दुरुपयोग के कारण
a. प्रशासनिक अक्षमता:
जटिल प्रशासनिक प्रक्रियाएँ और लालफीताशाही अक्सर निधियों के वितरण और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में विलंब का कारण बनती हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGS) के तहत परियोजनाओं में अक्सर देरी होती है।
b. भ्रष्टाचार और गलत प्रबंधन:
भ्रष्टाचार और जवाबदेही की कमी से निधियाँ गबन या गलत तरीके से इस्तेमाल हो सकती हैं। PM CARES फंड के संदर्भ में, निधियों के प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी के आरोप लगे हैं।
c. अपर्याप्त योजना और निगरानी:
अपर्याप्त योजना और निगरानी की कमी से संसाधनों का असमर्थन हो सकता है। स्मार्ट सिटी परियोजनाएँ भी समय पर न पूरी होने और लागत में वृद्धि की आलोचना का सामना कर चुकी हैं।
**2. निहितार्थ
a. विकास की रुकावट:
अल्प उपयोग और दुरुपयोग से विकास परियोजनाओं की प्रगति में रुकावट आती है, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में धीमी प्रगति।
b. सार्वजनिक विश्वास का ह्रास:
लोक निधियों के दुरुपयोग से सरकारी संस्थाओं में विश्वास घटता है, जिससे कल्याणकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है।
c. आर्थिक अक्षमता:
संसाधनों के असमर्थन से आर्थिक अक्षमता और विकास लक्ष्यों की पूर्ति में बाधा उत्पन्न होती है।
इन समस्याओं का समाधान उचित प्रशासनिक प्रक्रियाओं, भ्रष्टाचार विरोधी उपायों और प्रभावी निगरानी तंत्र के माध्यम से किया जा सकता है।